रेवाड़ी: जेईई एडवांस परीक्षा में एक बार फिर हरियाणा सुपर-100 के बच्चों ने अपना लोहा मनवाया है. रेवाड़ी की विकल्प संस्था में चल रही सुपर-100 के 21 छात्रों ने आईआईटी एडवांस परीक्षा में उत्कृष्ट रैंक हासिल की है. हरियाणा सरकार द्वारा चलाई गई सुपर-100 योजना ने फिर एक बार आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों के सपने साकार करने का काम किया है. सबसे पहले आपको बताते हैं कि जिस सुपर-100 योजना के जरिए इन बच्चों के सपने साकार हुए हैं आखिर वो योजना क्या है.
क्या है सुपर-100 प्रोग्राम ?
दरअसल, बिहार के सुपर-30 की तर्ज पर हरियाणा सरकार ने सुपर-100 की शुरूआत की थी. सुपर-100 प्रोग्राम के तहत छात्रों के चयन के लिए 2018 में पहली बार प्रदेश के सभी जिलों में परीक्षा का आयोजन हुआ था. सुपर-100 प्रोग्राम के तहत पढ़ाई के लिए छात्र या छात्रा के 10वीं में कम से कम 80 फीसदी अंक होने चाहिए. इसके बाद छात्रों को एक टेस्ट देना पड़ता है. इस टेस्ट के रिजल्ट के आधार पर सुपर-100 के लिए बच्चों का चयन होता है.
सुपर-100 प्रोग्राम के तहत दो साल तक छात्रों के रहने, खाने-पीने, हॉस्टल और किताबों की व्यवस्था सरकार की ओर से की जाती है. इसी योजना का परिणाम है कि इस साल भी सुपर-100 के 21 बच्चों ने बाजी मारी है. ये योजना गरीब परिवारों के बच्चों के लिए काफी मददगार साबित हो रही है.
दो साल की तैयारी से मिला ये परिणाम
वहीं विकल्प संस्था के संस्थापक नवीन कुमार मिश्रा ने छात्रों की इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर की. उन्होंने ये बड़े गर्व की बाच है. बच्चों के साथ-साथ इनके परिवारों के लिए भी आज बड़ा दिन है. ये सभी विद्यार्थी ग्रामीण परिवेश से ताल्लुक रखते हैं और मात्र दो साल की तैयारी में विद्यार्थियों ने ये परिणाम हासिल किया है. सुपर-100 की बदौलत रेवाड़ी जिले में बड़ी संख्या में बच्चे सफल हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि आने वाले तीन या चार साल बाद हरियाणा शिक्षा के लिए जाना जाएगा.
वहीं जेईई एडवांस में सफलता हासिल करने वाले सुपर-100 के विद्यार्थियों ने बताया कि आर्थिक तंगी के चलते वे अपने सपनों को पूरा नहीं कर पा रहे थे, लेकिन सरकार द्वारा चलाए गया ये प्रोग्राम उनके सपनों को पूरा करने में मददगार साबित हो रहा है. सुपर-100 योजना की वजह से अब ये बच्चे भी आईआईटी जैसी संस्थाओं में पढ़ने जाएंगे.
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गौरतलब है कि सुपर-100 सरकार द्वारा चलाया गया एक अभियान है जो गरीब तबके के छात्रों को बड़ा प्लेटफार्म दे रहा है. ऊंची उड़ान भरने के सपने देखने वाले सरकारी स्कूल के ये बच्चे परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण आगे नहीं बढ़ पाते थे, लेकिन अब सरकार की इस सुपर-100 योजना ने उनके सपनों को पंख लगाने का काम किया गया है और छात्र अब मेहनत कर अपने सपनों को साकार कर रहे हैं.