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ऑटो मार्केट प्लाट वितरण घोटाला मामले में तीन लोगों को तीन-तीन साल की सजा, 17 हजार का आर्थिक जुर्माना

हरियाणा सरकार की ओर से शहर की ऑटो कम कमर्शियल मार्केट में ऑटो व्यवसायियों को प्लाट वितरित किये. शर्त यह थी कि 279 प्लाट को नगर पालिका खुली नीलामी द्वारा बेचेगी. जबकि 703 प्लाट बिना लाभ हानि पर अलॉट किये.

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Published : Feb 4, 2019, 10:42 PM IST

कोर्ट ने सुनाया फैसला.

सिरसा: ऑटो मार्केट में प्लाट वितरण में हुए घोटाला मामले में आज सिरसा कोर्ट ने फैसला सुनाया. इस मामले में आरोपी नगर परिषद के तत्कालीन प्रशासक बीबी कौशिक, तत्कालीन कार्यकारी अधिकारी नेकी राम और लिपिक


सतपाल को 3-3 साल की सजा और 17-17 हजार रुपये जुर्माना लगाया है.
ये फैसला अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश जरनैल सिंह की कोर्ट ने सुनाया है. फिलहाल आरोपियों को जमातन भी मिल गई है.


दरअसल हरियाणा सरकार की ओर से शहर की ऑटो कम कमर्शियल मार्केट में ऑटो व्यवसायियों को प्लाट वितरित किये. शर्त यह थी कि 279 प्लाट को नगर पालिका खुली नीलामी द्वारा बेचेगी. जबकि 703 प्लाट बिना लाभ हानि पर अलॉट किये.


ये प्लाट उनको दिए जाने थे जो ऑटो व्यवसाय से जुड़े हो. साल 1995 में विजिलेंस को एक शिकायत प्राप्त हुई. जिसमें कहा गया कि इस प्लाट में वितरण में घोटाला हुआ है.
मामले की जांच विजिलेंस ने की. जिसके बाद जांच में सामने आया की 400 से अधिक प्लाट अपनी शक्तियों से बाहर जाकर मिलीभगत करते हुए अलॉट किये है.

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Haryana
कोर्ट ने सुनाया फैसला.
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इस मामले में प्रभावशाली नेता के दबाव में आकर अधिकारियो ने प्लाट आवंटित किये. जांच में पाया गया की ये प्लाट नियम शर्तो को दरकिनार करते हुए अपने निजी लोगों को दिए गए हैं. इसके बाद मामला कोर्ट में चला गया और आज लंबे समय के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है.


सरकारी वकील पीआर शर्मा ने बताया कि ऑटो मार्केट में प्लाट वितरित करने के मामले में धोखाधड़ी की गई थी. जिसकी विजिलेंस जांच में इन तीनों को आरोपी बनाया गया था. जिसके बाद आज कोर्ट ने तीनों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है. साथ ही इन तीनों को 17 - 17 हजार का जुर्माना भी लगाया है. हालांकि कोर्ट ने तीनों को मुचलके पर जमानत दे दी है.

सिरसा: ऑटो मार्केट में प्लाट वितरण में हुए घोटाला मामले में आज सिरसा कोर्ट ने फैसला सुनाया. इस मामले में आरोपी नगर परिषद के तत्कालीन प्रशासक बीबी कौशिक, तत्कालीन कार्यकारी अधिकारी नेकी राम और लिपिक


सतपाल को 3-3 साल की सजा और 17-17 हजार रुपये जुर्माना लगाया है.
ये फैसला अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश जरनैल सिंह की कोर्ट ने सुनाया है. फिलहाल आरोपियों को जमातन भी मिल गई है.


दरअसल हरियाणा सरकार की ओर से शहर की ऑटो कम कमर्शियल मार्केट में ऑटो व्यवसायियों को प्लाट वितरित किये. शर्त यह थी कि 279 प्लाट को नगर पालिका खुली नीलामी द्वारा बेचेगी. जबकि 703 प्लाट बिना लाभ हानि पर अलॉट किये.


ये प्लाट उनको दिए जाने थे जो ऑटो व्यवसाय से जुड़े हो. साल 1995 में विजिलेंस को एक शिकायत प्राप्त हुई. जिसमें कहा गया कि इस प्लाट में वितरण में घोटाला हुआ है.
मामले की जांच विजिलेंस ने की. जिसके बाद जांच में सामने आया की 400 से अधिक प्लाट अपनी शक्तियों से बाहर जाकर मिलीभगत करते हुए अलॉट किये है.

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Haryana
कोर्ट ने सुनाया फैसला.
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इस मामले में प्रभावशाली नेता के दबाव में आकर अधिकारियो ने प्लाट आवंटित किये. जांच में पाया गया की ये प्लाट नियम शर्तो को दरकिनार करते हुए अपने निजी लोगों को दिए गए हैं. इसके बाद मामला कोर्ट में चला गया और आज लंबे समय के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है.


सरकारी वकील पीआर शर्मा ने बताया कि ऑटो मार्केट में प्लाट वितरित करने के मामले में धोखाधड़ी की गई थी. जिसकी विजिलेंस जांच में इन तीनों को आरोपी बनाया गया था. जिसके बाद आज कोर्ट ने तीनों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है. साथ ही इन तीनों को 17 - 17 हजार का जुर्माना भी लगाया है. हालांकि कोर्ट ने तीनों को मुचलके पर जमानत दे दी है.

Intro:एंकर - सिरसा की ऑटो मार्किट में प्लाट वितरण में हुए घोटाला मामले में आज सिरसा कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए इस मामले में आरोपी नगर परिषद् के तत्कालीन प्रशासक बी बी कौशिक,तकलीन कार्यकारी अधिकारी नेकी राम और लिपिक
सतपाल को 3-3 साल की सजा और 17-17 हज़ार रुपये जुर्माना लगाया है,ये फैसला अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश जरनैल सिंह की कोर्ट ने सुनाया है.फ़िलहाल आरोपियों को जमानत भी मिल गई है.




Body:वीओ - दरअसल हरियाणा सरकार की ओर से शहर की ऑटो कम कमर्शियल मार्किट में ऑटो व्यवसाइयों को प्लाट वितरित किये जाने थे,शर्त यह थी की 279 प्लाट को नगर पालिका खुली नीलामी द्वारा बेचेगी। जबकि 703 प्लाट बिना लाभ हानि पर
अलॉट किये जाने थे,और ये प्लाट उनको दिए जाने थे जो ऑटो व्यवसाय से जुड़े हो,सन 1995 में विजिलेंस को एक शिकायत प्राप्त हुई जिसमे कहा गया इस प्लाट वितरण में घोटाला हुआ,मामले की जाँच विजिलेंस ने की और जाँच में सामने आया की 400 से अधिक प्लाट अपनी शक्तियों से बाहर जाकर मिलीभगत करते हुए अलॉट किये,इस मामले में प्रभावशाली नेता के दबाव में आकर अधिकारियो ने प्लाट आबंटित किये। जाँच में पाया गया की ये प्लाट नियम शर्तो को दरकिनार करते हुए अपने निजी लोगो को दिए गए.इसके बाद मामला कोर्ट में चला गया और आज इतने लम्बे समय बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया।

वीओ - सरकारी वकील पी आर शर्मा ने बताया कि ऑटो मार्किट में प्लाट वितरित करने के मामले में धोखाधड़ी की गई थी जिसकी विजिलेंस जाँच में इन तीनों को आरोपी बनाया गया था जिसके बाद आज कोर्ट ने तीनों को तीन तीन साल की सजा सुनाई है साथ ही इन तीनों को 17 - 17 हजार का जुर्माना भी लगाया है
हालाँकि कोर्ट ने तीनो को मुचलके पर जमानत दे दी है।

बाइट पी आर शर्मा , सरकारी वकील।  


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