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रेवाड़ी: कोई लड़ रहा पानी से जिंदगी की जंग, कहीं पानी ने किए सरकार के दावे 'बदरंग'

बारिश ने रेवाड़ी के नागरिक अस्पताल का हाल बेहार कर दिया. बारिश के बाद अस्पताल के बाहर जलभराव की समस्या पैदा हो गई.

रेवाड़ी: कोई लड़ रहा पानी से जिंदगी की जंग, कहीं पानी ने किए सरकार के दावें 'बदरंग'
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Published : Jul 18, 2019, 10:58 PM IST

रेवाड़ी: पानी रे पानी तेरा रंग कैसा. 1972 में आई 'शोर' फिल्म का ये गाना तो आप सभी ने सुना होगा. तब इस गाने में पानी को बेरंग बताया गया था, लेकिन अगर आज की बात करें तो पानी का रंग 'जिंदगी की जंग' जैसा हो गया है. जहां लोगों को जिंदगी जीने के लिए पानी से जंग लड़नी पड़ रही है.

देखिए कैसे पानी के आगे बेबस हुई जिंदगी

आज पानी वो है जो थोड़ा ज्यादा बरस जाए तो सरकार के दावों को 'बदरंग' कर देता है. ऐसी ही प्रदेश सरकार के दावों को बदरंग कर देने वाली तस्वीर रेवाड़ी से सामने आई है. स्ट्रेचर पर मरीज को रखकर इसी पानी से ले जाया गया. दरअसल अस्पताल के मेन गेट पर पानी भर गया था. जिस वजह से मरीज को स्ट्रेचर पर रखकर अस्पताल तक पहुंचाया गया.

रेवाड़ी के नागरिक अस्पताल का ये हाल तब है जब अभी मॉनसून को दस्तक दिए चंद दिन ही हुए हैं. अभी बादलों को पूरे महीने बरसना है. अब महीने भर बात रेवाड़ी के नागरिक अस्पताल का क्या हाल होगा? ये तो आने वाला वक्त ही बता पाएगा.

रेवाड़ी: पानी रे पानी तेरा रंग कैसा. 1972 में आई 'शोर' फिल्म का ये गाना तो आप सभी ने सुना होगा. तब इस गाने में पानी को बेरंग बताया गया था, लेकिन अगर आज की बात करें तो पानी का रंग 'जिंदगी की जंग' जैसा हो गया है. जहां लोगों को जिंदगी जीने के लिए पानी से जंग लड़नी पड़ रही है.

देखिए कैसे पानी के आगे बेबस हुई जिंदगी

आज पानी वो है जो थोड़ा ज्यादा बरस जाए तो सरकार के दावों को 'बदरंग' कर देता है. ऐसी ही प्रदेश सरकार के दावों को बदरंग कर देने वाली तस्वीर रेवाड़ी से सामने आई है. स्ट्रेचर पर मरीज को रखकर इसी पानी से ले जाया गया. दरअसल अस्पताल के मेन गेट पर पानी भर गया था. जिस वजह से मरीज को स्ट्रेचर पर रखकर अस्पताल तक पहुंचाया गया.

रेवाड़ी के नागरिक अस्पताल का ये हाल तब है जब अभी मॉनसून को दस्तक दिए चंद दिन ही हुए हैं. अभी बादलों को पूरे महीने बरसना है. अब महीने भर बात रेवाड़ी के नागरिक अस्पताल का क्या हाल होगा? ये तो आने वाला वक्त ही बता पाएगा.

Intro:रेवाड़ी, 18 जुलाई।
हरियाणा में इस बार मॉनसून देरी से पहुंचा और आज रेवाड़ी में मॉनसून की।पहली बरसात हुई।


Body:देर आधी रात से ही रेवाड़ी व आसपास के इलाके में मॉनसून की पहली झमाझम बरसात हुई है। बरसात होने से लोगों को गर्मी से राहत जरूर मिली है। बरसात के मौसम भी ख़ुशनुमा हो गया है। लेकिन इस बरसात ने प्रशासन के पानी के दावों की पोल जरूर खोल दी है।
आप तस्वीरों में रेवाड़ी के नागरिक अस्पताल के बाहर का नज़ारा देख रहे है जहां मरीजों को किस तरह नागरिक अस्पताल से ट्रॉमा सेंटर में ले जाया जा रहा है। ऐसा पहली बार नही हर वर्ष बरसात में अस्पताल के इस मुख्यद्वार का यही हाल रहता है। मरीजों व आम लोगों को मजबूर होकर इसी रास्ते से गुजरना पड़ता है।
गांव बेरली खुर्द निवासी 52 वर्षीय जिले सिंह को कई महीनों से टीबी की बीमारी है। वैसे तो मरीज़ का इलाज़ चल रहा है। लेकिन कभी उसे ज्यादा शिकायत होती है तो अस्पताल लाना ही पड़ता है। आज भी मरीज को सीने में दर्द की शिकायत होने पर रेवाड़ी के नागरीक अस्पताल में करीब 9 बजे बरसात के बीच ही लाया गया। लेकिन अस्पताल के मुख्यद्वार पर बरसात का पानी भरा हुआ था। मरीज़ को पानी के बीचों बीच से ले जा रहे उनके परिजनों ने कहा कि अस्पताल के नाम मात्र का ही है, लेकिन ग़रीबी के चलते उन्हें यहीं आना पड़ता है। ना अस्पताल में कोई अच्छी सुविधा मिलती है और ना ही अस्पताल के कर्मचारियों का व्यवहार ही अच्छा है। इन दोनों तकलीफ़ों के बाद भी उन्हें ग़रीबी यहां खिंच लाती है। हम सुबह करीब 9 बजे यहां आए थे लेकिन अभी तक नागरिक अस्पताल से ट्रॉमा सेंटर के चक्कर ही कटवा रहे है। मरीज की गम्भीरता को भी यहां कोई तवजू नही दी जाती।
वहीं स्थानीय लोगों के अनुसार यहां हर बरसात में पानी भरता है, फिर भी प्रशासन की और से पानी निकासी का कोई इंतजाम नही किया जाता। मरीज़ों को यहां होने वाले जलभराव की समस्या से दो-चार होना पड़ता है। आप इन तस्वीरों से अंदाजा लगा सकते है कि जब अस्पताल का यह हाल है तो बाकी शहर की क्या हालत होगी।
बाइट---मरीज का भाई।
बाइट--मरीज की मां।
बाइट--पिंकू यादव, स्थानीय।


Conclusion:अब देखना होगा कि मॉनसून की तैयारियों का दम भरने वाला प्रशासन मरीज़ों को इस समस्या से झुटकारा दिला पाएगा या फिर यूं ही इन्हें पानी से लबालब सड़क को पार करना पड़ेगा।
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