रोहतक: किसानों और सरपंचों के बाद अब स्थानीय निकाय कर्मचारी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे. कर्मचारियों ने हरियाणा सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया है. प्रदेश भर के स्थानीय निकाय और अग्निशमन विभाग के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर 1 और 2 मार्च को सभी 22 जिलों में नगर निगम कमिश्नर के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करेंगे. इस दौरान वो स्वीकृत मांगों को लागू कराने के लिए प्रदेश सरकार के नाम पर ज्ञापन सौंपेंगे.
नगर पालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रधान नरेश कुमार शास्त्री ने रोहतक में कहा कि अक्टूबर 2022 में मांगों को लेकर 11 दिन तक हड़ताल की गई थी. जिसके बाद 29 अक्टूबर को सरकार के साथ कुछ मांगों पर सहमति बनी थी और सरकार ने मांगों को लेकर पत्र भी जारी कर दिया था. कर्मचारियों ने कहा कि इसके बाद भी नगर पालिका, नगर परिषद और नगर निगम के अधिकारी इन मांगों को लागू नहीं कर रहे हैं. जिससे स्थानीय निकाय कर्मचारियों में रोष है.
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उन्होंने कहा कि संघ ने अब निर्णय लिया है कि 15 दिन के अंदर अगर अधिकारियों ने मांगों को लागू नहीं किया, तो फिर प्रदेश स्तरीय आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी. वहीं कर्मचारी नेता नरेश कुमार शास्त्री ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की ओर से सफाई कर्मचारियों के लिए एक हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि की घोषणा को भेदभावपूर्ण बताया. इसके अलावा कर्मचारी नेता ने अनियमित तौर पर काम रहे सीवरेज व सफाई कर्मियों को नियमित करने और ईएसआई व ईपीएफ का लाभ देने की मांग की. शास्त्री ने कहा कि क्षेत्रफल व आबादी के हिसाब से सफाई कर्मचारियों व सीवर मैन की भर्ती होनी चाहिए.