रोहतक: अयोध्या भूमि विवाद पर देश की सर्वोच्च न्यायालय ने आखिरकार अपना फैसला सुना दिया. लगातार 40 दिन तक चली सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या भूमि विवाद पर फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले सुनाते ही इस पर प्रतिक्रियाएं भी सामने आने लगी हैं.
मुस्लिम समाज के लोगों ने किया फैसले का स्वागत
अयोध्या भूमि विवाद पर दिए गए फैसले से सिर्फ हिंदू धर्म के लोग ही नहीं बल्कि मुस्लिम समाज के लोग भी बेहद खुश हैं. अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए मुस्लिस समाज के लोगों ने कहा कि ये फैसला हिंदू-मुस्लिम भाई-चारे को बढ़ाने का काम करेगा.
'सुप्रीम कोर्ट के फैसले से हम खुश हैं'
रोहतक निवासी आसिफ इकबाल ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एतिहासिक फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि अयोध्या में ये मामला लंबे समय से चलता आ रहा है. अब आखिर ये फैसला आ गया है इससे हमें बहुत खुशी है. उन्होंने कहा कि हम इस फैसले को मानते हैं और सर आखों पर रखते हैं.
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'सुप्रीम कोर्ट ने तथ्यों के आधार पर लिया फैसला'
उन्होंने ये भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला आस्था के आधार पर नहीं बल्कि तथ्यों के आधार पर लिया है. आसिफ ने कहा कि फैसले में अच्छी बात ये भी है कि मुस्लिम पक्ष को भी पांच एकड़ जमीन दी गई है, जहां पर मस्जिद बनाई जा सकती है.
'हिंदू-मुस्लिम एक हैं'
फैसला आने से पहले ये कहा जा रहा था कि सभी अमन-चैन बनाए रखें. इस पर आसिफ ने कहा कि हिंदू-मुस्लिम एक हैं. अफवाहों पर ध्यान न दें चाहे वो हिंदू हो या मुसलमान हो. हम सब भाई-भाई हैं और भाईचारे के साथ रहेंगे.
'राजनीति करने वालों के खिलाफ होनी चाहिए कार्रवाई'
कुछ लोग ऐसे मुद्दों पर भी राजनीति कर रहे थे. इस पर मुस्लिम समाज के लोगों ने कहा कि जो लोग ऐसे मामलों पर राजनीति करते हैं उनपर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जो लोग भाईचारे को तोड़ने का काम करते हैं उन पर कानून कार्रवाई करे, चाहे वो हिंदू हो या मुसलमान हो.
विवादित जमीन ट्रस्ट को, मस्जिद के लिए पांच एकड़ वैकल्पिक जमीन
गौरतलब है कि अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुना दिया है. पांचों जजों ने एकमत से निर्णय दिया है. फैसले के अनुसार विवादास्पद जमीन ट्रस्ट को सौंपी जाएगी. इसके लिए केन्द्र सरकार ट्रस्ट बनाएगी. मुस्लिम पक्षों को अलग से पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया गया है.
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