रोहतक : प्रदेश में एमबीबीएस विद्यार्थियों के विरोध (mbbs students protest in pgims) के चलते राज्य सरकार ने अब बांड पॉलिसी में संशोधन कर दिया है. अब एडमिशन के समय किसी भी बांड राशि का भुगतान नहीं करना होगा. अगर विद्यार्थी चयनित होने पर हरियाणा सरकार में सेवा को विकल्प नहीं चुनते हैं. तो यह बांड एमबीबीएस पाठ्यक्रम के अंत में लागू किया जाएगा. वहीं, आंदोलन कर रहे एमबीबीए विद्यार्थियों ने सरकार के इस संशोधन को नकार दिया है और आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया है.
राज्य सरकार की ओर से बांड पॉलिसी में किए गए संशोधन (Amendment in bond policy)के मुताबिक एडमिशन के समय त्रिपक्षीय बांड भरना होगा. गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए बांड राशि 36 लाख 40 हजार 636 और गवर्नमेंट एडिड मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए 32 लाख 80 हजार रूपए का बांड भरना होगा. हालांकि यह बांड तभी लागू होगा अगर एमबीबीएस कोर्स पूरा होने के बाद विद्यार्थी सरकारी नौकरी ज्वाइन नहीं करते. एडमिशन के समय कोई बांड नहीं होगा.
बांड पॉलिसी में संशोधन (Amendment in bond policy) के बाद पीजीआईएमएस रोहतक(PGIMS Rohtak) के निदेशक डा. शमशेर सिंह लोहचब के ऑफिस में विद्यार्थियों के प्रतिनिधिमंडल के साथ मीटिंग हुई. इस मीटिंग में डीन डा. केएस लालड, डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर डा. गजेंद्र, चिकित्सा अधीक्षक डा. ईश्वर सिंह प्रमुख तौर पर मौजूद रहे. मीटिंग के दौरान विद्यार्थियों को बांड पॉलिसी में किए गए संशोधन के बारे में स्पष्ट तौर पर जानकारी दे दी गई.
वहीं, एमबीबीएस विद्यार्थियों ने बांड पॉलिसी में किए गए संशोधन को भी नकार दिया है. विद्यार्थी प्रिया कौशिक व अक्षत मित्तल ने कहा कि उन्हें यह संशोधन भी मंजूर नहीं है. उन्होंने तो एक ही मांग है कि बांड पॉलिसी को पूर्ण रूप से रद्द किया जाएगा. उन्होंने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों का आंदोलन आगे भी जारी रहेगा.