रेवाड़ीः मनेठी में एम्स निर्माण का मुद्दा एक बार फिर से गर्माता नजर आ रहा है. इस बार ग्रामीणों के साथ-साथ राजनीतिक पार्टियां भी इस आंदोलन में कूद चुकी हैं. इसी कड़ी में रविवार को एक महापंचायत का आयोजन किया गया. जिसमें कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर और पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव सहित हजारों लोगों ने भाग लिया.
हजारों की संख्या में हुई गिरफ्तारी
रविवार को एम्स संघर्ष समिति की महापंचायत में हजारों की संख्या में ग्रामीणों ने गिरफ्तारियां दीं. जिसमें काफी संख्या में महिलाएं भी शामिल रहीं. महापंचायत में प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर, पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव, पूर्व मंत्री शकुंतला भगवाड़िया सहित हजारों की संख्या में ग्रामीणों ने भाग लिया. सभी का यही कहना था कि एम्स हर हाल में मनेठी में ही बनवाया जाएगा, चाहें इसके लिए उनको कितना ही बड़ा आंदोलन क्यों ना करना पड़े.
बीजेपी पर साधा निशाना
बीजेपी पर निशाना साधते हुए कांग्रेसियों ने कहा कि ये झूठों की सरकार है. उन्होंने कहा कि बीजेपी लोगों को गुमराह कर मोदी के नाम पर वोट बटोरती है और फिर लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ करती है. उन्होंने कहा कि सीएम, वित्तमंत्री और प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद भी यहां एम्स का निर्माण नहीं करवाया गया.
ये है पूरा मामला
रेवाड़ी के मनेठी में एम्स बनाने की घोषणा खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल बावल में आयोजित एक जनसभा में कर चुके हैं. लेकिन आज तक एम्स नहीं बन पाया है. जिसको लेकिर ग्राम प्रंचायत ने धरना-प्रदर्शन भी किया. उसके बावजूद भी सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी.
एम्स निर्माण को लेकर एम्स संघर्ष समिति का गठन किया गया. जिसके बैनर तले 127 दिनों तक भूख हड़ताल भी चली. लोकसभा चुनाव नजदीक आते देख सरकार ने बजट में एम्स की घोषणा करते हुए 1299 करोड़ रुपये की मंजूरी भी दे दी गई. लेकिन अब चुनाव जीतने के बाद मनेठी गांव की इस भूमि पर पर्यावरण मंत्रालय ने ये कहकर रोक लगा दी कि ये भूमि वन्य जीव जंतुओं के लिए आरक्षित है. इस पर किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता है.