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रोहतक: कृषि अध्यादेशों के खिलाफ हड़ताल पर बैठे आढ़ती और किसान - रोहतक किसान प्रदर्शन

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि अध्यादेशों के खिलाफ शुक्रवार को रोहतक में किसानों और आढ़तियों ने प्रदर्शन किया. किसानों ने सरकार से इन अध्यादेशों को वापस लेने की मांग की है.

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Published : Aug 21, 2020, 5:51 PM IST

रोहतक: हाल ही में केंद्र सरकार तीन कृषि अध्यादेश लेकर आई थी. इसके बाद पूरे प्रदेश में किसानों और आढ़तियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. केंद्र सरकार ये अध्यादेश 5 जून लेकर आई थी. इस अध्यादेश के विरोध में कई जिलों की मंडियां बंद हैं.

कृषि अध्यादेशों के खिलाफ हड़ताल पर बैठे आढ़ती और किसान, देखें वीडियो

रोहतक में भी 3 नए अध्यादेशों के विरोध में अनाज मंडी के आढ़ती हड़ताल पर हैं. आढ़तियों ने इन अध्यादेशों को किसान और आढ़ती विरोधी बताते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. आढ़तियों का कहना है कि यदि सरकार ने जल्द इन अध्यादेश को निरस्त नहीं किया तो हरियाणा, पंजाब सहित कई प्रदेशों के आढ़ती अपना काम बंद कर देंगे.

आढ़तियों का आरोप है कि इस अध्यादेश से किसान और आढ़ती बर्बाद हो जाएगा. आढ़तियों और हरियाणा किसान यूनियन ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर सरकार ने अपना आढ़ती और किसान विरोधी फरमान वापस नहीं लिया तो उसके बाद 2 अक्टूबर से मंडियां अनिश्चितकाल के लिए बंद की जाएंगी और दिल्ली में प्रदर्शन होगा.

बता दें कि केंद्र, सरकार द्वारा कृषि संबंधी तीन अध्यादेश जारी करने के बाद जहां सरकार इसे किसानों के हित का बिल बताते हुए अपनी पीठ थपथपाने में लगी है, वहीं प्रदेश की मंडियों के आढ़ती और किसान यूनियन इसे बर्बादी का बिल बता रहे हैं. आढ़तियों का कहना है कि सरकार इस अध्यादेश के जरिए कृषि में निजीकरण को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है, जो केवल किसानों को केवल लूटने का प्रयास करेंगे.

ये भी पढ़ें- सिरसा: कृषि अध्यादेशों के खिलाफ हड़ताल पर बैठे आढ़ती और किसान

वहीं किसान यूनियन कहना है कि बिहार में भी अध्यादेश लागू किया गया था और वहां के किसानों की हालात काफी खराब हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि इस अध्यादेश के चलते कम दामों में फसल खरीद कर व्यापारी देश को कालाबाजारी की ओर लेकर जाएंगे. जिससे किसान पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा. इसलिए हम इस अध्यादेश को निरस्त करने की मांग करते हैं.

रोहतक: हाल ही में केंद्र सरकार तीन कृषि अध्यादेश लेकर आई थी. इसके बाद पूरे प्रदेश में किसानों और आढ़तियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. केंद्र सरकार ये अध्यादेश 5 जून लेकर आई थी. इस अध्यादेश के विरोध में कई जिलों की मंडियां बंद हैं.

कृषि अध्यादेशों के खिलाफ हड़ताल पर बैठे आढ़ती और किसान, देखें वीडियो

रोहतक में भी 3 नए अध्यादेशों के विरोध में अनाज मंडी के आढ़ती हड़ताल पर हैं. आढ़तियों ने इन अध्यादेशों को किसान और आढ़ती विरोधी बताते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. आढ़तियों का कहना है कि यदि सरकार ने जल्द इन अध्यादेश को निरस्त नहीं किया तो हरियाणा, पंजाब सहित कई प्रदेशों के आढ़ती अपना काम बंद कर देंगे.

आढ़तियों का आरोप है कि इस अध्यादेश से किसान और आढ़ती बर्बाद हो जाएगा. आढ़तियों और हरियाणा किसान यूनियन ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर सरकार ने अपना आढ़ती और किसान विरोधी फरमान वापस नहीं लिया तो उसके बाद 2 अक्टूबर से मंडियां अनिश्चितकाल के लिए बंद की जाएंगी और दिल्ली में प्रदर्शन होगा.

बता दें कि केंद्र, सरकार द्वारा कृषि संबंधी तीन अध्यादेश जारी करने के बाद जहां सरकार इसे किसानों के हित का बिल बताते हुए अपनी पीठ थपथपाने में लगी है, वहीं प्रदेश की मंडियों के आढ़ती और किसान यूनियन इसे बर्बादी का बिल बता रहे हैं. आढ़तियों का कहना है कि सरकार इस अध्यादेश के जरिए कृषि में निजीकरण को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है, जो केवल किसानों को केवल लूटने का प्रयास करेंगे.

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वहीं किसान यूनियन कहना है कि बिहार में भी अध्यादेश लागू किया गया था और वहां के किसानों की हालात काफी खराब हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि इस अध्यादेश के चलते कम दामों में फसल खरीद कर व्यापारी देश को कालाबाजारी की ओर लेकर जाएंगे. जिससे किसान पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा. इसलिए हम इस अध्यादेश को निरस्त करने की मांग करते हैं.

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