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लॉकडाउन: पैसे-पैसे को मोहताज मजदूर, सरकारी मदद के लिए लाइन में खड़े होने को मजबूर

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Published : Apr 7, 2020, 9:08 PM IST

लॉकडाउन की वजग से मजदूरों पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है. ऐसे में हरियाणा सरकार की ओर से मजदूरों को 4500 रुपये प्रति माह देने की घोषणा की गई है. जिसके बाद अब योजना का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए मजदूर लंबी कतारों में खड़े हैं. पढ़िए पूरी खबर...

rohtak lockdown effect on labour
पैसे-पैसे को मोहताज मजदूर, सरकारी मदद के लिए लंबी कतार में खड़े होने को मजबूर

रोहतक: कोरोना महामारी से जूझ रहे प्रदेशवासियों को राहत देने के लिए खट्टर सरकार कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है. लॉकडाउन के बीच राज्य के करीब 3.50 लाख निर्माण श्रमिकों को 1000 रुपये प्रति सप्ताह की दर से वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है. वहीं घर चलाने के लिए निर्माण मजदूरों को हर महीने 4500 रुपये दिए जा रहे हैं. ऐसे में इस योजना का लाभ उठाने के लिए हजारों मजदूर रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं.

रोहतक शहर के अलग-अलग जगह पर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया जारी है. जैसे ही निर्माण मजदूरों को सरकार की इस योजना के बारे में जानकारी मिली. मजदूर काफी संख्या में रजिस्ट्रेशन कराने आ गए. शहर में कई जगर पर मजदूर लंबी कतार में खड़े होकर रजिस्ट्रेशन होने का इंतजार करते नजर आए.

पैसे-पैसे को मोहताज मजदूर, सरकारी मदद के लिए लंबी कतार में खड़े होने को मजबूर

रजिस्ट्रेशन कराने पहुंचे मजदूरों ने सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रखा. मजदूर एक दूसरे से काफी दूरी पर कतार में खड़े नजर आए. मजदूरों ने कहा कि माना कोरोना वायरस जानलेवा है, लेकिन अगर रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया और सरकार की ओर से उन्हें मदद नहीं मिली तो वो और उनका परिवार भूखा मर जाएगा.

ये भी पढ़िए: लॉकडाउनः हरियाणा सरकार ने तैयार किया गेहूं-सरसों खरीद का प्लान, यहां जानिए हर जरूरीबात

मजदूरों ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से उनका काम छिन गया है. घर में राशन नहीं है और उन्हें मकान मालिक को किराया भी देना है. अगर सरकार की ओर से मदद मिल जाएगी तो उन्हें काफी मदद मिलगी. मजदूरों ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से वो बेरोजगार हैं. अभी समाजिक संस्थाएं उन्हें खाना खिला रही है.

रोहतक: कोरोना महामारी से जूझ रहे प्रदेशवासियों को राहत देने के लिए खट्टर सरकार कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है. लॉकडाउन के बीच राज्य के करीब 3.50 लाख निर्माण श्रमिकों को 1000 रुपये प्रति सप्ताह की दर से वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है. वहीं घर चलाने के लिए निर्माण मजदूरों को हर महीने 4500 रुपये दिए जा रहे हैं. ऐसे में इस योजना का लाभ उठाने के लिए हजारों मजदूर रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं.

रोहतक शहर के अलग-अलग जगह पर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया जारी है. जैसे ही निर्माण मजदूरों को सरकार की इस योजना के बारे में जानकारी मिली. मजदूर काफी संख्या में रजिस्ट्रेशन कराने आ गए. शहर में कई जगर पर मजदूर लंबी कतार में खड़े होकर रजिस्ट्रेशन होने का इंतजार करते नजर आए.

पैसे-पैसे को मोहताज मजदूर, सरकारी मदद के लिए लंबी कतार में खड़े होने को मजबूर

रजिस्ट्रेशन कराने पहुंचे मजदूरों ने सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रखा. मजदूर एक दूसरे से काफी दूरी पर कतार में खड़े नजर आए. मजदूरों ने कहा कि माना कोरोना वायरस जानलेवा है, लेकिन अगर रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया और सरकार की ओर से उन्हें मदद नहीं मिली तो वो और उनका परिवार भूखा मर जाएगा.

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मजदूरों ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से उनका काम छिन गया है. घर में राशन नहीं है और उन्हें मकान मालिक को किराया भी देना है. अगर सरकार की ओर से मदद मिल जाएगी तो उन्हें काफी मदद मिलगी. मजदूरों ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से वो बेरोजगार हैं. अभी समाजिक संस्थाएं उन्हें खाना खिला रही है.

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