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जाट कौम पर बोले नेता यशपाल मलिक, कहा-भिंडरावाले की तरह कर रही व्यवहार - जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संरक्षक यशपाल मलिक

रोहतक में जाट नेता यशपाल मलिक ने जाट कौम के खिलाफ अपनी भड़ास (Yashpal Malik on Jat Aarakshan Sangharsh Samiti) निकाली. उन्होंने कहा कि छोटूराम, चरण सिंह और देवीलाल के रास्ते पर चलने वाली कौम आज भिंडरावाले की तरह व्यवहार कर रही है.

Yashpal Malik on Jat Aarakshan Sangharsh Samiti
Yashpal Malik on Jat Aarakshan Sangharsh Samiti
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Published : Dec 11, 2022, 10:51 AM IST

रोहतक: अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संरक्षक यशपाल मलिक (Yashpal Malik on Jat Aarakshan Sangharsh Samiti) ने जाट कौम के खिलाफ अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि छोटूराम, चरण सिंह और देवीलाल के रास्ते पर चलने वाली कौम आज भिंडरावाले की तरह व्यवहार कर रही है. उन्होंने कहा कि हरियाणा में 200 से 300 लोग ऐसे हो गए हैं, जो सबके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं. आगे उन्होंने कहा कि जाट कौम में आज चाकू की नोंक पर काम करने वाले और पत्थर मारने वाले लोग पैदा हो गए हैं.


बता दें कि इस कार्यक्रम को लेकर पिछले कई दिन से विरोध चल रहा था. जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान जेल में जाने वाले आंदोलनकारी युवा इस कार्यक्रम का विरोध कर रहे थे. हालांकि शुक्रवार रात को दोनों पक्षों के बीच सहमति बन गई थी. लेकिन विरोध के चलते इस कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह व इनेलो नेता अभय चौटाला ने शिरकत नहीं की. जबकि मेघालय के पूर्व राज्यपाल सतपाल मलिक स्वास्थ्य खराब होने के चलते नहीं आए.

इसी पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए यशपाल मलिक ने कहा कि राजनीतिक आदमी सोचता है कि विवाद और बेइज्जती की जगह क्यों जाऊं. कुछ राजनीतिक दल के कार्यकर्ता इसी काम में लगे हुए हैं. हालांकि इस कार्यक्रम में दिल्ली कैंट से आम आदमी पार्टी के विधायक वीरेंद्र कादियान व एनसीपी की स्टूडेंट विंग की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया दूहन भी पहुंची. इसके अलावा जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान जेल जाने वाले युवा भी मौजूद रहे. इन युवाओं को सम्मानित भी किया गया.


पत्रकारों से बातचीत में यशपाल मलिक ने कहा कि हरियाणा में ऐसी परिस्थिति पैदा हो गई है कि विरोध की नीति को निजी विरोध और बदले की भावना में लिया जा रहा है. वे यहां के राजनीतिक दलों का विरोध करते हैं. जाट नेता ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि जो आदमी जाट कौम के लिए सरकार से लड़ाई लड़े, उस पर ही आरोप लगाए जाते हैं.

यह भी पढ़ें-किसानों की महापंचायत कल, बोले- मांगें नहीं मानी तो 2023 में करेंगे 2020 वाला किसान आंदोलन

इसलिए उन्होंने जाट आरक्षण संघर्ष समिति (Akhil Bhartiya Jat Aarakshan Sangharsh Samiti) को हरियाणा के लोगों को ही सौंपने का निर्णय लिया. उन्होंने अतीत का जिक्र करते हुए कहा कि जब हिसार में कोई आंदोलन होता है तो रोहतक, झज्जर, सोनीपत के आदमी मदद के लिए नहीं जाते लेकिन जब यहां केस दर्ज होते हैं तो उन्हें उछाला जाता है. दादागिरी और गंदगी पैदा की जाती है. उन्होंने कहा कि यहां सबका निजी एंजेडा है.

रोहतक: अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संरक्षक यशपाल मलिक (Yashpal Malik on Jat Aarakshan Sangharsh Samiti) ने जाट कौम के खिलाफ अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि छोटूराम, चरण सिंह और देवीलाल के रास्ते पर चलने वाली कौम आज भिंडरावाले की तरह व्यवहार कर रही है. उन्होंने कहा कि हरियाणा में 200 से 300 लोग ऐसे हो गए हैं, जो सबके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं. आगे उन्होंने कहा कि जाट कौम में आज चाकू की नोंक पर काम करने वाले और पत्थर मारने वाले लोग पैदा हो गए हैं.


बता दें कि इस कार्यक्रम को लेकर पिछले कई दिन से विरोध चल रहा था. जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान जेल में जाने वाले आंदोलनकारी युवा इस कार्यक्रम का विरोध कर रहे थे. हालांकि शुक्रवार रात को दोनों पक्षों के बीच सहमति बन गई थी. लेकिन विरोध के चलते इस कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह व इनेलो नेता अभय चौटाला ने शिरकत नहीं की. जबकि मेघालय के पूर्व राज्यपाल सतपाल मलिक स्वास्थ्य खराब होने के चलते नहीं आए.

इसी पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए यशपाल मलिक ने कहा कि राजनीतिक आदमी सोचता है कि विवाद और बेइज्जती की जगह क्यों जाऊं. कुछ राजनीतिक दल के कार्यकर्ता इसी काम में लगे हुए हैं. हालांकि इस कार्यक्रम में दिल्ली कैंट से आम आदमी पार्टी के विधायक वीरेंद्र कादियान व एनसीपी की स्टूडेंट विंग की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया दूहन भी पहुंची. इसके अलावा जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान जेल जाने वाले युवा भी मौजूद रहे. इन युवाओं को सम्मानित भी किया गया.


पत्रकारों से बातचीत में यशपाल मलिक ने कहा कि हरियाणा में ऐसी परिस्थिति पैदा हो गई है कि विरोध की नीति को निजी विरोध और बदले की भावना में लिया जा रहा है. वे यहां के राजनीतिक दलों का विरोध करते हैं. जाट नेता ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि जो आदमी जाट कौम के लिए सरकार से लड़ाई लड़े, उस पर ही आरोप लगाए जाते हैं.

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इसलिए उन्होंने जाट आरक्षण संघर्ष समिति (Akhil Bhartiya Jat Aarakshan Sangharsh Samiti) को हरियाणा के लोगों को ही सौंपने का निर्णय लिया. उन्होंने अतीत का जिक्र करते हुए कहा कि जब हिसार में कोई आंदोलन होता है तो रोहतक, झज्जर, सोनीपत के आदमी मदद के लिए नहीं जाते लेकिन जब यहां केस दर्ज होते हैं तो उन्हें उछाला जाता है. दादागिरी और गंदगी पैदा की जाती है. उन्होंने कहा कि यहां सबका निजी एंजेडा है.

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