रोहतक: पीजीआईएमएस की रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में 21 नवंबर यानी सोमवार को दो घंटे तक ओपीडी में हड़ताल (medical students protest in rohtak) रखेगी. सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक सभी ओपीडी में डॉक्टर मरीज नहीं देखेंगे. इससे पहले शनिवार को भी इसी तरह एक घंटे तक ओपीडी में मरीज ना देखकर विरोध दर्ज कराया गया था.
दरअसल एमबीबीएस विद्यार्थियों के समर्थन में अब रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (resident doctors association) भी खुलकर आ गई है. वहीं, सोमवार को पीजीआईएमएस रोहतक समेत प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर्स व विद्यार्थियों का प्रतिनिधिमंडल पंचकूला में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से वार्ता करेगा. एमबीबीएस विद्यार्थियों व रेजीडेंट डाक्टर्स का कहना है कि प्रदेश सरकार उनसे सीधा संवाद कायम करें.
रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रधान डॉक्टर अंकित गुलिया का कहना है कि सरकार को अपनी जिद छोड़कर बॉन्ड पॉलिसी को तुरंत प्रभाव से वापस लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि ये पॉलिसी किसी भी तरीके से एमबीबीएस विद्यार्थियों के हित में नहीं है. इससे अभिभावकों पर 40 लाख रुपये का बोझ पड़ेगा और वे कर्जदार हो जाएंगे. गौरतलब है कि बॉन्ड पॉलिसी के खिलाफ एमबीबीएस विद्यार्थियों के आंदोलन को 20 दिन हो चुके हैं.
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प्रदेश सरकार बॉन्ड पॉलिसी वापस लेने के लिए तैयार नहीं है लेकिन एमबीबीएस विद्यार्थी भी अपनी मांग पर अड़े हुए हैं. एक दिन पहले हेल्थ यूनिवर्सिटी की वीसी डॉक्टर अनीता सक्सेना के साथ आंदोलनकारी एमबीबीएस विद्यार्थियों की वार्ता हुई थी, लेकिन वार्ता सिरे नहीं चढ़ पाई. एमबीबीएस विद्यार्थियों का कहना है कि ये मुद्दा सरकार के स्तर पर ही सुलझ सकता है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे का समाधान न होने की वजह से एमबीबीएस विद्यार्थियों को शैक्षणिक नुकसान भी हो रहा है.