सिरसा: चौटाला गांव के उप सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शिशु रोग विशेषज्ञ, महिला रोग विशेषज्ञ और एमबीबीएस के रिक्त पदों को भरने समेत कई मांगों को लेकर लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. 1 दिसंबर से लगातार ग्रामीणों का आंदोलन चल रहा है. जब लोगों की मांग नहीं सुनी गई तो आज सैंकड़ों की संख्या में गांव चौटाला के ग्रामीण और किसान जनचेतना यात्रा (Chautala villagers march to Chandigarh) के जरिए चंडीगढ़ तक पैदल यात्रा पर निकाल पड़े हैं.
26 दिसंबर को यात्रा चंडीगढ़ में प्रवेश करेगी और हरियाणा विधानसभा का घेराव करेंगे. आंदोलनकारियों का नेतृत्व कर रहे किसान नेता राकेश फगोड़िया ने कहा कि जन चेतना यात्रा स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने के साथ साथ क्रॉप कटिंग आधारित फसल बीमा क्लेम को लेकर भी है. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि प्रसूति रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ तुरंत लगाने एवं सभी रिक्त पदों को भरने और मोर्चरी एवं ऑपरेशन थिएटर को तत्काल शुरू करने से कम हमें कुछ भी मंजूर नहीं है. प्रशासन दो चिकित्सक लगाकर इस आंदोलन को समाप्त करवाना चाहता है जो की किसी भी सूरत में संभव नहीं है. अब वार्ता चंडीगढ़ में ही करेंगे. प्रशासन और सरकार किसी भी हालत में जन चेतना यात्रा को रोक नहीं पाएगी.
चौटाला गांव की जनचेतना यात्रा में पड़ोसी राज्य राजस्थान के सगंरिया और हनुमानगढ़ के लोग भी शामिल होंगे. इसके साथ साथ संयुक्त किसान मोर्चा के नेता रवि आजाद अपने साथियों के साथ यात्रा में शामिल रहेंगे. अन्य कई किसान नेता भी इस यात्रा में साथ चलेंगे. इलाके के प्रत्येक किसान मजदूर नौजवान को उनके हक हकूक के बारे में जागरूक करेंगे. जन चेतना यात्रा का मुख्य उद्देश्य ही आम जनता को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है.
आपको बता दें कि हरियाणा का चौटाला गांव (Chautala village of Haryana) कभी राजनीत का गढ़ रहा है. हरियाणा की राजनीति के सबसे पुराने घराने देवीलाल और चौटाला परिवार इसी गांव से आते हैं. गांव के नाम पर ही देवीलाल के घराने में नाम के आगे चौटाला लगने का चलन शुरू हुआ. देवीलाल देश के उप प्रधानमंत्री और हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे. उनके बेटे ओपी चौटाला भी उनके बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री बने. मौजूदा सरकार में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला हैं, जिनकी जड़ भी इसी गांव से जुड़ी है. देवीलाल के दूसरे बेटे रणजीत सिंह चौटाला का पैतृक गांव भी यही है.