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प्रदेश के कई जिलों में मौसम की मार, ऐसे परेशानियों से जूझ रहे लोग

बारिश अपना कहर जमकर बरसा रही है. जहां मई के महीने में लोग गर्मी से त्राहि-त्राहि कर रहे थे. तो अब बारिश बेहाल हो रहे हैं.

प्रदेश के कई जिलों में मौसम की मार
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Published : Jul 20, 2019, 11:00 PM IST

रेवाड़ी: जिले में लगातार बारिश से शहर के लोग त्राहिमाम कर रहे हैं. शहर पूरी तरह झील में बदल गया है. मुख्य सड़कों पर इस तरह पानी भर गया कि उसमें नाव चलाई जा सकती है. बात करें नागरिक अस्पताल की तो यहां घुटनों के ऊपर तक पानी लगने की वजह से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.

सुनिए कैसे परेशानियों से जूझ रहे लोग

अस्पताल में नो एंट्री
लोगों का कहना है कि किसी तरह गिरते-पड़ते लोग अस्पताल में पहुंचे हैं. अस्पताल के मेन गेट पर पानी भरने के बाद घंटों तक मोटर के सहारे पानी निकाला जाता है. तब तक अस्पताल में नो एंट्री रहती है.

रेवाड़ी: जिले में लगातार बारिश से शहर के लोग त्राहिमाम कर रहे हैं. शहर पूरी तरह झील में बदल गया है. मुख्य सड़कों पर इस तरह पानी भर गया कि उसमें नाव चलाई जा सकती है. बात करें नागरिक अस्पताल की तो यहां घुटनों के ऊपर तक पानी लगने की वजह से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.

सुनिए कैसे परेशानियों से जूझ रहे लोग

अस्पताल में नो एंट्री
लोगों का कहना है कि किसी तरह गिरते-पड़ते लोग अस्पताल में पहुंचे हैं. अस्पताल के मेन गेट पर पानी भरने के बाद घंटों तक मोटर के सहारे पानी निकाला जाता है. तब तक अस्पताल में नो एंट्री रहती है.

Intro:रेवाड़ी, 20 जुलाई।
मॉनसून ने भले ही हरियाणा में देरी से एंट्री की हो लेकिन अब बादल इतना बरस रहें है कि पानी ने अस्पताल में नो एंट्री लगा दी है।


Body:पीतल नगरी के नाम से विख्यात रेवाड़ी नगरी में जलभराव की समस्या वर्षों से बनी हुई है। यह भी नही है कि इसके समाधान के लिए प्रशासन की औऱ से कोई कदम नही उठाया जाता। समय-समय पर लाखों रुपये का बजट नगर परिषद व जनस्वास्थ्य विभाग की और से पास भी किया जाता रहा है। लेकिन शहर में जलभराव से अहीरवाल की जनता को आज तक निज़ात नही मिली है।
आज सुबह से ही हुमस भरी गर्मी से लोगों का जीना मुहाल हो रहा था कि अचानक दोपहर क़रीब 3:30 पर काली घटाएं इस कद्र आई कि दोपहर में ही रात हो गई हो। फिर क्या था कि कुछ देर बाद ही बादलों ने बरसना शुरू किया और जमकर बरसे। देखते ही देखते शहर जलंग्न हो गया। तालाब बनी सड़कों से गुजर रहे वाहन बंद पड़ने लगे जिन्हें धक्का मारकर लोग निकालते नज़र आए। शहर का एक मात्र नागरिक असप्ताल की बात करें तो यहां हर बरसात में पानी भर जाता है, जिसके चलते मरीज़ों को मजबूरन काफ़ी परेशानी का सामना करते हुए अस्पताल में प्रवेश करना पड़ता है। लोगों का कहना है कि बरसात होने के बाद गिरते-पड़ते लोग अस्पताल में पहुंचते है। अस्पताल के मुख्यद्वार पर पानी भरने के बाद कई घण्टों में मोटर के सहारे निकाला जाता है। जब तक पानी भरा रहता है तब तक अस्पताल में नो एंट्री रहती है। अस्पताल के सामने बनी दवाइयों की दुकान भी जलंगन हो जाती है। यह भी नही है कि प्रशासन मॉनसून के आने से पहले जल निकासी के लिए इंतजाम नही करती। लेकिन यह पानी है कि प्रशासन तमाम प्रबंधन करने पर भी लोगों के लिए आफ़त बनता है।


Conclusion:अब देखना होगा कि लोगों को सुविधाएं देने वाली खट्टर सरकार इस अस्पताल की और कब ध्यान देगी। या फिर पीतल नगरी के लोग यूं ही गिरते-पड़ते इस तालाब रूपी सड़क को पार करने के लिए विवश रहेंगे।
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