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18 दिनों से जारी NHM कर्मचारियों की हड़ताल बेअसर, अनशन पर बैठे कर्मचारी की हालत खराब

एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल का 18वां दिन जारी है.

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Published : Feb 22, 2019, 4:21 PM IST

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रेवाड़ी: पिछले 18 दिन से हड़ताल पर बैठे एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल जारी है. पहले उन्होंने अधिकारियों से लेकर मंत्री और मुख्यमंत्री तक मुलाकात की. ज्ञापन देकर रक्तदान शिविर भी लगाए. सरकार को चेताया भी, लेकिन कहीं भी कोई सुनवाई नहीं हुई तो कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी. इसी दौरान एक कर्मचारी की हालत बिगड़ गई.


हड़ताल कर रहे एनएचएम कर्मचारियों ने अब चार दिनों से 72 घंटों के लिए क्रमिश अनशन भी शुरू कर दी है, जिसके चलते बीती देर शाम एक अनशनकारी की हालत भी बिगड़ गई, लेकिन मगर न तो स्वास्थ्य प्रशासन और न ही सरकार ने कोई सुध ली.

कर्मचारी की हालत हुई खराब


इसी के चलते आज फिर से एनएचएम कर्मचारियों ने रेवाड़ी के नागरिक अस्पताल में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उन्होंने चेतावनी दी कि या तो सरकार मान जाए, नहीं तो वे आखिरी दम तक लड़ाई लड़ेंगे और जान की बाजी खेलने से भी पीछे नहीं हटेंगे, लेकिन इस दरी को नहीं छोड़ेंगे.


इन कर्मचारियों का कहना है कि वे सरकार से सिर्फ अपनी जॉब सिक्योरिटी मांग रहे हैं, जिससे सरकार पर कोई वित्तीय बोझ भी नहीं पड़ने वाला है, लेकिन उच्चाधिकारियों द्वारा उनकी मांग को सरकार के सामने गलत तरीके से पेश कर गुमराह किया जा रहा है. वहीं स्वास्थ्य मंत्री भी अड़ियल रवैया अपनाए हुए हैं. हालांकि उन्हें भरोसा है कि सरकार जल्द ही उनकी मांग को पूरा करेगी.

रेवाड़ी: पिछले 18 दिन से हड़ताल पर बैठे एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल जारी है. पहले उन्होंने अधिकारियों से लेकर मंत्री और मुख्यमंत्री तक मुलाकात की. ज्ञापन देकर रक्तदान शिविर भी लगाए. सरकार को चेताया भी, लेकिन कहीं भी कोई सुनवाई नहीं हुई तो कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी. इसी दौरान एक कर्मचारी की हालत बिगड़ गई.


हड़ताल कर रहे एनएचएम कर्मचारियों ने अब चार दिनों से 72 घंटों के लिए क्रमिश अनशन भी शुरू कर दी है, जिसके चलते बीती देर शाम एक अनशनकारी की हालत भी बिगड़ गई, लेकिन मगर न तो स्वास्थ्य प्रशासन और न ही सरकार ने कोई सुध ली.

कर्मचारी की हालत हुई खराब


इसी के चलते आज फिर से एनएचएम कर्मचारियों ने रेवाड़ी के नागरिक अस्पताल में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उन्होंने चेतावनी दी कि या तो सरकार मान जाए, नहीं तो वे आखिरी दम तक लड़ाई लड़ेंगे और जान की बाजी खेलने से भी पीछे नहीं हटेंगे, लेकिन इस दरी को नहीं छोड़ेंगे.


इन कर्मचारियों का कहना है कि वे सरकार से सिर्फ अपनी जॉब सिक्योरिटी मांग रहे हैं, जिससे सरकार पर कोई वित्तीय बोझ भी नहीं पड़ने वाला है, लेकिन उच्चाधिकारियों द्वारा उनकी मांग को सरकार के सामने गलत तरीके से पेश कर गुमराह किया जा रहा है. वहीं स्वास्थ्य मंत्री भी अड़ियल रवैया अपनाए हुए हैं. हालांकि उन्हें भरोसा है कि सरकार जल्द ही उनकी मांग को पूरा करेगी.

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18 दिनों से जारी NHM कर्मचारियों की हड़ताल बेअसर
72 घन्टों के लिये अनशन पर बैठे कर्मचारी की हालत बिगड़ी
कामकाज छोड़ मासूम को गोद में लिए धरने पर बैठी महिला कर्मी
कर्मचारी बोले; स्वास्थ्य प्रशासन नहीं ले रहा कोई सुध
जान की बाजी लगा देंगे, लेकिन दरी नहीं छोड़ेंगे
पुरुषों के बाद अब महिला कर्मियों ने भी आमरण अनशन पर जाने की चेतावनी दी
रेवाड़ी 22 फरवरी।
एंकर: अपने चरणबद्ध आंदोलन के तहत पहले अधिकारियों से लेकर मंत्री व मुख्यमंत्री तक मुलाकात की, फिर ज्ञापन दिए और उसके बाद रक्तदान शिविर लगाकर सरकार को चेताया, लेकिन जब कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई तो फिर प्रदेशभर में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी, लेकिन सरकार है कि टस से मस होने का नाम नहीं ले रही है।
जी हां, हम बात कर रहे हैं पिछले 18 दिनों से हड़ताल पर बैठे एनएचएम कर्मचारियों की, जिन्होंने अब चार दिनों से 72 घंटों के लिए क्रमिश अनशन भी शुरू कर दी है, जिसके चलते बीती देर शाम एक अनशनकारी की तो हालत भी बिगड़ गई। मगर न तो स्वास्थ्य प्रशासन और न ही सरकार ने कोई सुध ली।
इसी के चलते आज फिर एनएचएम कर्मचारियों ने रेवाड़ी के नागरिक अस्पताल में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और चेतावनी दी कि या तो सरकार चेत जाए, नहीं तो वे आखिरी दम तक लड़ाई लडेंग़े और जान की बाजी खेलने से भी पीछे नहीं हटेंगे, लेकिन इस दरी को नहीं छोडेंग़े।
तस्वीरों में दिखाई दे रही ये वहीं कर्मचारी हैं, जो अपने घेरलू कामकाज छोड़ अपने मासूम को गोद में लिए लगातार दरी पर बैठी हैं। इनका कहना है कि अगर अब भी सरकार नहीं जागी तो पुरूष कर्मचारियों के साथ वे आमरण अनशन पर बैठ जाएंगी।
इन कर्मचारियों का कहना है कि वे सरकार से सिर्फ अपनी जाब सिक्योरिटी मांग रहे हैं, जिससे सरकार पर कोई वित्तीय बोझ भी पडऩे वाला नहीं है, लेकिन उच्चाधिकारियों द्वारा उनकी मांग को सरकार के सामने गलत ढंग से पेश कर गुमराह किया जा रहा है। वहीं स्वास्थ्य मंत्री भी अडिय़ल रवैया अपनाए हुए हैं।
हालांकि उन्हें भरोसा है कि सरकार जल्द ही उनकी मांग को पूरा करेगी।
मगर कुछ भी हो, इन कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से स्वासथ्य सेवाएं जरूर लडख़ड़ा चली हैं और अस्पतालों में आने वाले मरीज खासे परेशान दिखाई दे रहे हैं। अब देखना होगा कि सरकार इस पर कब तक संज्ञान लेती है या फिर इन कर्मचारियों को अपना आंदोलन और तेज करने को विवश होना पड़ेगा।
बाइट: सोनू यादव, स्टाफ नर्स एनएचएम कर्मचारी
बाइट: विशाल, एनएचएम कर्मचारी
बाइट: संतोष यादव, जिला उपप्रधान, एनएचएम कर्मचारी एसोसिएशन
बाइट: पंकज यादव, जिला प्रधान एनएचएम कर्मचारी एसोसिएशन
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