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जेईई मेंस 2020: जिस बेटी को कभी की थी गर्भ में मारने की कोशिश, आज उसी ने किया नाम रौशन - किसान की बेटी सिमरन ने जेईई किया टॉप

सिमरन के पिता श्रीनिवास ने बताया कि उनकी दो बेटियां थी. जिसके बाद जब सिमरन गर्भ में थी, तो परिवार का दबाव था कि कहीं तीसरी बेटी ना हो जाए, इसलिए गर्भपात करवा दिया जाए. श्रीनिवास और उनकी पत्नी ने किसी तरीके से परिवार को मनाया और इस घिनौने काम को नहीं होने दिया.

जेईई टॉपर सिमरन
जेईई टॉपर सिमरन
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Published : Jan 22, 2020, 5:52 PM IST

रोहतक: कभी जिस बेटी को गर्भ में ही मारने का दबाव परिवार पर था, आज उसी बेटी ने जेईई की परीक्षा में 99. 47% अंक लेकर पूरे देश में रोहतक जिले के हसनगढ़ गांव का नाम रोशन कर दिया है. भले ही पिता अपाहिज हैं, लेकिन अपनी इस बेटी की पढ़ाई के लिए उन्होंने कोई भी कमी नहीं आने दी. अब पिता की इच्छा है कि बेटी कल्पना चावला की तरह देश में नाम कमाए.

इस बेटी का नाम सिमरन है जो अब देश की सबसे बड़े आईआईटी संस्थान से कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग करने का सपना देख रही है.

जिस बेटी को कभी की थी गर्भ में मारने की कोशिश, आज सी ने किया नाम रोशन
अपाहिज हैं सिमरन के पिता

रोहतक जिले के हसनगढ़ गांव में रहने वाले श्रीनिवास एक छोटे से किसान हैं. परिवार की हालत अच्छी नहीं है और दूसरी ओर खुद भी अपाहिज हैं, लेकिन आज उनकी बेटी ने पूरे देश में उनका नाम रोशन किया है. जेईई 2020 के मेन का जब रिजल्ट आया तो उनका खुशी का ठिकाना नहीं रहा, क्योंकि उनकी बेटी ने इस परीक्षा में 99.47% अंक हासिल कर पूरे देश में उनका और उनके गांव का नाम रोशन कर दिया.

ये भी पढ़िए: दिल्ली विधानसभा चुनाव: हरियाणा बीजेपी को 17 सीटों की जिम्मेदारी

इसके लिए परिवार हरियाणा सरकार की सुपर 100 स्कीम का भी धन्यवाद कर रहा है, क्योंकि उसी स्कीम के तहत सिमरन ने रेवाड़ी से जेईई परीक्षा के लिए कोचिंग ली.

परिवार ने बनाया था गर्भपात कराने का दबाव
सिमरन के पिता श्रीनिवास का कहना है कि उनकी दो बेटियां थी. जिसके बाद जब सिमरन गर्भ में थी, तो परिवार का दबाव था कि कहीं तीसरी बेटी ना हो जाए, इसलिए गर्भपात करवा दिया जाए.श्रीनिवास और उसकी पत्नी ने किसी तरीके से परिवार को मनाया और इस घिनौने काम को नहीं होने दिया.

स्कूल में भी सिमरन ने हासिल की थी मेरिट
श्रीनिवास का कहना है कि उनकी बेटी पढ़ाई में अव्वल रही है. गांव के स्कूल में सिमरन ने दसवीं क्लास में भी मेरिट हासिल की थी और जिसके बाद जब हरियाणा सरकार की सुपर 100 स्कीम आई तो उसकी परीक्षा में भी उसने सफलता हासिल की. इसी वजह से वो जेईई की परीक्षा पास कर पाई है.

पूरे परिवार को है सिमरन पर गर्व
वहीं सिमरन की मां सुनीता और ताई कृष्णा भी अपनी इस बेटी की उपलब्धि को लेकर काफी खुश हैं और उनका कहना है कि उनकी बेटी ने देश में नाम रोशन कर दिया है. वो चाहती हैं कि सभी बेटियां इसी तरह से मेहनत करें और अपने परिवार का नाम रोशन करें.

रोहतक: कभी जिस बेटी को गर्भ में ही मारने का दबाव परिवार पर था, आज उसी बेटी ने जेईई की परीक्षा में 99. 47% अंक लेकर पूरे देश में रोहतक जिले के हसनगढ़ गांव का नाम रोशन कर दिया है. भले ही पिता अपाहिज हैं, लेकिन अपनी इस बेटी की पढ़ाई के लिए उन्होंने कोई भी कमी नहीं आने दी. अब पिता की इच्छा है कि बेटी कल्पना चावला की तरह देश में नाम कमाए.

इस बेटी का नाम सिमरन है जो अब देश की सबसे बड़े आईआईटी संस्थान से कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग करने का सपना देख रही है.

जिस बेटी को कभी की थी गर्भ में मारने की कोशिश, आज सी ने किया नाम रोशन
अपाहिज हैं सिमरन के पिता

रोहतक जिले के हसनगढ़ गांव में रहने वाले श्रीनिवास एक छोटे से किसान हैं. परिवार की हालत अच्छी नहीं है और दूसरी ओर खुद भी अपाहिज हैं, लेकिन आज उनकी बेटी ने पूरे देश में उनका नाम रोशन किया है. जेईई 2020 के मेन का जब रिजल्ट आया तो उनका खुशी का ठिकाना नहीं रहा, क्योंकि उनकी बेटी ने इस परीक्षा में 99.47% अंक हासिल कर पूरे देश में उनका और उनके गांव का नाम रोशन कर दिया.

ये भी पढ़िए: दिल्ली विधानसभा चुनाव: हरियाणा बीजेपी को 17 सीटों की जिम्मेदारी

इसके लिए परिवार हरियाणा सरकार की सुपर 100 स्कीम का भी धन्यवाद कर रहा है, क्योंकि उसी स्कीम के तहत सिमरन ने रेवाड़ी से जेईई परीक्षा के लिए कोचिंग ली.

परिवार ने बनाया था गर्भपात कराने का दबाव
सिमरन के पिता श्रीनिवास का कहना है कि उनकी दो बेटियां थी. जिसके बाद जब सिमरन गर्भ में थी, तो परिवार का दबाव था कि कहीं तीसरी बेटी ना हो जाए, इसलिए गर्भपात करवा दिया जाए.श्रीनिवास और उसकी पत्नी ने किसी तरीके से परिवार को मनाया और इस घिनौने काम को नहीं होने दिया.

स्कूल में भी सिमरन ने हासिल की थी मेरिट
श्रीनिवास का कहना है कि उनकी बेटी पढ़ाई में अव्वल रही है. गांव के स्कूल में सिमरन ने दसवीं क्लास में भी मेरिट हासिल की थी और जिसके बाद जब हरियाणा सरकार की सुपर 100 स्कीम आई तो उसकी परीक्षा में भी उसने सफलता हासिल की. इसी वजह से वो जेईई की परीक्षा पास कर पाई है.

पूरे परिवार को है सिमरन पर गर्व
वहीं सिमरन की मां सुनीता और ताई कृष्णा भी अपनी इस बेटी की उपलब्धि को लेकर काफी खुश हैं और उनका कहना है कि उनकी बेटी ने देश में नाम रोशन कर दिया है. वो चाहती हैं कि सभी बेटियां इसी तरह से मेहनत करें और अपने परिवार का नाम रोशन करें.

Intro:जिस बेटी को कभी गृभ में ही मारने का सोचा उसी ने किया नाम रोशन

जेईई की परीक्षा में लिए 99.47 प्रतिशत नम्बर

अब सपना देश के सबसे बड़े आईआईटी संस्थान से करे कम्प्यूटर साइंस इंजीनियरिंग

पिता लकवे का शिकार, फिर भी पढ़ाई के लिए नही की कोई कमी

सुपर 100 कार्यक्रम के लिए किया हरियाणा सरकार का धन्यवाद

एंकर-कभी जिस बेटी को गर्भ में ही मारने का दबाव परिवार की ओर से था, आज उसी बेटी ने जेईई की परीक्षा में 99. 47% अंक लेकर पूरे देश में रोहतक जिले के हसनगढ़ गांव का नाम रोशन कर दिया है। भले ही पिता अपाहिज हैं लेकिन अपनी इस बेटी की पढ़ाई के लिए उन्होंने कोई भी कमी नहीं आने दी और अब उनकी इच्छा है कि बेटी कल्पना चावला की तरह देश में नाम कमाए। इस बेटी सिमरन का अब यह भी सपना है कि देश की सबसे बड़े आईआईटी संस्थान से कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग करे।

Body:रोहतक जिले के हसनगढ़ गांव में रहने वाले श्रीनिवास एक छोटे से किसान हैं। परिवार की हालत अच्छी नहीं और दूसरी ओर खुद भी अपाहिज हैं, लेकिन आज उनकी बेटी ने पूरे देश में उनका नाम रोशन किया है। जेईई 2020 के मेन का जब रिजल्ट आया तो उनका खुशी का ठिकाना नहीं रहा। क्योंकि उनकी बेटी ने इस परीक्षा में 99.47% अंक हासिल कर पूरे देश में उनका व उनके गांव का नाम रोशन कर दिया। इसके लिए परिवार हरियाणा सरकार की सुपर 100 स्कीम का भी धन्यवाद कर रहा है। क्योंकि उसी स्कीम के तहत यह सिमरन ने रेवाड़ी से जेईई परीक्षा के लिए कोचिंग ली।Conclusion:पिता श्रीनिवास का कहना है कि उनकी दो बेटियां थी। जिसके बाद जब सिमरन गर्भ में थी, तो परिवार का दबाव था कि कहीं तीसरी बेटी ना हो जाए इसलिए गर्भपात करवा दिया जाए। लेकिन श्रीनिवास व उसकी पत्नी ने किसी तरीके से परिवार को मनाया और इस घिनौने काम को नहीं होने दिया। श्रीनिवास का कहना है कि उनकी बेटी पढ़ाई में अव्वल रही है। गांव के स्कूल में सिमरन ने दसवीं क्लास में भी मेरिट हासिल की थी और जिसके बाद जब हरियाणा सरकार की सुपर 100 स्कीम आई तो उसकी परीक्षा में भी उसने सफलता हासिल की और इसी वजह से वह जेईई की परीक्षा पास कर पाई है। इतने अच्छे अंक लाना उनके लिए बहुत खुशी की बात है। अब उनकी तमन्ना है कि बेटी देश के सबसे बड़े आईआईटी संस्थान से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग करें। सिमरन फिलहाल रेवाड़ी में ही है और अभी तक घर वापस नहीं आई है।

बाईट श्रीनिवास, पिता

मां सुनीता व ताई कृष्णा भी अपनी इस बेटी की उपलब्धि को लेकर काफी खुश हैं और उनका कहना है कि उनकी बेटी ने देश में नाम रोशन कर दिया है और वे चाहती हैं कि सभी बेटियां इसी तरह से मेहनत करें और अपने परिवार का नाम रोशन करें।

बाईट सुनीता माँ

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