रेवाड़ीः शहर को साल 2017 में जिला प्रशासन ने स्ट्रे केटल फ्री घोषित कर दिया था, लेकिन सड़कों से कभी गौवंश नहीं हटे. ये पशु सड़कों के बीच में ही बैठे रहते हैं. अब गोवंश को गौशाला में पहुंचाने के लिए नगर परिषद ने एक बार फिर से ठेका दे दिया है.
इस बार जयपुर की फर्म को ये कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है, जो कि शहर के अंदर से गौवंश को पकड़कर जाटूसाना स्थित गौशाला भिजवाएगी. वर्क आर्डर के साथ ठेकेदार ने अपना काम शुरू भी कर दिया है.
उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार प्रशासन का प्रयास पहले से ज्यादा कारगर साबित होगा. पहले ठेकेदार को शहर में ही चुनौती झेलनी पड़ी थी. जिसके बाद कॉन्टैक्ट छोड़कर चला गया था. अभी बेसहारा पशुओं की परेशानी का अंदाजा सर्कुलर रोड पर ही नजारा देख कर अंदाजा लगाया सकता है.
540 बेसहारा गौवंशों को मिला सहारा
पहले ठेकेदार के काम छोड़ने के बाद नगर परिषद ने कॉन्ट्रैक्ट देने के लिए नवंबर में टेंडर किए थे. जयपुर की फर्म करणी सेवा को अभी ये टेंडर दे दिया गया है. बेसहारा गौवंश को पकड़कर गौशाला तक पहुंचाने के लिए ये फर्म काम करेगी.
नगर परिषद अधिकारियों के अनुसार पशु पकड़ने से लेकर वाहन में गौशाला तक छोड़ने के लिए न ठेकेदार को प्रति पशु 1600 रुपए का भुगतान करेंगे. ये ठेकेदार जब तक काम करेगा जब तक सभी बेसहारा गौवंश गौशाला नहीं पहुंचा दिए जाते. अभी तक 540 गोवंश को जाटूसाना गौशाला में भेजा जा चुका है.
ठेकेदार ने दबंगों से परेशान होकर छोड़ा था काम!
नगर परिषद ने 2018 के अंत में बेसहारा गौवंश को सड़कों से पकड़कर गौशालाओं तक पहुंचाने के टेंडर किए थे ये ठेका एजेंसी को दिया गया था लेकिन कुछ महीने बाद ठेकेदार के सामने कुछ दबंगों की दबंगई अड़चन बन गई.
नगर परिषद सूत्रों की मानें तो गायों को पकड़कर गौशाला पहुंचाने के दौरान कुछ लोगों ने ठेकेदार को परेशान करना शुरु कर दिया था. इसके बाद मामला पुलिस तक भी पहुंच गया था. पुलिस सुरक्षा तक मुहैया कराने के आश्वासन पर भी ठेकेदार ने काम जारी नहीं रखा.
जयपुर की टीम कर रही है काम
मई 2019 के बाद उक्त एजेंसी ने गौवंश को पकड़ना बंद कर दिया. नप द्वारा नोटिस जारी करने के बाद भी काम नहीं हुआ. उक्त ठेकेदार की कुछ पेमेंट भी रोकी हुई है. इसलिए नए ठेकेदार के सामने भी ये चुनौती रह सकती है. नप कर्मचारियों के अनुसार शहर की सड़कों से ढाई हजार बेसहारा पशुओं को हटाया जाएगा. इसके लिए जयपुर की करणी सेवा दल के सदस्यों की एक टीम शहर में काम कर रहीं है.