रेवाड़ी: शहर की जनता की मांग के बाद नगर परिषद की ओर से एक अस्थाई बाड़ा रेवाड़ी शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर धारूहेड़ा में बनाया गया है. इस अस्थाई बाड़े में नगर परिषद की ओर से 250 से ज्यादा बेसहारा पशुओं को रखवा तो दिया गया, लेकिन अधिकारी इन पशुओं के लिए चारे-पानी की व्यवस्था करना भूल गए. जिसका नतीजा ये हुआ कि चारा और पानी सही से नहीं मिल पाने की वजह से यहां के कुछ पशुओं को अपनी जान गवानी पड़ी तो कुछ की हालत खराब होने लगी.
भूखे मर रहे बेसहारा पशु
बता दें कि शहर में करीब 10 दिन पहले एक नौजवान की सड़कों पर घूमने वाले बेसहारा पशुओं की लड़ाई में जान चली गई थी, जिसके बाद शहर की जनता ने सड़कों पर उतर कर धरना प्रदर्शन किया और बेसहारा पशुओं को सड़कों से हटाने की पुरजोर मांग की. जिसके बाद नगर परिषद की ओर से एक अस्थाई बाड़ा शहर से 20 किलोमीटर दूर धारूहेड़ा में बना दिया गया.
अस्थाई बाड़ा बनाकर भूला नगर परिषद!
बाड़े में सड़कों पर घूम रहे बेसहारा पशुओं को रेवाड़ी नगर परिषद की ओर से पकड़ कर लाया भी गया. इन पशुओं की संख्या भी अब 400 के करीब हो चुकी है. ये स्थाई बड़ा नगर पालिका की करीब 7 एकड़ भूमि में बाउंड्री वॉल करवाकर बनाया गया है, लेकिन अभी तक जिला प्रशासन और नगर परिषद की ओर से पशुओं के लिए चारा और पानी की व्यवस्था के साथ धूप से बचने के लिए टीन शेड का बंदोबस्त भी नहीं किया गया.
स्थानीय लोगों ने किया विरोध
आज जब नगर परिषद का ट्रक कुछ और पशुओं को बाड़े में छोड़ने के लिए आया था. स्थानीय लोगों और गौ सेवकों ने ट्रक को अंदर जाने से रोक दिया. उन्होंने कहा कि पहले चारा-पानी की व्यवस्था की जाए उसके बाद ही इस अस्थाई बाड़े में पशुओं को छोड़ा जाए. वरना इन पशुओं को सड़कों पर ही घूमने दिया जाए. स्थानीय लोगों और गौ सेवकों के विरोध को देखते हुए नगर परिषद अधिकारी विजय पाल वहां पहुंचे और लोगों को समझा कर अस्थाई बाड़े का गेट खुलवाया और गाड़ी में ले जाए गए पशुओं को बाड़े में छुड़वाया गया.
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अधिकारी ने आश्वासन दिया कि एक-दो दिन में ही सभी व्यवस्थाएं कर ली जाएंगी. नई जगह होने की वजह से अभी ठीक से सुविधाएं नहीं हुई हैं. सर्दी का मौसम शुरू होने से पहले यहां पशुओं के लिए तीन शेट और चारे पानी की व्यवस्था बिल्कुल दुरुस्त कर दी जाएगी.