रोहतक: कोविड-19 को खत्म करने के लिए बीसीजी वैक्सीन के इस्तेमाल को हरी झंडी मिल गई है. फिलहाल देश के पांच बड़े मेडिकल संस्थानों को वैक्सीन के ट्रायल की जिम्मेवारी सौंपी गई है. इन संस्थानों में रोहतक का पंडित बीडी शर्मा पीजीआईएमएस भी शामिल है. फेस-3 क्लीनिक ट्रायल नाम के इस प्रोजेक्ट में पर काम शुरू हो गया है. इस शोध की जिम्मेवारी पीजीआईएमएस के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर रमेश वर्मा और इन्वेस्टिगेटर प्रोफेसर श्वेता वर्मा को सौंपा गई है, जो इस प्रोजेक्ट की प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर हैं.
कोरोना पर बीसीजी वैक्सीन का ट्रायल
पंडित भगवत दयाल पीजीआईएमएस कम्युनिटी मेडिसिन विभाग की डॉक्टर प्रोफेसर सविता वर्मा ने बीसीजी वैक्सीन के शोध के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने देश के पांच मेडिकल संस्थानों को कोरोना पॉजिटिव मरीजों पर काम करने वाले और उनके अटेंडेंट पर बीसीजी वैक्सीन के प्रयोग की जिम्मेवारी देते हुए शोध करने के लिए कहा है. जिसमें रोहतक पीजीआई की टीम ने 75 बीसीजी वैक्सीन के साथ 175 लोगों पर ट्रायल की रूप रेखा तैयार कर ली है.
इस वैक्सीन का ट्रायल उन लोगों पर किया जाएगा जो कोरोना वायरस पॉजिटिव मरीज के नजदीक रहे हों. इसमें डॉक्टर, नर्स और अन्य मेडिकल स्टाफ शामिल है. साथ में कोरोना पॉजिटिव मरीज के अटेंडेंट परिवार के सदस्य शामिल किए जाएंगे. इस वैक्सीन के इस्तेमाल से शोधकर्ता ये पता लगा कर बताएंगे कि इस वैक्सीन के देने के बाद कोरोना संक्रमित मरीज के नजदीकी लोग कोरोना पॉजिटिव होते हैं या नहीं.
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इम्यूनिटी बढ़ाती है बीसीजी वैक्सीन
बीसीजी वैक्सीन जोकि तपेदिक रोग यानी टीबी के बचाव के लिए भारत में बच्चों को दी जाती है. ये वैक्सीन बैक्टीरिया को खत्म करती है. इस वैक्सीन का इस्तेमाल एंटी वायरल में भी किया जा सकता है. इसी अनुभव को लेकर डीसीजीआई ने अब बड़े पैमाने पर इसका शोध करवाकर कोविड-19 पर काबू करने की इस वैक्सीन के माध्यम से पहल की है. ये भी बताया गया है कि बीसीजी वैक्सीन मरीज के इम्यूनिटी सिस्टम को भी बढ़ाता है.