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बाबा रामदेव को बड़ी राहत! कांग्रेस नेता सुभाष बत्रा ने वापस लिया केस

कोर्ट में पेश न होने पर अदालत ने बाबा रामदेव के गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे. जिस पर सोमवार को सुनवाई होनी थी. सुनवाई से पहले ही शिकायतकर्ता और पूर्व मंत्री सुभाष बत्रा ने केस वापस लेने की अर्जी दाखिल की. जिसकी अनुमति कोर्ट ने भी दे दी है.

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कांग्रेस नेता सुभाष बत्रा ने वापस लिया भड़काऊ बयान का केस
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Published : Jan 28, 2020, 5:32 PM IST

Updated : Jan 28, 2020, 6:10 PM IST

रोहतक: जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा के बाद रोहतक पहुंचे बाबा रामदेव के खिलाफ 124A, 153 और 153 A धारा के तहत केस दर्ज किया गया था, जिसे अब वापस ले लिया गया है. आज मामले में शिकायतकर्ता और पूर्व मंत्री सुभाष बत्रा अदालत में पेश हुए और उन्होंने केस वापस लेने के लिए अर्जी लगाई.

कोर्ट ने सुनवाई करते हुए पूर्व मंत्री को केस वापस लेने की अनुमति दे दी है. अदालत की तरफ से आज के लिए बाबा रामदेव के गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए थे. बता दें कि फरवरी 2016 में रोहतक में आगजनी हुई थी. इसके बाद 3 अप्रैल 2016 को नई अनाज मंडी में सामाजिक सद्भाव के लिए जनसभा का आयोजन किया गया. जिसमें बाबा रामदेव भी पहुंचे थे.

बाबा रामदेव को मिली बढ़ी राहत

ये भी पढ़िए:फरीदाबाद में बोले सीएम खट्टर, 'रेप के दोषी का होगा सामाजिक बहिष्कार'

कांग्रेस के पूर्व मंत्री सुभाष बत्रा ने पुलिस को शिकायत दी थी कि बाबा रामदेव ने जनसभा में भड़काऊ भाषण दिया है. जब पुलिस ने बाबा रामदेव के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया तो उन्होंने अदालत में याचिका लगाई. अदालत के आदेश पर बाबा रामदेव के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का मामला दर्ज किया गया, तभी से कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही थी.

कोर्ट ने जारी किया था अरेस्ट वारंट
कोर्ट में पेश न होने पर अदालत ने बाबा रामदेव के गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे. जिस पर सोमवार को सुनवाई होनी थी. सुनवाई से पहले ही शिकायतकर्ता और पूर्व मंत्री सुभाष बत्रा ने केस वापस लेने की अर्जी दाखिल की. जिसकी अनुमति कोर्ट ने भी दे दी है.

क्या कहा सुभाष बत्रा ने?
सुभाष बत्रा ने कहा की उस समय बाबा रामदेव की जुबान फिसल गई थी. उन्होंने बाबा रामदेव के साथ बैठकर सभी शंकाओं को दूर कर दिया है, इसलिए उन्होंने अपना ये केस वापस ले लिया है.

रोहतक: जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा के बाद रोहतक पहुंचे बाबा रामदेव के खिलाफ 124A, 153 और 153 A धारा के तहत केस दर्ज किया गया था, जिसे अब वापस ले लिया गया है. आज मामले में शिकायतकर्ता और पूर्व मंत्री सुभाष बत्रा अदालत में पेश हुए और उन्होंने केस वापस लेने के लिए अर्जी लगाई.

कोर्ट ने सुनवाई करते हुए पूर्व मंत्री को केस वापस लेने की अनुमति दे दी है. अदालत की तरफ से आज के लिए बाबा रामदेव के गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए थे. बता दें कि फरवरी 2016 में रोहतक में आगजनी हुई थी. इसके बाद 3 अप्रैल 2016 को नई अनाज मंडी में सामाजिक सद्भाव के लिए जनसभा का आयोजन किया गया. जिसमें बाबा रामदेव भी पहुंचे थे.

बाबा रामदेव को मिली बढ़ी राहत

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कांग्रेस के पूर्व मंत्री सुभाष बत्रा ने पुलिस को शिकायत दी थी कि बाबा रामदेव ने जनसभा में भड़काऊ भाषण दिया है. जब पुलिस ने बाबा रामदेव के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया तो उन्होंने अदालत में याचिका लगाई. अदालत के आदेश पर बाबा रामदेव के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का मामला दर्ज किया गया, तभी से कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही थी.

कोर्ट ने जारी किया था अरेस्ट वारंट
कोर्ट में पेश न होने पर अदालत ने बाबा रामदेव के गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे. जिस पर सोमवार को सुनवाई होनी थी. सुनवाई से पहले ही शिकायतकर्ता और पूर्व मंत्री सुभाष बत्रा ने केस वापस लेने की अर्जी दाखिल की. जिसकी अनुमति कोर्ट ने भी दे दी है.

क्या कहा सुभाष बत्रा ने?
सुभाष बत्रा ने कहा की उस समय बाबा रामदेव की जुबान फिसल गई थी. उन्होंने बाबा रामदेव के साथ बैठकर सभी शंकाओं को दूर कर दिया है, इसलिए उन्होंने अपना ये केस वापस ले लिया है.

Intro:हरियाणा के पूर्व गृह राज्यमंत्री व कांग्रेस नेता सुभाष बत्रा ने बाबा रामदेव के खिलाफ की केस को लिया वापस

3 अप्रैल 2016 को जाट आरक्षण आंदोलन हिंसा के बाद हुआ था सद्भावना सम्मेलन

जिसमें बाबा रामदेव ने संबोधन के दौरान कहा था, कानून में हाथ बंधे है नहीं तो लाखों सिर धड़ से अलग हो जाते

इस बयान पर भड़काऊ भाषण का आरोप लगाते हुए सुभाष बत्रा ने दी थी 4 अप्रैल 2016 को शिकायत

कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद हुआ था मामला दर्ज



रोहतक। जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा के बाद रोहतक पहुंचे बाबा रामदेव के खिलाफ 124 A,153, 153 ,153A धारा के तहत हुआ था दर्ज केस वापस हो गया है आज मामले में शिकायतकर्ता एवं पूर्व मंत्री सुभाष बत्रा अदालत में पेश हुए और केस वापस लेने के लिए अर्जी लगाई। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए पूर्व मंत्री को केस वापस लेने की अनुमति दे दी। अदालत की तरफ से आज के लिए बाबा रामदेव के गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए थे । बता दे कि फरवरी 2016 में रोहतक में आगजनी हुई थी। Body:इसके बाद 3 अप्रैल 2016 को नई अनाज मंडी में सामाजिक सद्भाव के लिए जनसभा का आयोजन किया गया। जिसमें बाबा रामदेव भी पहुंचे थे। कांग्रेस के पूर्व मंत्री सुभाष बत्रा ने पुलिस को शिकायत दी कि बाबा रामदेव ने जनसभा में भड़काऊ भाषण दिया है। जब पुलिस ने बाबा रामदेव के खिलाफ केस दर्ज नही किया तो उन्होंने अदालत में याचिका लगाई। अदालत के आदेश पर बाबा रामदेव के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का मामला दर्ज किया गया। तभी से कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही थी।Conclusion: कोर्ट में पेश न होने पर अदालत ने बाबा रामदेव के गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे। जिन पर सोमवार को सुनवाई होनी थी। सुनवाई से पहले ही शिकायतकर्ता एवं पूर्व मंत्री सुभाष बतरा ने केस वापस लेने की अर्जी दाखिल की । कोर्ट ने इसकी अनुमति दे दी है।

बत्रा ने कहा की उस समय बाबा रामदेव की जबान फिसल गई थी और जिसे उन्होंने उनके साथ बैठकर सभी शंकाओं को दूर कर दिया है इसलिए उन्होंने अपना यह केस वापस ले लिया

बाईट सुभाष बतरा, पूर्व गृह राज्यमंत्री हरियाणा व कांग्रेस नेता

Last Updated : Jan 28, 2020, 6:10 PM IST
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