सिरसा: जिस प्रकार जीवों के जीवित रहने के लिए जरूरी है धरा. उसी प्रकार इस धरा को जरूरत है जीवों की. क्योंकि वो जीव ही होते हैं जो इस धरा को जीवित रखने का काम करते हैं, लेकिन रासायनिक खेती इन जीवों को मारने का काम कर रही है और अब ये बाद दुनियाभर के लोगों की समझ में आने लगी है. इसलिए अब कुछ किसान रासायनिक खेती को छोड़कर जैविक खेती की ओर रुख करने लगे हैं.
ऐसे ही एक किसान हरियाणा के सिरसा जिले के रहने वाले हैं. जो खुद जैविक खेती कर रहे हैं और अन्य किसानों को भी जैविक खेती करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. इनका नाम है भंवर लाल स्वामी. भंवर लाल ने करीब 3 साल पहले जैविक खेती की शुरुआत की थी और प्रदेश के उन किसानों में नाम शामिल है जो खेती में विशेष पहचान रखते हैं.
भंवर लाल ने जैविक खेती का ज्ञान यूनिवर्सिटी से लिया और फिर इसकी शुरुआत की. भंवर लाल के मुताबिक जैविक खेती की लागत शून्य थी और फायदा बहुत. शुरुआत में भंवर लाल को काफी नुकसान हुआ था, लेकिन अब फायदा होने लगा है. भंरव लाल का मुनाफा 3 से 4 गुना बढ़ गया है. अब भंवर लाल के उत्पात सोशल मीडिया के मध्यम से भी बिकते हैं. भंवर लाल का कहना है कि अब उनको किसी सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं पड़ी, लोग उनको ढूंढते हुए उनके पास आते हैं.
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इसी के साथ इन्होंने मल्टीपल लेयर खेती करना शुरू कर दिया है और अपने क्षेत्र में पानी की कमी को देखते हुए भंवर लाल खेतों की सिंचाई ड्रॉपिंग सिस्टम से करते हैं. इसमें कम पानी में ज्यादा पैदावार होती है. भंरव लाल की मुख्यरूप से मसालेदार जैसे इलायची, तुलसी, अंजीर की फसल करते हैं. साथ ही भंवर लाल का कहना है कि जिन किसानों के पास अपनी जमीन है वो कुछ जमीन में जैविक खेती करें और कुछ में रासायनिक. इससे किसानों को मुनाफे का अंदाजा हो जाएगा.