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रोहतक के किसान बोले- पराली खरीदे सरकार, वरना जलाने के अलावा दूसरा रास्ता नहीं

धान की फसल पककर खेतों में तैयार है और अब किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या ये है कि वो गेहूं की फसल बोने के लिए पराली को कहां लेकर जाए. ऐसे में किसानों की सरकार से गुहार है कि सरकार या तो पराली खरीदें, नहीं तो उनके पास पराली को जलाने के अलावा कोई चारा नहीं हैं.

farmers said we have no other way but to burn stubble
रोहतक: किसानों ने कहा- हमारे पास पराली जलाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं
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Published : Oct 10, 2020, 6:03 PM IST

Updated : Oct 10, 2020, 6:23 PM IST

रोहतक: धान की फसल पककर खेतों में तैयार है और अब किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या ये है कि वो गेहूं की फसल बोने के लिए पराली को कहां लेकर जाए. ऐसे में किसानों की सरकार से गुहार है कि सरकार या तो पराली खरीदें, नहीं तो उनके पास पराली को जलाने के अलावा कोई चारा नहीं हैं. किसानों का आरोप है कि सरकार हर बार पराली खरीदने का आश्वासन तो देती है, लेकिन आज तक सरकार की तरफ से उनकी पराली कभी नहीं खरीदी गई.

रोहतक: किसानों ने कहा- हमारे पास पराली जलाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं

एक बार फिर सताने लगा प्रदूषण का खतरा

अक्टूबर नवंबर के महीनों में हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में धुआं नुमा कोहरा छाया रहता है और जिससे लोगों को काफी परेशानी होती है. हर बार ये कहा जाता है कि ये धुआं पंजाब और हरियाणा में किसानों द्वारा जलाई जा रही है पराली की वजह से हो रहा है. अब फिर वही समय आ गया है और एक बार फिर डर सताने लगा है कि इस धुएं से वातावरण खराब होगा लेकिन किसान भी मजबूर है.

सरकार ने पराली खरीदने के दिए झूठे आश्वासन

किसान का कहना है कि सरकार हर बार ये आश्वासन देती है कि वो पराली का समाधान करेंगे, जिससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी. लेकिन ये बात केवल हवा-हवाई है क्योंकि किसानों का कहना हैं कि सरकार ने आज तक उनकी कोई पराली नहीं खरीदी हैं जिसकी वजह से गेहूं की फसल बोने में उन्हें काफी दिक्कत आती है. उनके पास इस पराली से निजात पाने का एक मात्र रास्ता बचता है और वो है पराली को जलाना. इस बार भी ये ही हालात पैदा होंगे. अगर सरकार खेत से पराली खरीद लेती है तो ठीक है, वरना उनके पास पराली जलाने के अलावा कोई रास्ता नहीं है.

ये भी पढ़िए: बीजेपी और जेजेपी साथ मिलकर लड़ेगी बरोदा उपचुनाव: सीएम मनोहर लाल

रोहतक: धान की फसल पककर खेतों में तैयार है और अब किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या ये है कि वो गेहूं की फसल बोने के लिए पराली को कहां लेकर जाए. ऐसे में किसानों की सरकार से गुहार है कि सरकार या तो पराली खरीदें, नहीं तो उनके पास पराली को जलाने के अलावा कोई चारा नहीं हैं. किसानों का आरोप है कि सरकार हर बार पराली खरीदने का आश्वासन तो देती है, लेकिन आज तक सरकार की तरफ से उनकी पराली कभी नहीं खरीदी गई.

रोहतक: किसानों ने कहा- हमारे पास पराली जलाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं

एक बार फिर सताने लगा प्रदूषण का खतरा

अक्टूबर नवंबर के महीनों में हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में धुआं नुमा कोहरा छाया रहता है और जिससे लोगों को काफी परेशानी होती है. हर बार ये कहा जाता है कि ये धुआं पंजाब और हरियाणा में किसानों द्वारा जलाई जा रही है पराली की वजह से हो रहा है. अब फिर वही समय आ गया है और एक बार फिर डर सताने लगा है कि इस धुएं से वातावरण खराब होगा लेकिन किसान भी मजबूर है.

सरकार ने पराली खरीदने के दिए झूठे आश्वासन

किसान का कहना है कि सरकार हर बार ये आश्वासन देती है कि वो पराली का समाधान करेंगे, जिससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी. लेकिन ये बात केवल हवा-हवाई है क्योंकि किसानों का कहना हैं कि सरकार ने आज तक उनकी कोई पराली नहीं खरीदी हैं जिसकी वजह से गेहूं की फसल बोने में उन्हें काफी दिक्कत आती है. उनके पास इस पराली से निजात पाने का एक मात्र रास्ता बचता है और वो है पराली को जलाना. इस बार भी ये ही हालात पैदा होंगे. अगर सरकार खेत से पराली खरीद लेती है तो ठीक है, वरना उनके पास पराली जलाने के अलावा कोई रास्ता नहीं है.

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Last Updated : Oct 10, 2020, 6:23 PM IST
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