रोहतक: जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा के बाद रोहतक पहुंचे बाबा रामदेव के खिलाफ 124A, 153 और 153 A धारा के तहत केस दर्ज किया गया था, जिसे अब वापस ले लिया गया है. आज मामले में शिकायतकर्ता और पूर्व मंत्री सुभाष बत्रा अदालत में पेश हुए और उन्होंने केस वापस लेने के लिए अर्जी लगाई.
कोर्ट ने सुनवाई करते हुए पूर्व मंत्री को केस वापस लेने की अनुमति दे दी है. अदालत की तरफ से आज के लिए बाबा रामदेव के गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए थे. बता दें कि फरवरी 2016 में रोहतक में आगजनी हुई थी. इसके बाद 3 अप्रैल 2016 को नई अनाज मंडी में सामाजिक सद्भाव के लिए जनसभा का आयोजन किया गया. जिसमें बाबा रामदेव भी पहुंचे थे.
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कांग्रेस के पूर्व मंत्री सुभाष बत्रा ने पुलिस को शिकायत दी थी कि बाबा रामदेव ने जनसभा में भड़काऊ भाषण दिया है. जब पुलिस ने बाबा रामदेव के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया तो उन्होंने अदालत में याचिका लगाई. अदालत के आदेश पर बाबा रामदेव के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का मामला दर्ज किया गया, तभी से कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही थी.
कोर्ट ने जारी किया था अरेस्ट वारंट
कोर्ट में पेश न होने पर अदालत ने बाबा रामदेव के गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे. जिस पर सोमवार को सुनवाई होनी थी. सुनवाई से पहले ही शिकायतकर्ता और पूर्व मंत्री सुभाष बत्रा ने केस वापस लेने की अर्जी दाखिल की. जिसकी अनुमति कोर्ट ने भी दे दी है.
क्या कहा सुभाष बत्रा ने?
सुभाष बत्रा ने कहा की उस समय बाबा रामदेव की जुबान फिसल गई थी. उन्होंने बाबा रामदेव के साथ बैठकर सभी शंकाओं को दूर कर दिया है, इसलिए उन्होंने अपना ये केस वापस ले लिया है.