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रोहतक में एमबीबीएस छात्रों का प्रदर्शन जारी, बॉन्ड पॉलिसी संशोधन के गजट नोटिफिकेशन की मांग

बॉन्ड पॉलिसी के खिलाफ रोहतक में एमबीबीएस छात्रों का प्रदर्शन (mbbs students protest in rohtak) जारी है. छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती, तब तक उनकी भूख हड़ताल जारी रहेगी.

mbbs students protest in rohtak
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Published : Dec 8, 2022, 7:41 PM IST

रोहतक: बॉन्ड पॉलिसी के खिलाफ रोहतक में एमबीबीएस छात्रों का प्रदर्शन (mbbs students protest in rohtak) जारी है. रोहतक पीजीआई में एमबीबीएस छात्रों के धरने का वीरवार को 39वां दिन रहा. छात्रों की मांग है कि जब तक बॉन्ड पॉलिसी को वापस नहीं लिया जाता, तब तक उनकी भूख हड़ताल जारी रहेगी. छात्रों का कहना है कि उन्हें सरकार के गजट नोटिफिकेशन का इंतजार है. जिसके बाद आगे की रणनीति तैयार की जाएगी.

छात्रों ने कहा कि 30 नवंबर को चंडीगढ़ में छात्र प्रतिनिधिमंडल की हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ बातचीत हुई थी. जिसके बाद सरकार ने बॉन्ड पॉलिसी में संशोधन किया, लेकिन उस संशोधन का गजट नोटिफिकेशन (bond policy amendment gazette notification) अभी तक छात्रों को नहीं मिला है. नोटिफिकेशन मिलने के बाद ही निर्णय लिया जाएगा कि आंदोलन खत्म किया जाए या और आगे बढ़ाया जाए.

छात्र अनुज ने बताया कि विश्वविद्यालय कैंपस में हरियाणा के सभी मेडिकल कॉलेजों के छात्र प्रतिनिधियों की एक कॉन्फिडेंशियल मीटिंग की गई. जिसमें निर्णय लिया गया है कि जल्द से जल्द सरकार उन्हें पॉलिसी की संशोधित मांगों का गजट नोटिफिकेशन मिलना चाहिए. जिसके बाद छात्र अपनी आगे की रणनीति तैयार कर सकें. उन्होंने बताया कि प्रत्येक दिन 10 से 15 छात्र भूख हड़ताल पर बैठते हैं और अभी तक 2022 बैच के एमबीबीएस छात्रों ने कक्षाओं का रुख नहीं किया है.

क्या है बॉन्ड पॉलिसी? दरअसल एमबीबीएस में बॉन्ड पॉलिसी के तहत हरियाणा सरकार एडमिशन के समय छात्रों से 4 साल में 40 लाख रुपये का बॉन्ड भरवा रही है. छात्र को हर साल 10 लाख रुपये बॉन्ड के रूप में देने होंगे. इस पॉलिसी के तहत सरकारी मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले हर छात्र को कम से कम 7 साल सरकारी अस्पताल में सेवाएं देनी होंगी. अगर वह ऐसा नहीं करता है तो बॉन्ड के रूप में दिये गये 40 लाख रुपये सरकार ले लेगी. हालांकि सरकार ने इसमें संशोधन कर दिया है. 7 की जगह पांच साल और 40 की जगह राशि को 30 हजार रुपये कर दिया है.

ये भी पढ़ें- रोहतक में एमबीबीएस छात्रों की भूख हड़ताल में बिगड़ी छात्रा की तबीयत, इमेरजेंसी वार्ड में भर्ती

एमबीबीएस छात्र विरोध क्यों कर रहे हैं? MBBS छात्रों का कहना है कि हरियाणा सरकार की बॉन्ड पॉलिसी के चलते छात्र पढ़ाई से पहले कर्ज में डूब जायेंगे. उन पर बॉन्ड पॉलिसी के नाम पर आर्थिक बोझ डाल दिया गया है. छात्र हर साल 10 लाख रुपये कहां से लायेगा. हरियाणा के विपक्षी दल भी सरकार की इस पॉलिसी का विरोध कर रहे हैं.

रोहतक: बॉन्ड पॉलिसी के खिलाफ रोहतक में एमबीबीएस छात्रों का प्रदर्शन (mbbs students protest in rohtak) जारी है. रोहतक पीजीआई में एमबीबीएस छात्रों के धरने का वीरवार को 39वां दिन रहा. छात्रों की मांग है कि जब तक बॉन्ड पॉलिसी को वापस नहीं लिया जाता, तब तक उनकी भूख हड़ताल जारी रहेगी. छात्रों का कहना है कि उन्हें सरकार के गजट नोटिफिकेशन का इंतजार है. जिसके बाद आगे की रणनीति तैयार की जाएगी.

छात्रों ने कहा कि 30 नवंबर को चंडीगढ़ में छात्र प्रतिनिधिमंडल की हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ बातचीत हुई थी. जिसके बाद सरकार ने बॉन्ड पॉलिसी में संशोधन किया, लेकिन उस संशोधन का गजट नोटिफिकेशन (bond policy amendment gazette notification) अभी तक छात्रों को नहीं मिला है. नोटिफिकेशन मिलने के बाद ही निर्णय लिया जाएगा कि आंदोलन खत्म किया जाए या और आगे बढ़ाया जाए.

छात्र अनुज ने बताया कि विश्वविद्यालय कैंपस में हरियाणा के सभी मेडिकल कॉलेजों के छात्र प्रतिनिधियों की एक कॉन्फिडेंशियल मीटिंग की गई. जिसमें निर्णय लिया गया है कि जल्द से जल्द सरकार उन्हें पॉलिसी की संशोधित मांगों का गजट नोटिफिकेशन मिलना चाहिए. जिसके बाद छात्र अपनी आगे की रणनीति तैयार कर सकें. उन्होंने बताया कि प्रत्येक दिन 10 से 15 छात्र भूख हड़ताल पर बैठते हैं और अभी तक 2022 बैच के एमबीबीएस छात्रों ने कक्षाओं का रुख नहीं किया है.

क्या है बॉन्ड पॉलिसी? दरअसल एमबीबीएस में बॉन्ड पॉलिसी के तहत हरियाणा सरकार एडमिशन के समय छात्रों से 4 साल में 40 लाख रुपये का बॉन्ड भरवा रही है. छात्र को हर साल 10 लाख रुपये बॉन्ड के रूप में देने होंगे. इस पॉलिसी के तहत सरकारी मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले हर छात्र को कम से कम 7 साल सरकारी अस्पताल में सेवाएं देनी होंगी. अगर वह ऐसा नहीं करता है तो बॉन्ड के रूप में दिये गये 40 लाख रुपये सरकार ले लेगी. हालांकि सरकार ने इसमें संशोधन कर दिया है. 7 की जगह पांच साल और 40 की जगह राशि को 30 हजार रुपये कर दिया है.

ये भी पढ़ें- रोहतक में एमबीबीएस छात्रों की भूख हड़ताल में बिगड़ी छात्रा की तबीयत, इमेरजेंसी वार्ड में भर्ती

एमबीबीएस छात्र विरोध क्यों कर रहे हैं? MBBS छात्रों का कहना है कि हरियाणा सरकार की बॉन्ड पॉलिसी के चलते छात्र पढ़ाई से पहले कर्ज में डूब जायेंगे. उन पर बॉन्ड पॉलिसी के नाम पर आर्थिक बोझ डाल दिया गया है. छात्र हर साल 10 लाख रुपये कहां से लायेगा. हरियाणा के विपक्षी दल भी सरकार की इस पॉलिसी का विरोध कर रहे हैं.

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