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रेवाड़ी की सड़कों से हटाए जाएंगे बेसहारा गौवंश, जयपुर की टीम को दिया गया कॉन्ट्रैक्ट - करणी गौ सेवा दल रेवाड़ी न्यूज

जयपुर की फर्म को कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है, जो कि रेवाड़ी शहर के अंदर से गौवंश को पकड़कर जाटूसाना स्थित गौशाला भिजवाएगी. वर्क ऑर्डर के साथ ठेकेदार ने अपना काम शुरू भी कर दिया है.

rewari stray cattle free
रेवाड़ी की सड़कों से हटाए जाएंगे बेसहारा गौवंश
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Published : Jan 23, 2020, 7:44 AM IST

रेवाड़ीः शहर को साल 2017 में जिला प्रशासन ने स्ट्रे केटल फ्री घोषित कर दिया था, लेकिन सड़कों से कभी गौवंश नहीं हटे. ये पशु सड़कों के बीच में ही बैठे रहते हैं. अब गोवंश को गौशाला में पहुंचाने के लिए नगर परिषद ने एक बार फिर से ठेका दे दिया है.

इस बार जयपुर की फर्म को ये कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है, जो कि शहर के अंदर से गौवंश को पकड़कर जाटूसाना स्थित गौशाला भिजवाएगी. वर्क आर्डर के साथ ठेकेदार ने अपना काम शुरू भी कर दिया है.

रेवाड़ी की सड़कों से हटाए जाएंगे बेसहारा गौवंश

उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार प्रशासन का प्रयास पहले से ज्यादा कारगर साबित होगा. पहले ठेकेदार को शहर में ही चुनौती झेलनी पड़ी थी. जिसके बाद कॉन्टैक्ट छोड़कर चला गया था. अभी बेसहारा पशुओं की परेशानी का अंदाजा सर्कुलर रोड पर ही नजारा देख कर अंदाजा लगाया सकता है.

540 बेसहारा गौवंशों को मिला सहारा
पहले ठेकेदार के काम छोड़ने के बाद नगर परिषद ने कॉन्ट्रैक्ट देने के लिए नवंबर में टेंडर किए थे. जयपुर की फर्म करणी सेवा को अभी ये टेंडर दे दिया गया है. बेसहारा गौवंश को पकड़कर गौशाला तक पहुंचाने के लिए ये फर्म काम करेगी.

नगर परिषद अधिकारियों के अनुसार पशु पकड़ने से लेकर वाहन में गौशाला तक छोड़ने के लिए न ठेकेदार को प्रति पशु 1600 रुपए का भुगतान करेंगे. ये ठेकेदार जब तक काम करेगा जब तक सभी बेसहारा गौवंश गौशाला नहीं पहुंचा दिए जाते. अभी तक 540 गोवंश को जाटूसाना गौशाला में भेजा जा चुका है.

ठेकेदार ने दबंगों से परेशान होकर छोड़ा था काम!
नगर परिषद ने 2018 के अंत में बेसहारा गौवंश को सड़कों से पकड़कर गौशालाओं तक पहुंचाने के टेंडर किए थे ये ठेका एजेंसी को दिया गया था लेकिन कुछ महीने बाद ठेकेदार के सामने कुछ दबंगों की दबंगई अड़चन बन गई.

नगर परिषद सूत्रों की मानें तो गायों को पकड़कर गौशाला पहुंचाने के दौरान कुछ लोगों ने ठेकेदार को परेशान करना शुरु कर दिया था. इसके बाद मामला पुलिस तक भी पहुंच गया था. पुलिस सुरक्षा तक मुहैया कराने के आश्वासन पर भी ठेकेदार ने काम जारी नहीं रखा.

जयपुर की टीम कर रही है काम
मई 2019 के बाद उक्त एजेंसी ने गौवंश को पकड़ना बंद कर दिया. नप द्वारा नोटिस जारी करने के बाद भी काम नहीं हुआ. उक्त ठेकेदार की कुछ पेमेंट भी रोकी हुई है. इसलिए नए ठेकेदार के सामने भी ये चुनौती रह सकती है. नप कर्मचारियों के अनुसार शहर की सड़कों से ढाई हजार बेसहारा पशुओं को हटाया जाएगा. इसके लिए जयपुर की करणी सेवा दल के सदस्यों की एक टीम शहर में काम कर रहीं है.

रेवाड़ीः शहर को साल 2017 में जिला प्रशासन ने स्ट्रे केटल फ्री घोषित कर दिया था, लेकिन सड़कों से कभी गौवंश नहीं हटे. ये पशु सड़कों के बीच में ही बैठे रहते हैं. अब गोवंश को गौशाला में पहुंचाने के लिए नगर परिषद ने एक बार फिर से ठेका दे दिया है.

इस बार जयपुर की फर्म को ये कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है, जो कि शहर के अंदर से गौवंश को पकड़कर जाटूसाना स्थित गौशाला भिजवाएगी. वर्क आर्डर के साथ ठेकेदार ने अपना काम शुरू भी कर दिया है.

रेवाड़ी की सड़कों से हटाए जाएंगे बेसहारा गौवंश

उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार प्रशासन का प्रयास पहले से ज्यादा कारगर साबित होगा. पहले ठेकेदार को शहर में ही चुनौती झेलनी पड़ी थी. जिसके बाद कॉन्टैक्ट छोड़कर चला गया था. अभी बेसहारा पशुओं की परेशानी का अंदाजा सर्कुलर रोड पर ही नजारा देख कर अंदाजा लगाया सकता है.

540 बेसहारा गौवंशों को मिला सहारा
पहले ठेकेदार के काम छोड़ने के बाद नगर परिषद ने कॉन्ट्रैक्ट देने के लिए नवंबर में टेंडर किए थे. जयपुर की फर्म करणी सेवा को अभी ये टेंडर दे दिया गया है. बेसहारा गौवंश को पकड़कर गौशाला तक पहुंचाने के लिए ये फर्म काम करेगी.

नगर परिषद अधिकारियों के अनुसार पशु पकड़ने से लेकर वाहन में गौशाला तक छोड़ने के लिए न ठेकेदार को प्रति पशु 1600 रुपए का भुगतान करेंगे. ये ठेकेदार जब तक काम करेगा जब तक सभी बेसहारा गौवंश गौशाला नहीं पहुंचा दिए जाते. अभी तक 540 गोवंश को जाटूसाना गौशाला में भेजा जा चुका है.

ठेकेदार ने दबंगों से परेशान होकर छोड़ा था काम!
नगर परिषद ने 2018 के अंत में बेसहारा गौवंश को सड़कों से पकड़कर गौशालाओं तक पहुंचाने के टेंडर किए थे ये ठेका एजेंसी को दिया गया था लेकिन कुछ महीने बाद ठेकेदार के सामने कुछ दबंगों की दबंगई अड़चन बन गई.

नगर परिषद सूत्रों की मानें तो गायों को पकड़कर गौशाला पहुंचाने के दौरान कुछ लोगों ने ठेकेदार को परेशान करना शुरु कर दिया था. इसके बाद मामला पुलिस तक भी पहुंच गया था. पुलिस सुरक्षा तक मुहैया कराने के आश्वासन पर भी ठेकेदार ने काम जारी नहीं रखा.

जयपुर की टीम कर रही है काम
मई 2019 के बाद उक्त एजेंसी ने गौवंश को पकड़ना बंद कर दिया. नप द्वारा नोटिस जारी करने के बाद भी काम नहीं हुआ. उक्त ठेकेदार की कुछ पेमेंट भी रोकी हुई है. इसलिए नए ठेकेदार के सामने भी ये चुनौती रह सकती है. नप कर्मचारियों के अनुसार शहर की सड़कों से ढाई हजार बेसहारा पशुओं को हटाया जाएगा. इसके लिए जयपुर की करणी सेवा दल के सदस्यों की एक टीम शहर में काम कर रहीं है.

Intro:सर की सड़कों से हटेंगे पशु
2017 में स्ट्रे केटल फ्री घोषित हो चुके रेवाडी में बेसहारा गौवंश
पकड़ने के लिए फिर दिया ठेका गोशाला में पहुंचाएंगे गायें
जयपुर की फर्म करणी गो सेवा को दिया गया कॉन्ट्रैक्ट
हजारों बेसहारा पशु घूमते हैं शहर में अभी तक पकड़े 540
रेवाडी 22 जनवरी।



Body:बेशक रेवाड़ी शहर को वर्ष 2017 में जिला प्रशासन ने स्ट्रे केटल फ्री घोषित कर दिया था। मगर सडको से कभी गौवंश नहीं हटे। यह पशु सड़कों के बीच में ही बैठे रहते हैं। अब गोवंश को गौशाला में पहचाने के लिए नगर परिषद ने एक बार फिर से ठेका दे दिया है। इस बार जयपुर की फर्म को यह कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है। जो कि शहर के अंदर से गौवंश को पकड़कर जाटूसाना स्थित गौशाला भिजवायेगी। वर्क आर्डर के साथ ठेकेदार ने अपना काम शुरू भी कर दिया है। उम्मीद है कि इस बार प्रशासन का प्रयास पहले से ज्यादा कारगर साबित होगा। पहले ठेकेदार को शहर में ही चुनौती झेलनी पड़ी थी। जिसके बाद कॉन्टैक्ट छोड़कर चला गया था। अभी बेसहारा पशुओं की परेशानी का अंदाजा सर्कुलर रोड पर ही नजारा देख कर अंदाजा लगाया सकता है।
एक पशु को गोशाला पहुंचाने के लिए 1600 रुपए भुगतान
पहले ठेकेदार के काम छोड़ने के बाद नगर परिषद ने कॉन्ट्रैक्ट देने के लिए नवंबर में टेंडर किए थे। जयपुर की फर्म करणी सेवा को अभी यह टेंडर दे दिया गया है। बेसहारा गौवंश को पकड़कर गौशाला तक पहुंचाने के लिए यह फर्म काम करेगी। नगर परिषद अधिकारियों के अनुसार पशु पकड़ने से लेकर वाहन में गौशाला तक छोड़ने के लिए न ठेकेदार को प्रति पशु 1600 रुपए का भुगतान करेंगे। यह ठेकेदार जब तक काम करेगा जब तक सभी बेसहारा गौवंश गौशाला नहीं पहुंचा दिए जाते। अभी तक 540 गोवंश को जाटूसाना गौशाला में भेजा जा चुका है।
पहले ठेकेदार ने दबंगों से परेशान होकर छोड़ा था काम
नगर परिषद ने 2018 के अंत में बेसहारा गौवंश को सड़कों से पकड़कर गौशालाओं तक पहुंचाने के टेंडर किए थे यह ठेका एजेंसी को दिया गया था लेकिन कुछ माह बाद ठेकेदार के सामने कुछ दबंगों की दबंगई अड़चन बन गई। नप सूत्रों की माने तो गायों को पकड़कर गौशाला पचाने के दौरान कुछ लोगों ने ठेकेदार को परेशान करना शुरु कर दिया था। इसके बाद मामला पुलिस तक भी पहुंच गया था। पुलिस सुरक्षा तक मुहैया कराने के आश्वासन पर भी ठेकेदार ने काम जारी नहीं रखा। मई 2019 के बाद उक्त एजेंसी ने गौवंश को पकड़ना बंद कर दिया। नप द्वारा नोटिस जारी करने के बाद भी काम नहीं हुआ। उक्त ठेकेदार की कुछ पेमेंट भी रोकी हुई है। इसलिए नए ठेकेदार के सामने भी यह चुनौती रह सकती है। नप कर्मचारियों के अनुसार शहर की सड़कों से ढाई हजार बेसहारा पशुओं को हटाया जाएगा। इसके लिए जयपुर की करणी सेवा दल के सदस्यों की एक टीम शहर में काम कर रहीं है।
बाइट--विजय सिंह, सहायक सैनेट्री अधिकारी।
बाइट--रविन्द्र यादव, SDM रेवाड़ी।



Conclusion:अब देखना होगा कि एक बार फिर शहर की सड़कों से बेसहारा पशुओं को हटाने का काम शुरु कर दिया गया है क्या अब शहर बेसहारा फसलों से मुक्त पाएगा।
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