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'सरकार किसानों से स्वतंत्रता के अधिकार को छीनना चाहती है'

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Published : Nov 26, 2020, 7:33 PM IST

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकार संविधान में दिए गए स्वतंत्रता के अधिकार को किसानों से छीनना चाहती है. उन्होंने कहा कि किसानों की मांगें जायज हैं और सरकार को उनकी बात सुननी चाहिए.

deependra hooda on farmers protest in haryana
deependra hooda on farmers protest in haryana

रोहतक: राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि सरकार संविधान में दिए गए स्वतंत्रता के अधिकार को किसानों से छीनना चाहती है. किसान अपनी जायज मांगों को लेकर अपनी बात सरकार तक पहुंचाना चाहते हैं, लेकिन सरकार द्वारा किसानों की आवाज को दबाया और कुचला जा रहा है.

'सरकार किसानों से स्वतंत्रता के अधिकार को छीनना चाहती है'

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कानून गलत हैं और इसके साथ सरकार को किसानों की फसल की निजी खरीद पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देनी होगी. अहंकार में डूबी सरकार को बरोदा चुनाव की हार पर मंथन करना चाहिए. निर्दयता से किसानों की आवाज दबाना सरकार के लिए भारी पड़ेगा.

ये भी पढे़ं- सुरजेवाला ने सरकार से पूछा, क्या किसान आतंकवादी हैं?

दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि किसान अपनी जायज मांगों को लेकर अपनी बात सरकार तक पहुंचाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं. किसानों के खिलाफ सरकार ने प्रदेश को जिस तरह से छावनी में तबदील किया है और निर्दयता से किसान की आवाज को दबाया और कुचला जा रहा है. ये कार्रवाई सरकार को भारी पड़ेगी.

जब उनसे पूछा गया कि सरकार का आरोप है कि किसानों को बरगलाया जा रहा है तो उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा ये बरगलाने की बात नहीं है बल्कि किसानों की मांग जायज है. चंडीगढ़ में बैठी पूरी सरकार अहंकार में डूबी है और बरोदा की हार से पर उन्हें मंथन करना चाहिए, क्योंकि बरोदा के उपचुनाव में किसानों ने इन्हीं तीन कानूनों की खिलाफत करते हुए बड़ा मुद्दा बनाया था.

रोहतक: राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि सरकार संविधान में दिए गए स्वतंत्रता के अधिकार को किसानों से छीनना चाहती है. किसान अपनी जायज मांगों को लेकर अपनी बात सरकार तक पहुंचाना चाहते हैं, लेकिन सरकार द्वारा किसानों की आवाज को दबाया और कुचला जा रहा है.

'सरकार किसानों से स्वतंत्रता के अधिकार को छीनना चाहती है'

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कानून गलत हैं और इसके साथ सरकार को किसानों की फसल की निजी खरीद पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देनी होगी. अहंकार में डूबी सरकार को बरोदा चुनाव की हार पर मंथन करना चाहिए. निर्दयता से किसानों की आवाज दबाना सरकार के लिए भारी पड़ेगा.

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दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि किसान अपनी जायज मांगों को लेकर अपनी बात सरकार तक पहुंचाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं. किसानों के खिलाफ सरकार ने प्रदेश को जिस तरह से छावनी में तबदील किया है और निर्दयता से किसान की आवाज को दबाया और कुचला जा रहा है. ये कार्रवाई सरकार को भारी पड़ेगी.

जब उनसे पूछा गया कि सरकार का आरोप है कि किसानों को बरगलाया जा रहा है तो उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा ये बरगलाने की बात नहीं है बल्कि किसानों की मांग जायज है. चंडीगढ़ में बैठी पूरी सरकार अहंकार में डूबी है और बरोदा की हार से पर उन्हें मंथन करना चाहिए, क्योंकि बरोदा के उपचुनाव में किसानों ने इन्हीं तीन कानूनों की खिलाफत करते हुए बड़ा मुद्दा बनाया था.

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