रोहतक: सोमवार 20 फरवरी को रोहतक में पंडित नेकीराम शर्मा कॉलेज में हंगामा हुआ. बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कार्यक्रम में विरोध दर्ज करवाने वाली छात्राओं के परिजनों को प्रिंसिपल दिनेश सहारण ने कॉल कर क्लास से नाम काटने की धमकी दी. यही नहीं इन छात्राओं से माफी पत्र भी लिखवाया गया. जिसके बाद सूचना मिलते ही आम आदमी पार्टी के छात्र संगठन छात्र युवा संघर्ष समिति के सदस्य नेकीराम कॉलेज पहुंचे. इस दौरान प्रिंसिपल की कार्रवाई पर विरोध दर्ज कराया.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल 15 फरवरी को महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी के टैगोर सभागार में एक कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए पहुंचे थे. इस कार्यक्रम में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत भी थे. मुख्यमंत्री जब मंच पर संबोधन के लिए पहुंचे तो कुछ छात्राओं ने हरियाणा सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए. इन छात्राओं की मांग थी कि कॉलेजों से ग्रामीण रूटों पर हरियाणा रोडवेज की बस चलाई जाए. आपको बता दें कि नेकीराम कॉलेज की छात्राओं ने भी यहां पर विरोध दर्ज करवाया था.
शुरुआत में मुख्यमंत्री ने छात्राओं को शांत करने की कोशिश की. लेकिन छात्राएं नारेबाजी करती रहीं. इसके बाद मुख्यमंत्री ने सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें बाहर निकालने के लिए कहा. विरोध करने वाले में छात्र युवा संघर्ष समिति के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष दीपक धनखड़ व समिति की छात्रा प्रमुख भी शामिल थी. सुरक्षा कर्मियों ने विरोध दर्ज करने वाली सभी छात्राओं और दीपक धनखड़ को हिरासत में ले लिया गया.
उसी दिन देर शाम को ड्यूटी पर तैनात एक एएसआई की शिकायत पर दीपक धनखड़ व छात्रा के खिलाफ मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में नारेबाजी करने पर PGIMS पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 153, 114, 34 के तहत केस दर्ज कर लिया गया था. बाद में दोनों को जमानत मिल गई थी. छात्र युवा संघर्ष समिति की पूर्व छात्रा प्रमुख छात्रा ने कहा कि छात्राओं ने लोकतांत्रिक तरीके से शांतिपूर्ण मुख्यमंत्री के सम्मुख विरोध दर्ज कराया था.
जिसके तहत मांग की गई थी कि प्रदेश भर में हर गांव से लेकर शिक्षण संस्थानों तक हरियाणा रोडवेज की बस चलाई जाए. लेकिन सोमवार को पंडित नेकीराम शर्मा कॉलेज के प्रिंसिपल दिनेश सहारण ने कुछ छात्राओं को अपने ऑफिस बुलाया. इस दौरान प्रिंसिपल ने कॉलेज से निकालने की धमकी दी, उनके परिजनों को कॉल कर कॉलेज बुलाया और फिर दबाव देकर माफी पत्र लिखवाया गया.
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छात्राओं ने बताया कि छात्राओं की ओर से सूचना मिलने पर वे नेकीराम कॉलेज पहुंची. फिर डायल 112 पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी. एक छात्रा ने पुलिस के सामने आपबीती सुनाई. छात्रा ने कहा कि लोकतांत्रिक देश में शांतिपूर्ण तरीके से अपनी आवाज उठाना हर देशवासी का अधिकार है. छात्राओं ने मुख्यमंत्री से केवल बस चलाऐ जाने की मांग की थी. इसके बदले छात्राओं पर केस दर्ज कर लिया गया, जो शर्मनाक है. उधर, प्रिंसिपल दिनेश सहारण ने छात्राओं के आरोपों को सिरे से नकार दिया है. उन्होंने कहा कि छात्राओं को सिर्फ पढ़ाई में ध्यान देने की बात कही गई थी.
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