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आंकड़ों के खेल में उलझे खोखले बजट ने हर वर्ग को किया निराश- भूपेंद्र हुड्डा

हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा (bhupinder hooda) ने केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे निराशाजनक बताया है.

bhupinder hooda
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Published : Feb 1, 2022, 10:04 PM IST

रोहतक: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आज संसद में बजट (union budget 2022) पेश किया. उन्होंने रोजगार, मकान और शिक्षा आदि के संबंध में कई बड़ी घोषणाएं की. इस बार फिर से आयकर में कोई छूट नहीं दी गई. वित्त मंत्री ने इस बजट में युवाओं के लिए 60 लाख नौकरियों के अवसर तैयार करने का वादा किया. हालांकि, कॉरपोरेट कर में राहत दी गई है. साथ ही क्रिप्टोकरेंसी से कमाई पर 30 प्रतिशत का टैक्स लगाने का प्रावधान है. वित्त मंत्री ने कहा कि इस बजट से अगले 25 सालों की बुनियाद रखी जाएगी. बजट को लेकर मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिली. वहीं विपक्ष के नेताओं ने बजट को निराशाजनक बताया.

हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा (bhupinder hooda) ने केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि बजट ने नौकरीपेशा, आम आदमी से लेकर किसान, कारोबारी समेत तमाम वर्गों को निराश किया है. जहां आसमान छूती महंगाई से राहत और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए इस बजट में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, वहीं नौकरीपेशा वर्ग के लोगों को इनकम टैक्स लिमिट की छूट न बढ़ाए जाने से निराशा हाथ लगी है.

उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस और खाद्य पदार्थों की कीमतों में लगी आग ने आम आदमी के घर का बजट बुरी तरह से बिगाड़ दिया है. आंकड़ों के खेल में उलझा यह बजट पूरी तरह से खोखला है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2022 में किसानों की आय दोगुनी करने का दावा करने वाली केंद्र सरकार ने इस बजट में खेती-किसानी के साथ धोखा किया है. खाद पर 1.40 लाख करोड़ रुपये सब्सिडी घटाकर 1.05 लाख करोड़ रुपये किए जाने से किसानों पर महंगी खाद का बोझ पड़ना तय है.

ये भी पढ़ें-केंद्रीय बजट से हरियाणा को क्या मिला, पढ़िए बड़ी बातें

एमएसपी की चर्चा किए बगैर गेहूं व धान के लिए किसानों को 2.37 लाख करोड़ रुपये एमएसपी के रूप में दिए जाने का प्रावधान बजट में किया गया है, लेकिन एमएसपी के दायरे में आने वाली बाकी 21 फसलों का एमएसपी देने से सरकार पीछे क्यों हट रही है. इससे संकेत साफ है कि सरकार की मंशा सभी फसलों पर एमएसपी देने की नहीं है. ग्रामीण इलाकों के विकास एवं रोजगार को बढ़ावा देने वाली मनरेगा स्कीम का बजट घटाकर 73,000 करोड़ रुपये कर दिया है जो 2021-22 के बजट में 98 हजार करोड़ रुपये था. हुड्डा ने कहा कि गरीबों को सस्ते अनाज के लिए फूड सब्सिडी बजट 2.86 लाख करोड़ रुपये से घटाकर 2.06 लाख करोड़ रुपये किए जाने से गरीबों के खाने की थाली में भी केंद्र सरकार ने छेद करने का काम किया है.

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रोहतक: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आज संसद में बजट (union budget 2022) पेश किया. उन्होंने रोजगार, मकान और शिक्षा आदि के संबंध में कई बड़ी घोषणाएं की. इस बार फिर से आयकर में कोई छूट नहीं दी गई. वित्त मंत्री ने इस बजट में युवाओं के लिए 60 लाख नौकरियों के अवसर तैयार करने का वादा किया. हालांकि, कॉरपोरेट कर में राहत दी गई है. साथ ही क्रिप्टोकरेंसी से कमाई पर 30 प्रतिशत का टैक्स लगाने का प्रावधान है. वित्त मंत्री ने कहा कि इस बजट से अगले 25 सालों की बुनियाद रखी जाएगी. बजट को लेकर मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिली. वहीं विपक्ष के नेताओं ने बजट को निराशाजनक बताया.

हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा (bhupinder hooda) ने केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि बजट ने नौकरीपेशा, आम आदमी से लेकर किसान, कारोबारी समेत तमाम वर्गों को निराश किया है. जहां आसमान छूती महंगाई से राहत और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए इस बजट में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, वहीं नौकरीपेशा वर्ग के लोगों को इनकम टैक्स लिमिट की छूट न बढ़ाए जाने से निराशा हाथ लगी है.

उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस और खाद्य पदार्थों की कीमतों में लगी आग ने आम आदमी के घर का बजट बुरी तरह से बिगाड़ दिया है. आंकड़ों के खेल में उलझा यह बजट पूरी तरह से खोखला है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2022 में किसानों की आय दोगुनी करने का दावा करने वाली केंद्र सरकार ने इस बजट में खेती-किसानी के साथ धोखा किया है. खाद पर 1.40 लाख करोड़ रुपये सब्सिडी घटाकर 1.05 लाख करोड़ रुपये किए जाने से किसानों पर महंगी खाद का बोझ पड़ना तय है.

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एमएसपी की चर्चा किए बगैर गेहूं व धान के लिए किसानों को 2.37 लाख करोड़ रुपये एमएसपी के रूप में दिए जाने का प्रावधान बजट में किया गया है, लेकिन एमएसपी के दायरे में आने वाली बाकी 21 फसलों का एमएसपी देने से सरकार पीछे क्यों हट रही है. इससे संकेत साफ है कि सरकार की मंशा सभी फसलों पर एमएसपी देने की नहीं है. ग्रामीण इलाकों के विकास एवं रोजगार को बढ़ावा देने वाली मनरेगा स्कीम का बजट घटाकर 73,000 करोड़ रुपये कर दिया है जो 2021-22 के बजट में 98 हजार करोड़ रुपये था. हुड्डा ने कहा कि गरीबों को सस्ते अनाज के लिए फूड सब्सिडी बजट 2.86 लाख करोड़ रुपये से घटाकर 2.06 लाख करोड़ रुपये किए जाने से गरीबों के खाने की थाली में भी केंद्र सरकार ने छेद करने का काम किया है.

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