रेवाड़ीः दक्षिणी हरियाणा का जिला रेवाड़ी भारतीय सेना के लिए जवानों की फैक्ट्री के रुप में काम करता है. 31 अक्टूबर 2019 को भारतीय सेना से मिले आंकड़ों के मुताबिक रेवाड़ी के 24 हजार 130 युवा सेना से जुड़े हैं.
17 हजार 500 से ज्यादा जवान ऑन सर्विस
भारतीय सेना में ऑन सर्विस 17 हजार 500 से ज्यादा जवान अपनी सेवा दे रहे हैं. भारतीय सेना के लिए साल के हर तिमाही में चरखी दादरी कार्यालय से भर्ती की जाती है. जिसमें रेवाड़ी जिले से प्रति हर साल 1400 से 1500 तक जवान भर्ती होते हैं.
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जिले में 5 हजार 848 रिटायर्ड जवान
जिले में 5 हजार 848 जवान रिटायर होकर पेंशन ले रहे हैं. आंकड़ों के हिसाब से देश की आर्मी में रेवाड़ी जिले के 111 अधिकारी और 4 शहीदों की विधवाएं पेंशन का लाभ उठा रहीं हैं. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान के भारतीय सेना के 20 जवान और 42 शहीदों की विधवाएं सेना भत्ते का लाभ ले रहीं हैं.
कई अहम अभियानों में रेवाड़ी के जवानों का योगदान
रेवाड़ी के जवानों ने भारतीय सेना के कई अभियानों में अहम भूमिका भी निभाई है. दसवीं की परीक्षा उतीर्ण करने के बाद सन 1976 में भर्ती हुए डॉ. मेजर टीसी राव ने 1989 में चले ऑपरेशन पवन में लिट्टे उग्रवाद के खिलाफ़ श्रीलंका में हुई जंग में बतौर प्लांनिग अधिकारी की भूमिका बख़ूबी निभाई थी. वहीं 1999 में हुए कारगिल युद्ध में भी पाकिस्तान के दांत खट्टे करने में उनका अहम रोल रहा.
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