रोहतक: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने एक बार फिर सुनारिया जेल रोहतक से अनुयायियों, ट्रस्ट प्रबंधक और सेवादारों के नाम पत्र लिखा है. यह पत्र डेरा प्रमुख ने 50 साल पहले लिए गए गुरु मंत्र के मौके पर लिखा है. राम रहीम ने 25 मार्च 1973 को तत्कालीन डेरा प्रमुख शाह सतनाम से गुरु मंत्र लिया था. जिसके बाद से डेरे के अनुयायी इस दिन को गुरु मंत्र दिवस के तौर पर मनाते हैं.
इस पत्र के जरिए गुरमीत राम रहीम ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि वे ही गुरु थे और वे ही गुरु रहेंगे. इस पत्र के जरिए डेरा प्रमुख राम रहीम ने अनुयायियों को संदेश दिया कि वे ही गुरु हैं और रहेंगे. गुरु होने के नाते वचन कर रहे हैं कि सब एक बनके रहना और एकता बनाए रखना और किसी की भी बातों में आकर अपनी एकता मत तोड़ना.
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पत्र में राम रहीम ने लिखा कि गुरु के रूप में वे वचन देते हैं कि मानवता भलाई व हर अच्छे काम में साथ देंगे व मार्गदर्शन करते रहेंगे. राम रहीम ने इस पत्र में पैरोल अवधि के दौरान उत्तर प्रदेश के बरनावा आश्रम में बिताए गए 40 दिनों का जिक्र किया है. उन्होंने कहा कि इस दौरान अनुयायियों ने हरियाणा व राजस्थान में महा सफाई अभियान चलाया, जो अपने आप में अद्भुत मिसाल है.
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गौरतलब है कि डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम 2 साध्वियों से यौन शोषण के मामले में 10-10 साल और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति व पूर्व प्रबंधक रणजीत सिंह हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहा है. हाल ही में राम रहीम की पैरोल को लेकर विवाद हुआ था और कई संगठनों ने उन्हें बार बार पैरोल दिए जाने को लेकर आपत्ति की थी. जिस पर हरियाणा के जेल मंत्री को सफाई देनी पड़ी थी.