रोहतक: जिला प्रशासन ने ग्रामीण इलाकों में बीमार लोगों की सूची तैयार करने के लिए जिला आयुष अधिकारी सुषमा नैन को नोडल आफिसर बनाया है. इनकी देखरेख में जिले की करीब 700 आशा वर्कर्स गांवों में बीमार लोगों की सूची तैयार करेंगी.
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इसमें ये भी पता लगाया जाएगा कि कितने लोग गंभीर है और उनको ऑक्सीजन व अन्य स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत है. संवेदनशील गांवों में टेस्टिंग, सैंपलिंग, सैनेटाइजेशन की प्रक्रिया अलग से चलेगी. उधर, गांव टिटौली में मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. शुक्रवार को भी एक बुजुर्ग की मौत हो गई जबकि सैंपलिग में 78 लोगों में से 10 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. वहीं संवेदनशील गांवों में टिटौली, लाखनमाजरा, मोखरा, बलम्बा, खरकड़ा, ईस्माइला, घिलौड़, किलोई, काहनौर सहित अन्य शामिल हैं.
पुरुष लगाएंगे गांवों में ठीकरी पहरा
रोहतक उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने जिले की सभी ग्राम पंचायतों को निर्देश दिए हैं कि वो गांव के स्वस्थ व्यस्क पुरुषों की दिन-रात पेट्रोलिंग पर लगाए और गांव में लोगों को एकत्रित होने से रोके. ये आदेश आगामी 31 जुलाई तक लागू रहेंगे. उपायुक्त ने कहा कि कोविड-19 महामारी के संक्रमण से बचाव के लिए लोगों की गतिविधियों पर पाबंदी लगाना अनिवार्य हो गया है.
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उपायुक्त ने कहा कि जिले के गांवों का सर्वे कराया गया है और जनवरी, फरवरी, मार्च, अपैल महीने के बजाय मई में जहां कोरोना संक्रमण के ज्यादा केस आए हैं, उनको चिह्नित किया गया है. उन्होंने कहा कि इन गांवों को संवेदनशील मानते हुए सैनेटाइजेशन, टेस्टिंग, सैंपलिंग और लोगों को कोविड प्रोटोकॉल की हिदायतों की पालना को लेकर जागरूक किया जा रहा है.