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जाट आंदोलन हिंसा मामले में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के राजनीतिक सलाहकार वीरेंद्र सिंह समेत तीनों कांग्रेसी नेता आरोप मुक्त

हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा मामले में प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह समेत तीन लोगों को आरोप मुक्त कर दिया गया है.

congress leaders exonerated in jat agitation violence case
अदालत के फैसले के बाद खुशी का इजहार करते कांग्रेसी नेता
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Published : Dec 6, 2019, 11:02 PM IST

रोहतक: हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा मामले में प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह समेत तीन लोगों को आरोप मुक्त कर दिया गया है. शुक्रवार को हुई सुनवाई के बाद पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के राजनीतिक सलाहकार रहे प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह, कांग्रेस नेता जयदीप धनखड़ और दलाल खाप के तत्कालीन प्रवक्ता मान सिंह दलाल को रोहतक कोर्ट ने आरोप मुक्त कर दिया.

गुरुवार को होनी थी सुनवाई
जानकारी के अनुसार मामले में गुरुवार को भी एडीजे रितु वाईके बहल की अदालत में सुनवाई होनी थी. लेकिन वकीलों ने हैदराबाद की घटना के विरोध में कोर्ट के अंदर वर्क सस्पेंड किया हुआ था. जिसके चलते 6 दिसंबर शुक्रवार को सुनवाई हुई.

जाट आंदोलन हिंसा मामले में तीनों कांग्रेसी नेता आरोप मुक्त

आंदोलन के दौरान आई थी ऑडियो
प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह के वकील के अनुसार जाट आरक्षण आंदोलन 2016 के दौरान प्रोफेसर वीरेन्द्र और मान सिंह दलाल के बीच बातचीत की इस ऑडियो वायरल हुई थी. इसी को लेकर भिवानी के एक युवक ने उनके खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई थी और कहा था कि ऑडियो कॉल की वजह से ही आंदोलन भड़क और हिंसा हुई. उन्होंने बताया कि पुलिस ने देशद्रोह जैसी गंभीर धाराओं के तहत प्रोफेसर के खिलाफ केस दर्ज किया था.

ये भी पढ़ें:करनाल: प्याज की जमाखोरी पर सख्त हुआ प्रशासन, बनाई ये खास योजना

3 साल बाद दाखिल हुई चार्जशीट
धनखड़ के वकील के अनुसार कांग्रेस जयदीप धनखड़ व मान सिंह दलाल को भी मामले में आरोपी बनाया गया. तीन साल बाद तीनों के खिलाफ पुलिस ने 2019 में चार्जशीट दाखिल की. इसी चार्जशीट को प्रोफेसर व धनखड़ ने चुनौती दी थी, साथ ही अदालत से आरोपों को खारिज करने की मांग की थी.

पुलिस से मांगा था जवाब
अदालत ने 4 दिसंबर तक पुलिस से जवाब मांगा था. साथ ही पांच दिसंबर की तिथि बहस के लिए तय की थी, लेकिन 5 दिसंबर को अदालत में वकीलों के वर्क सस्पेंड के चलते बहस नहीं हो सकी. लेकिन 6 दिसंबर शुक्रवार को कोर्ट ने तीनों की याचिका पर सुनवाई करते हुए तीनों नेताओं को दोष मुक्त कर दिया है.

ये भी पढ़ें:हरियाणा में तालाबों को मिलेगा नया जीवन! इस नई योजना में जुटी सरकार

रोहतक: हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा मामले में प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह समेत तीन लोगों को आरोप मुक्त कर दिया गया है. शुक्रवार को हुई सुनवाई के बाद पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के राजनीतिक सलाहकार रहे प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह, कांग्रेस नेता जयदीप धनखड़ और दलाल खाप के तत्कालीन प्रवक्ता मान सिंह दलाल को रोहतक कोर्ट ने आरोप मुक्त कर दिया.

गुरुवार को होनी थी सुनवाई
जानकारी के अनुसार मामले में गुरुवार को भी एडीजे रितु वाईके बहल की अदालत में सुनवाई होनी थी. लेकिन वकीलों ने हैदराबाद की घटना के विरोध में कोर्ट के अंदर वर्क सस्पेंड किया हुआ था. जिसके चलते 6 दिसंबर शुक्रवार को सुनवाई हुई.

जाट आंदोलन हिंसा मामले में तीनों कांग्रेसी नेता आरोप मुक्त

आंदोलन के दौरान आई थी ऑडियो
प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह के वकील के अनुसार जाट आरक्षण आंदोलन 2016 के दौरान प्रोफेसर वीरेन्द्र और मान सिंह दलाल के बीच बातचीत की इस ऑडियो वायरल हुई थी. इसी को लेकर भिवानी के एक युवक ने उनके खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई थी और कहा था कि ऑडियो कॉल की वजह से ही आंदोलन भड़क और हिंसा हुई. उन्होंने बताया कि पुलिस ने देशद्रोह जैसी गंभीर धाराओं के तहत प्रोफेसर के खिलाफ केस दर्ज किया था.

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3 साल बाद दाखिल हुई चार्जशीट
धनखड़ के वकील के अनुसार कांग्रेस जयदीप धनखड़ व मान सिंह दलाल को भी मामले में आरोपी बनाया गया. तीन साल बाद तीनों के खिलाफ पुलिस ने 2019 में चार्जशीट दाखिल की. इसी चार्जशीट को प्रोफेसर व धनखड़ ने चुनौती दी थी, साथ ही अदालत से आरोपों को खारिज करने की मांग की थी.

पुलिस से मांगा था जवाब
अदालत ने 4 दिसंबर तक पुलिस से जवाब मांगा था. साथ ही पांच दिसंबर की तिथि बहस के लिए तय की थी, लेकिन 5 दिसंबर को अदालत में वकीलों के वर्क सस्पेंड के चलते बहस नहीं हो सकी. लेकिन 6 दिसंबर शुक्रवार को कोर्ट ने तीनों की याचिका पर सुनवाई करते हुए तीनों नेताओं को दोष मुक्त कर दिया है.

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Intro:रोहतक:-जाट आंदोलन में हिंसा मामले में प्रोफ़ेसर दोषमुक्त।

हुड्डा के पूर्व राजनीतिक सलाहकार वीरेंद्र सिंह सहित तीन आरोपित आरोपमुक्त।

हुड्डा के राजनीतिक सलाहकार हैओ प्रोफ़ेसर वीरेंद्र सिंह।


रोहतक। जाट आरक्षण आंदोलन में हिंसा भड़काने के मामले में कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के राजनीतिक सलाहकार रहे प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह सहित तीनों आरोपितों को आरोपमुक्त कर दिया है। 2016 में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह की ऑडियो वायरल होने के बाद उनके खिलाफ देशद्रोह की धारा लगाई गई थी। मामले में तीनों आरोपितों प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह, मान सिंह दलाल और जयदीप धनखड़ को आरोपमुक्त कर दिया गया है।

Body:जाट आरक्षण के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भपेंडेर सिंह हुड्डा के राजनीतिक सलाकार प्रो. वीरेंद्र और जयदीप धनखड़ की तरफ से लगाई गई डिस्चार्ज याचिका पर सुनवाई करते हुए आज कोर्ट ने प्रॉफेसर समेत तीन आरोपियों को दोषमुक्त करने का फैसला दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के राजनीतिक सलाहकार प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह पर जाट आरक्षण के दौरान हिंसा भड़काने का आरोप था और उनका एक ऑडियो भी वायरल हुआ था जिसमें वह किसी दूसरे नेता से बात कर रहे हैंConclusion: इसी को लेकर भिवानी के एक युवक ने उनके खिलाफ थाने में शिकायत दी थी जिसके बाद प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह समेत तीन लोगों पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था लेकिन आज कोर्ट ने तीनों की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें दोषमुक्त कर दिया है।

बाइट:-केके गखड़ वकील प्रोफ़ेसर वीरेंद्र सिंह।
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