रोहतक: सर्वजातीय सर्वखाप महिला महापंचायत (Rohtak Mahila Khap Mahapanchayat) की ओर से रविवार को जाट भवन में नारी चौपाल का आयोजन किया गया. इस महापंचायत की अध्यक्षता सर्वखाप की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संतोष दहिया ने की. इस चौपाल में महिला सशक्तिकरण, लैंगिक समानता, बालिकाओं की उन्नति में आने वाली बाधाओं के समाधान, बच्चियों को आत्मरक्षा प्रशिक्षण के अलावा अपराध-शोषण पर अंकुश लगाने आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई. साथ ही घूंघट व हिजाब को चारदीवारी तक सीमित रखने वाली मानसिकता का परिचायक बताया गया.
चौपाल को संबोधित करते हुए सर्वखाप की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संतोष दहिया ने कहा कि बेशक वर्तमान में महिलाओं की स्थिति में काफी हद तक सुधार हुआ है, लेकिन अपेक्षित सुधारों की गति धीमी रही है. उन्होंने कहा कि आज के समय में भी घूंघट व हिजाब महिलाओं को घर की चारदीवारी तक सीमित रखने वाली मानसिकता का ही सूचक है. इसके खिलाफ म्हरा बाणा पर्दामुक्त हरियाणा अभियान चलाया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि आज बेटी है तो कल मां होगी, अगर बेटी नहीं होगी तो मां भी नहीं होगी. सामाजिक और आर्थिक चुनौतियां अब भी महिलाओं के विकास में एक बड़ी बाधक बनी हुई हैं. जिम्मेदारियों के बावजूद महिलाओं को अपनी इच्छा शक्ति बनाए रखते हुए जोश से अपनी उपलब्धियों को प्राप्त करने पहल करनी होगी. महिलाओं ने तो कभी हार मानना सीखा ही नहीं है. आज भी लैंगिक भेदभाव व पितृसत्तात्मक विषय समाज के एक तबके में हावी है. भारत लोकतांत्रिक देश है, लेकिन अवसर की समानता का सच अलग ही है.
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स्वतंत्रता एवं समानता के सिद्धांत भारतीय संविधान की बुनियाद हैं. जरूरी है कि महिलाएं आत्मनिर्भर बनने के साथ ही समाज के उत्थान व देश की तरक्की में अपना विशेष योगदान दें. आज भी गांव देहात में कई महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति जागरूक न होकर चूल्हे-चौके तक ही सीमित हैं. ऐसी महिलाओं को जागरूक कर उन्हें उनके अधिकारों के प्रति यह बताने का प्रयास करना होगा कि आज की नारी शक्ति को किसी भी क्षेत्र में कम नहीं आंका जाना चाहिए.
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