रोहतक: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री व विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder hooda) ने प्रदेश के युवाओं के लिए निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत आरक्षण के मामले पर रोक (stay on 75 percent reservation law haryana) के बाद उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को निशाने पर लिया है. उन्होंने कहा है कि प्रदेश सरकार पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सही तरीके से डिफेंड भी नहीं कर पाई. उन्होंने कहा कि विपक्ष पर इस मामले में आरोप लगाने वालों का ही चेहरा बेनकाब हो गया है.
गौरतलब है कि प्रदेश में निजी नौकरियों में हरियाणा के युवाओं के लिए 75 प्रतिशत आरक्षण पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. हालांकि हरियाणा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में इस पर सुनवाई के लिए तारीख निर्धारित हुई है. हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने इसे विपक्ष का राजनीति एजेंडा करार दिया है और कहा कि 75 प्रतिशत आरक्षण को जुमला बताने वाले कई चेहरे बेनकाब हो जाएंगे. दुष्यंत चौटाला ने यह बात शुक्रवार को ही झज्जर जिला में एक समारोह में कही.
इसी पर अब पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की तीखी प्रतिक्रिया आई है. वे आज रोहतक में जिला बार एसोसिएशन की ओर से बसंत पंचमी पर हुए कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए पहुंचे थे. इस समारोह में एक ओर जहां रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए गए. वहीं, जिला बार एसोसिएशन के आजीवन सदस्यों को पूर्व मुख्यमंत्री ने सम्मानित भी किया. बाद में पत्रकारों से बातचीत में हुड्डा ने कहा कि अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए ही हरियाणा सरकार विपक्ष पर आरोप लगा रही है. उन्होंने पंजाब एवं उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने दावा किया कि पंजाब में दोबारा से कांग्रेस की सरकार बनेगी. कांग्रेस कभी भी धर्म और जाति की राजनीति नहीं करती.
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बता दें कि, हरियाणा में निजी नौकरियों में स्थानीय युवा को 75 फीसदी आरक्षण को लेकर गुरुग्राम इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. जिसके बाद बुधवार को हाईकोर्ट ने निजी क्षेत्र की नौकरी में स्थानीय युवाओं को 75 प्रतिशत आरक्षण देने वाले कानून 'हरियाणा स्टेट एंप्लॉयमेंट ऑफ लोकल कैंडिडेट एक्ट 2020' पर रोक लगा दी थी. इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में कहा था कि निजी क्षेत्र में योग्यता और कौशल के अनुसार लोगों का चयन किया जाता है. हाईकोर्ट से कानून पर रोक लगने के बाद हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार की अपील को स्वीकार कर लिया है. सोमवार यानी 7 फरवरी को मामले पर सुनवाई होगी.
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