ETV Bharat / state

भारतीय सेना के लिए 'जवानों की फैक्ट्री' रेवाड़ी, हर साल देश को देता है हजारों सैनिक - भारतीय सेना रेवाड़ी

भारतीय सेना में ऑन सर्विस 17 हज़ार 500 से ज़्यादा जवान अपनी सेवा दे रहे हैं. भारतीय सेना के लिए साल के हर तिमाही में चरखी दादरी कार्यालय से भर्ती की जाती है. जिसमें रेवाड़ी जिले से प्रति हर साल 1400 से 1500 तक जवान भर्ती होते हैं.

Rewari
Rewari
author img

By

Published : Dec 11, 2019, 10:07 AM IST

रेवाड़ीः दक्षिणी हरियाणा का जिला रेवाड़ी भारतीय सेना के लिए जवानों की फैक्ट्री के रुप में काम करता है. 31 अक्टूबर 2019 को भारतीय सेना से मिले आंकड़ों के मुताबिक रेवाड़ी के 24 हजार 130 युवा सेना से जुड़े हैं.

17 हजार 500 से ज्यादा जवान ऑन सर्विस
भारतीय सेना में ऑन सर्विस 17 हजार 500 से ज्यादा जवान अपनी सेवा दे रहे हैं. भारतीय सेना के लिए साल के हर तिमाही में चरखी दादरी कार्यालय से भर्ती की जाती है. जिसमें रेवाड़ी जिले से प्रति हर साल 1400 से 1500 तक जवान भर्ती होते हैं.

भारतीय सेना के लिए 'जवानों की फैक्ट्री' रेवाड़ी, देखें रिपोर्ट.

ये भी पढ़ेंः- PLPA संशोधन बिल ने बढ़ाई हरियाणा सरकार की मुश्किल, HC ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब

जिले में 5 हजार 848 रिटायर्ड जवान
जिले में 5 हजार 848 जवान रिटायर होकर पेंशन ले रहे हैं. आंकड़ों के हिसाब से देश की आर्मी में रेवाड़ी जिले के 111 अधिकारी और 4 शहीदों की विधवाएं पेंशन का लाभ उठा रहीं हैं. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान के भारतीय सेना के 20 जवान और 42 शहीदों की विधवाएं सेना भत्ते का लाभ ले रहीं हैं.

कई अहम अभियानों में रेवाड़ी के जवानों का योगदान
रेवाड़ी के जवानों ने भारतीय सेना के कई अभियानों में अहम भूमिका भी निभाई है. दसवीं की परीक्षा उतीर्ण करने के बाद सन 1976 में भर्ती हुए डॉ. मेजर टीसी राव ने 1989 में चले ऑपरेशन पवन में लिट्टे उग्रवाद के खिलाफ़ श्रीलंका में हुई जंग में बतौर प्लांनिग अधिकारी की भूमिका बख़ूबी निभाई थी. वहीं 1999 में हुए कारगिल युद्ध में भी पाकिस्तान के दांत खट्टे करने में उनका अहम रोल रहा.

ये भी पढ़ेंः- बीजेपी सांसद संजय भाटिया ने लोकसभा में उठाया NH-1 पर वसूले जा रहे टोल टैक्स का मुद्दा

रेवाड़ीः दक्षिणी हरियाणा का जिला रेवाड़ी भारतीय सेना के लिए जवानों की फैक्ट्री के रुप में काम करता है. 31 अक्टूबर 2019 को भारतीय सेना से मिले आंकड़ों के मुताबिक रेवाड़ी के 24 हजार 130 युवा सेना से जुड़े हैं.

17 हजार 500 से ज्यादा जवान ऑन सर्विस
भारतीय सेना में ऑन सर्विस 17 हजार 500 से ज्यादा जवान अपनी सेवा दे रहे हैं. भारतीय सेना के लिए साल के हर तिमाही में चरखी दादरी कार्यालय से भर्ती की जाती है. जिसमें रेवाड़ी जिले से प्रति हर साल 1400 से 1500 तक जवान भर्ती होते हैं.

भारतीय सेना के लिए 'जवानों की फैक्ट्री' रेवाड़ी, देखें रिपोर्ट.

ये भी पढ़ेंः- PLPA संशोधन बिल ने बढ़ाई हरियाणा सरकार की मुश्किल, HC ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब

जिले में 5 हजार 848 रिटायर्ड जवान
जिले में 5 हजार 848 जवान रिटायर होकर पेंशन ले रहे हैं. आंकड़ों के हिसाब से देश की आर्मी में रेवाड़ी जिले के 111 अधिकारी और 4 शहीदों की विधवाएं पेंशन का लाभ उठा रहीं हैं. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान के भारतीय सेना के 20 जवान और 42 शहीदों की विधवाएं सेना भत्ते का लाभ ले रहीं हैं.

कई अहम अभियानों में रेवाड़ी के जवानों का योगदान
रेवाड़ी के जवानों ने भारतीय सेना के कई अभियानों में अहम भूमिका भी निभाई है. दसवीं की परीक्षा उतीर्ण करने के बाद सन 1976 में भर्ती हुए डॉ. मेजर टीसी राव ने 1989 में चले ऑपरेशन पवन में लिट्टे उग्रवाद के खिलाफ़ श्रीलंका में हुई जंग में बतौर प्लांनिग अधिकारी की भूमिका बख़ूबी निभाई थी. वहीं 1999 में हुए कारगिल युद्ध में भी पाकिस्तान के दांत खट्टे करने में उनका अहम रोल रहा.

ये भी पढ़ेंः- बीजेपी सांसद संजय भाटिया ने लोकसभा में उठाया NH-1 पर वसूले जा रहे टोल टैक्स का मुद्दा

Intro:भारतीय सेना में रेवाड़ी के 24 हज़ार 130 जवान
रेवाड़ी, 19 नवंबर।



Body:भारतीय सेना में 31 अक्टूबर 2019 के आंकड़ों के अनुसार रेवाड़ी के 24 हज़ार 130 युवा तैनात है, जबकि 5 हज़ार 848 जवान सेवानीवर्त होने के पश्चात पैंशन प्राप्त कर रहे है। आंकड़ों के हिसाब से देश की आर्मी में रेवाड़ी जिले के 111 अधिकारी और 4 army widows pension का लाभ उठा रहीं है। भारतीय सेना के ww-।। द्वितीय युद्ध के 20 जवान और 42 बार विडो सना भत्ते का लाभ के रहीं है। भारतीय सेना में ऑन सर्विस 17 हज़ार 500 से ज़्यादा जवान अपनी सेवा दे रहें है। भारतीय सेना के लिए एक वर्ष में 4 क्वाटर में हर तिमाही भर्ती चरखी दादरी कार्यालय द्वारा की जाती है जिसमें रेवाड़ी जिले से प्रति वर्ष 1400 से 1500 तक जवान भर्ती होते है।
टीसी राव ने लड़ी ये जंग:
दसवीं की परीक्षा उतीर्ण करने के बाद सन 1976 में भर्ती हुए डॉ. मेजर टीसी राव ने 1989 में चले ऑपरेशन पवन में लिट्टे उग्रवाद के खिलाफ़ श्रीलंका में हुई जंग में बतौर प्लांनिग अधिकारी की भूमिका बख़ूबी निभाई थी।
सन 1999 में पाकिस्तान के साथ हुए कारगिल युद्ध की यादों को ताज़ा करते हुए कहा की जब इंसान दुश्मन के सामने जाता है तो सब कुछ जाता है। उस वक्त वह नाम व अपनी पलटन के लिए पूरी बहादुरी के साथ जंग लड़ता है, और दुश्मनों को मार-गिराने मादा रखते है।
बाइट--1 से 3 युवा।


Conclusion:visual
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.