रोहतक: पिछले दो दिनों में 18 कोरोना पेशेंट की मौत के बाद पीजीआई में हड़कंप मच गया है. पीजीआई प्रशासन ने इन मौतों का ठिकाना लोगों पर ही फोड़ा है. प्रशासन का कहना है कि इतनी मौतें होना लोगों की लापरवाही का नतीजा है. यही नहीं करोना संक्रमित हो चुके लोगों के बारे में भी चौंकाने वाला बयान आया है. पीजीआई प्रशासन के अनुसार संक्रमित व्यक्ति के अंदर 4 महीने तक ही एंटीबॉडीज रह सकती है. इसलिए लोग दोबारा संक्रमित हो सकते हैं.
दो दिन में हुई 18 लोगों की मौत
पीजीआईएमएस में भर्ती करोना संक्रमित गंभीर मरीजों का रिकवरी रेट घटने लगा है. पीजीआई में मंगलवार को 7 और बुधवार को 11 करोना से पीड़ित गंभीर मरीजों की मौत हो गई है. मृतकों में रोहतक जिले के 4 मरीज शामिल है. कोरोना काल में अब तक पहली बार बुधवार को 1 दिन में सर्वाधिक 11 मरीजों की मौत होने से पीजीआई प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है.
ठीक हुए मरीज दोबारा हो सकते हैं संक्रमित
पीजीआई प्रशासन का कहना है कि लोगों की लापरवाही के कारण दोबारा से करोना फैलने लगा है. पीजीआई प्रवक्ता गजेंद्र सिंह का कहना है कि उन लोगों को भी सावधान रहने की जरूरत है. जिन्हें कोरोनावायरस ने अपने चपेट में लिया था, क्योंकि उनके अंदर केवल 4 महीने तक ही एंटीबॉडीज रहती है, इसलिए उन्हें भी दोबारा करोना हो सकता है. बता दें कि रोहतक जिले में लगातार छठे दिन बुधवार को 100 के पार पहुच गए हैं. 24 घंटे के अंतराल में जिले में 1201 लोगों की सैंपलिंग की गई जिसमें 106 लोगों को पॉजिटिव पाया गया है.पॉजिटिविटी रेट बढ़ कर 5.24% पर पहुंच गया.
वहीं रोहतक प्रशासन ने वैक्सीन को लेकर भी पीजीआई प्रशासन से संशय जाहिर किया है. गजेंद्र सिंह ने कहा कि वैक्सीन को लेकर भी ठीक से कहा नहीं जा सकता कि वैक्सीन शरीर में कितने दिनों तक काम कर सकती है.
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