रोहतक: हरियाणा सरकार ने प्रदेश में ट्रिब्यूनल का गठन करने का फैसला लिया है, जिसमें प्रदेश के सरकारी कर्मचारी अदालत से पहले अपनी समस्याओ को इसमें रख सकते हैं. वहीं कर्मचारियों ने ट्रिब्यूनल के गठन करने के सरकार के फैसले के खिलाफ अवाज उठाना शुरु कर दिया है.
कर्मचारी सीधे न्यायालय नहीं जा पाएगा
कर्मचारियों ने इस फैसले को कर्मचारियों को प्रताड़ित करने वाला बताया है. उन्होंने कहा कि इस फैसले से हरियाणा सरकार का कोई भी कर्मचारी अब अपने हक के लिए सीधे न्यायालय का दरवाजा नहीं खटखटा सकेगा. वे सरकार के इस फैसले से खुश नहीं है.
फैसले वापस लेने की मांग की
हरियाणा रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष विरेन्द्र धनखड़ ने मांग की है कि सरकार इस फैसले को वापस ले. वे पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ अधिवक्ताओं की हड़ताल को अपना समर्थन देंगे.
'कहा न्याय मिलने में होगी दिक्कत'
उन्होंने यह भी कहा कि इस फैसले से न्याय पर सरकार का ही अधिकार रहेगा, जिससें कर्मचारियों को अब अपनी समस्याओं के मामले में न्याय मिलने की उम्मीद कम रह गई है.