रोहतक: हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा मामले में प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह समेत तीन लोगों को आरोप मुक्त कर दिया गया है. शुक्रवार को हुई सुनवाई के बाद पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के राजनीतिक सलाहकार रहे प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह, कांग्रेस नेता जयदीप धनखड़ और दलाल खाप के तत्कालीन प्रवक्ता मान सिंह दलाल को रोहतक कोर्ट ने आरोप मुक्त कर दिया.
गुरुवार को होनी थी सुनवाई
जानकारी के अनुसार मामले में गुरुवार को भी एडीजे रितु वाईके बहल की अदालत में सुनवाई होनी थी. लेकिन वकीलों ने हैदराबाद की घटना के विरोध में कोर्ट के अंदर वर्क सस्पेंड किया हुआ था. जिसके चलते 6 दिसंबर शुक्रवार को सुनवाई हुई.
आंदोलन के दौरान आई थी ऑडियो
प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह के वकील के अनुसार जाट आरक्षण आंदोलन 2016 के दौरान प्रोफेसर वीरेन्द्र और मान सिंह दलाल के बीच बातचीत की इस ऑडियो वायरल हुई थी. इसी को लेकर भिवानी के एक युवक ने उनके खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई थी और कहा था कि ऑडियो कॉल की वजह से ही आंदोलन भड़क और हिंसा हुई. उन्होंने बताया कि पुलिस ने देशद्रोह जैसी गंभीर धाराओं के तहत प्रोफेसर के खिलाफ केस दर्ज किया था.
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3 साल बाद दाखिल हुई चार्जशीट
धनखड़ के वकील के अनुसार कांग्रेस जयदीप धनखड़ व मान सिंह दलाल को भी मामले में आरोपी बनाया गया. तीन साल बाद तीनों के खिलाफ पुलिस ने 2019 में चार्जशीट दाखिल की. इसी चार्जशीट को प्रोफेसर व धनखड़ ने चुनौती दी थी, साथ ही अदालत से आरोपों को खारिज करने की मांग की थी.
पुलिस से मांगा था जवाब
अदालत ने 4 दिसंबर तक पुलिस से जवाब मांगा था. साथ ही पांच दिसंबर की तिथि बहस के लिए तय की थी, लेकिन 5 दिसंबर को अदालत में वकीलों के वर्क सस्पेंड के चलते बहस नहीं हो सकी. लेकिन 6 दिसंबर शुक्रवार को कोर्ट ने तीनों की याचिका पर सुनवाई करते हुए तीनों नेताओं को दोष मुक्त कर दिया है.
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