रोहतक: कभी जिस बेटी को गर्भ में ही मारने का दबाव परिवार पर था, आज उसी बेटी ने जेईई की परीक्षा में 99. 47% अंक लेकर पूरे देश में रोहतक जिले के हसनगढ़ गांव का नाम रोशन कर दिया है. भले ही पिता अपाहिज हैं, लेकिन अपनी इस बेटी की पढ़ाई के लिए उन्होंने कोई भी कमी नहीं आने दी. अब पिता की इच्छा है कि बेटी कल्पना चावला की तरह देश में नाम कमाए.
इस बेटी का नाम सिमरन है जो अब देश की सबसे बड़े आईआईटी संस्थान से कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग करने का सपना देख रही है.
रोहतक जिले के हसनगढ़ गांव में रहने वाले श्रीनिवास एक छोटे से किसान हैं. परिवार की हालत अच्छी नहीं है और दूसरी ओर खुद भी अपाहिज हैं, लेकिन आज उनकी बेटी ने पूरे देश में उनका नाम रोशन किया है. जेईई 2020 के मेन का जब रिजल्ट आया तो उनका खुशी का ठिकाना नहीं रहा, क्योंकि उनकी बेटी ने इस परीक्षा में 99.47% अंक हासिल कर पूरे देश में उनका और उनके गांव का नाम रोशन कर दिया.
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इसके लिए परिवार हरियाणा सरकार की सुपर 100 स्कीम का भी धन्यवाद कर रहा है, क्योंकि उसी स्कीम के तहत सिमरन ने रेवाड़ी से जेईई परीक्षा के लिए कोचिंग ली.
परिवार ने बनाया था गर्भपात कराने का दबाव
सिमरन के पिता श्रीनिवास का कहना है कि उनकी दो बेटियां थी. जिसके बाद जब सिमरन गर्भ में थी, तो परिवार का दबाव था कि कहीं तीसरी बेटी ना हो जाए, इसलिए गर्भपात करवा दिया जाए.श्रीनिवास और उसकी पत्नी ने किसी तरीके से परिवार को मनाया और इस घिनौने काम को नहीं होने दिया.
स्कूल में भी सिमरन ने हासिल की थी मेरिट
श्रीनिवास का कहना है कि उनकी बेटी पढ़ाई में अव्वल रही है. गांव के स्कूल में सिमरन ने दसवीं क्लास में भी मेरिट हासिल की थी और जिसके बाद जब हरियाणा सरकार की सुपर 100 स्कीम आई तो उसकी परीक्षा में भी उसने सफलता हासिल की. इसी वजह से वो जेईई की परीक्षा पास कर पाई है.
पूरे परिवार को है सिमरन पर गर्व
वहीं सिमरन की मां सुनीता और ताई कृष्णा भी अपनी इस बेटी की उपलब्धि को लेकर काफी खुश हैं और उनका कहना है कि उनकी बेटी ने देश में नाम रोशन कर दिया है. वो चाहती हैं कि सभी बेटियां इसी तरह से मेहनत करें और अपने परिवार का नाम रोशन करें.