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हरियाणा में चुनाव लड़ने चले तेज बहादुर को क्या बीजेपी वाले डरा-धमका रहे हैं ?

तेज बहादुर का आरोप है कि सीएम मनोहर लाल के खिलाफ चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद बीजेपी के नेता उनके पास फोन करके उन पर चुनाव न लड़ने का दबाव बना रहे हैं.

तेज बहादुर ने बीजेपी पर लगाया आरोप
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Published : Sep 25, 2019, 10:05 AM IST

रेवाड़ी: बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव ने हरियाणा के सीएम मनोहर लाल के खिलाफ करनाल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. जिसके बाद से सियासी पारा तूल पकड़ने लगा है. तेज बहादुर का आरोप है कि उनके इस ऐलान के बाद बीजेपी के नेता उनके पास फोन करके उन पर चुनाव न लड़ने का दबाव बना रहे हैं.

'खट्टर के खिलाफ लड़ना चाहता हूं चुनाव'
तेज बहादुर ने कहा कि मैं सीएम खट्टर के खिलाफ चुनाव लड़ने का इच्छुक हूं, लेकिन यह अभी तक फैसला नहीं हुआ है बात चल रही है. वहीं जब तेज बहादुर से चुनाव के मुद्दों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं बीजेपी सरकार के शासनकाल में हुए जवानों, किसानों और कर्मचारियों की दुर्दशा को उजागर करने के लिए सीएम के खिलाफ चुनाव लड़ना चाहूंगा.

जानें बीजेपी क्यों नहीं चाहती कि करनाल से चुनाव लड़े तेज बहादुर

ये भी पढ़ें: कुलदीप बिश्नोई के विधानसभा क्षेत्र में सीएम खट्टर, कहा- 'BJP को जितवा दो, बहेगी विकास की बयार'

2017 में तेज बहादुर को किया गया था बर्खास्त
बता दें कि यादव को 2017 में उनके पद से बर्खास्त कर दिया गया था क्योंकि उन्होंने सुरक्षा बलों के भोजन की गुणवत्ता के बारे में एक वीडियो बनाया था. साथ ही 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान उन्होंने वाराणसी सीट से पर्चा दाखिल किया था. लेकिन चुनाव आयोग ने उसे खारिज कर दिया था.

कौन है तेज बहादुर यादव?
तेज बहादुर यादव दक्षिण हरियाणा में महेंद्रगढ़ जिले के एक गांव रताकलां से हैं, लेकिन उनका परिवार वर्तमान में रेवाड़ी में रहता है. वह पांच भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं. यादव ने कहा, “इन दिनों, मैं अपनी आजीविका कमाने के लिए खेती करने में जुटा हूं” उनकी पत्नी, शर्मिला यादव, मैट्रिकुलेट, बावल में एक कारखाने में मजदूर के रूप में काम करती हैं.

रेवाड़ी: बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव ने हरियाणा के सीएम मनोहर लाल के खिलाफ करनाल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. जिसके बाद से सियासी पारा तूल पकड़ने लगा है. तेज बहादुर का आरोप है कि उनके इस ऐलान के बाद बीजेपी के नेता उनके पास फोन करके उन पर चुनाव न लड़ने का दबाव बना रहे हैं.

'खट्टर के खिलाफ लड़ना चाहता हूं चुनाव'
तेज बहादुर ने कहा कि मैं सीएम खट्टर के खिलाफ चुनाव लड़ने का इच्छुक हूं, लेकिन यह अभी तक फैसला नहीं हुआ है बात चल रही है. वहीं जब तेज बहादुर से चुनाव के मुद्दों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं बीजेपी सरकार के शासनकाल में हुए जवानों, किसानों और कर्मचारियों की दुर्दशा को उजागर करने के लिए सीएम के खिलाफ चुनाव लड़ना चाहूंगा.

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2017 में तेज बहादुर को किया गया था बर्खास्त
बता दें कि यादव को 2017 में उनके पद से बर्खास्त कर दिया गया था क्योंकि उन्होंने सुरक्षा बलों के भोजन की गुणवत्ता के बारे में एक वीडियो बनाया था. साथ ही 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान उन्होंने वाराणसी सीट से पर्चा दाखिल किया था. लेकिन चुनाव आयोग ने उसे खारिज कर दिया था.

कौन है तेज बहादुर यादव?
तेज बहादुर यादव दक्षिण हरियाणा में महेंद्रगढ़ जिले के एक गांव रताकलां से हैं, लेकिन उनका परिवार वर्तमान में रेवाड़ी में रहता है. वह पांच भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं. यादव ने कहा, “इन दिनों, मैं अपनी आजीविका कमाने के लिए खेती करने में जुटा हूं” उनकी पत्नी, शर्मिला यादव, मैट्रिकुलेट, बावल में एक कारखाने में मजदूर के रूप में काम करती हैं.

Intro:सीएम खटटर के खिलाफ चुनाव लड़ेगा पूर्व जवान तेज बहादुर रेवाड़ी, 25  सितंबर।Body:हरियाणा की 14वीं विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान होने के साथ ही अब सियासी पारा तूल पकड़ने लगा है। बीएसएफ में खराब खाने का वीडियो वायरल कर सुर्ख़ियों में आये पूर्व जवान तेज बहादुर ने भी हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खटटर के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा करने से चुनावी गलियारों में हलचल तेज हो गई है।आपको बता दें की पूर्व बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के गांव राता कला का रहने वाला है। तेज बहादुर 10वीं परीक्षा पास करने के बाद 21 वर्ष की आयु में बीएसएफ में भर्ती हुए थे। लेकिन भ्र्ष्टाचार को मिटाने का कीड़ा उनके दिमाग में घर कर बैठा था। 2014 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शपथ ली। अब तेज बहादुर ने भी अपने मन की बात को उजागर करने के लिए सेना में फैले भरस्टाचार को उज़ागर करने के लिए ख़राब खाने की वीडियो बनाकर वायरल किया जो देश-विदेश की सुर्खिया बना। सेना का अपमान व अंदरूनी बातों को लिक करने का दोषी सेना की कोर्ट ने मानते हुए जवान तेज बहादुर को अप्रेल 2017 में बीएसएफ से बर्खास्त कर बाहर का रास्ता दिखा दिया। इससे आहत उसके दो वर्ष बाद जनवरी 2019 में उसके 19 वर्षीय बेटे रोहित यादव ने अपने पिता तेज बहादुर की लाइसेंसी रिवॉल्वर से आत्महत्या कर ली। पूर्व जवान तेज बहादुर की धर्मपत्नी शर्मिला यादव पति को नौकरी से निकले जाने के बाद एक निजी कंपनी में जॉब कर अपना घर चला रही है। अब सरकार को भरस्टाचार याद दिलाने व उसके साथ अन्याय होने का बदला लेने के लिएतेज बहादुर ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ 2019 लोकसभा चुनाव में समाज वादी पार्टी की टिकट पर वाराणसी सीट से नॉमिनेशन दाखिल किया जहा उसे अयोग्य करार दिया गया। अब हरियाणा के चुनाव की घोषणा के बाद से ही पूर्व जवान तेज बहादुर यादव ने सीएम मनोहर लाल खटटर के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ने का एलान किया है। तेज बहादुर ने बताया की उन्हें तमाम पार्टियों का समर्थन भी मिला रहा है। अब देखना होगा की इस बार चुनाव आयोग उन्हें योग्य करार देगा या फिर अयोग्य होकर चुनाव की रेस से बाहर होने का मजा चखेंगे।बाइट--तेज बहादुर यादव, पूर्व बीएसएफ़ जवान।Conclusion:तेज बहादुर ने बताया की उन्हें तमाम पार्टियों का समर्थन भी मिला रहा है। अब देखना होगा की इस बार चुनाव आयोग उन्हें योग्य करार देगा या फिर अयोग्य होकर चुनाव की रेस से बाहर होने का मजा चखेंगे।
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