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जागरूकता की मिसाल बनी रेवाड़ी की बेटी नंदनी, पॉलीथीन बैन के लिए कर रही है ये काम ! - latest news rewari in hindi

17 वर्षीय नंदनी पॉलीथीन बैन के लिए लोगों को जागरूक कर रही है. जहां वो दो सालों से कपड़े के थैले बनाकर लोगों को भेंट कर रही है. साथ ही पर्यावरण के लिए जागरूकता पैदा करने में जुटी हुई है.

छात्रा नंदनी
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Published : Sep 30, 2019, 10:10 AM IST

Updated : Sep 30, 2019, 10:27 AM IST

रेवाड़ी: एक और सरकार जहां विज्ञापनों के माध्यम से लोगों को जागरूक करने में लाखों रूपये खर्च कर रही है. वहीं हरियाणा के रेवाड़ी की रहने वाली ये बेटी पॉलिथीन का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए स्वंय कपड़े के थैले बनाकर लोगों तक पहुंचा रही है.

जागरूकता की मिसाल बनी रेवाड़ी की बेटी नंदनी, देखें वीडियो

जिले के विकास नगर निवासी 17 वर्षीय नंदनी 12वीं कक्षा की छात्रा है और वो पिछले दो वर्षों से लोगों को अपने हाथों से कपड़े के थैले बनाकर भेंट कर रही है. नंदनी का कहना है कि प्लास्टिक से पर्यावरण दूषित हो रहा है. जिसका असर जनजीवन पर पड़ रहा है.

मनुष्य इससे होने वाली बीमारियों को कुछ हद तक दवाइयों के जरिये दूर कर लेते हैं, लेकिन आसमान में उड़ते परिंदों और बेजुबान पशुओं को सांस लेने में परेशानी हो रही है. जिसका समाधान नहीं किसी को नहीं पता. जिसके चलते सभी जनजीवन धीरे-धीरे दम तोड़ रहे है.

'घर से मिलती है प्लास्टिक इस्तेमाल ना करने की प्ररेणा'

छात्रा नंदनी का कहना है कि इसके लिए मुझे मेरे घर से ही प्रेरणा मिली है. क्योंकि मेरे घर में प्लास्टिक का प्रयोग नहीं किया जाता है. मेरी नानी जी हमेशा बाजार जाते समय अपने साथ कपड़े का थैला ही लेकर जाती है.

घर पर कपड़े सिलाई करने के बाद बचे शेष कपड़ों से मैनें थैले बनाना शुरू किया. लेकिन वो कपड़ा बहुत सारे थैले बनाने के लिए पर्याप्त नहीं होता था. इस कमी को पूरा करने के लिए मैं अपनी जेब खर्ची वाली गुल्ल्क की मदद लेती हूं ताकि अधिक से अधिक लोगों को इस मुहिम से जोड़ सकूं.

दो वर्षों में बनाए कई थैले

नंदनी ने बताया कि इस काम में मेरा छोटे भाई हर्ष भी कटिंग से लेकर थैले सिलाई करने तक मेरी मदद करता है. अब दोनों भाई-बहन स्कूल से लौटने के बाद बाकी बच्चों की तरह खेलते नहीं बल्कि कपड़े से थैले बनाते हैं. नंदनी दो वर्षों में हजारों थैले बनाकर लोगों को भेट कर रही हैं. साथ ही पर्यावरण के लिए जागरूकता पैदा करने में जुटी हुई है.

मिसाल कायम कर सकें

2 अक्टूबर को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सिंगल पॉलिथीन बैन को लेकर भी नंदनी ने एक हजार 150 थैले बनाने में लगी हुई है. नंदनी 2 अक्टूबर को गांधी जी की 150वीं जयंती पर इन्हें जिला उपायुक्त यशेंद्र सिंह को भेंट करेंगी.

नंदनी और उसका छोटा भाई हर्ष इस काम में दिन-रात जुटे हुए है. ताकि वो गांधी जी की 150वीं जयंती पर देश की जनता को वातावरण को शुद्ध बनाने का संदेश देने के साथ सिंगल पॉलिथीन बैन के लिए जागरूक कर एक मिसाल कायम कर सकें.

ये भी पढे़- नूंह को पॉलीथिन मुक्त बनाने के लिए जिला उपायुक्त ने चलाया विशेष अभियान

रेवाड़ी: एक और सरकार जहां विज्ञापनों के माध्यम से लोगों को जागरूक करने में लाखों रूपये खर्च कर रही है. वहीं हरियाणा के रेवाड़ी की रहने वाली ये बेटी पॉलिथीन का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए स्वंय कपड़े के थैले बनाकर लोगों तक पहुंचा रही है.

जागरूकता की मिसाल बनी रेवाड़ी की बेटी नंदनी, देखें वीडियो

जिले के विकास नगर निवासी 17 वर्षीय नंदनी 12वीं कक्षा की छात्रा है और वो पिछले दो वर्षों से लोगों को अपने हाथों से कपड़े के थैले बनाकर भेंट कर रही है. नंदनी का कहना है कि प्लास्टिक से पर्यावरण दूषित हो रहा है. जिसका असर जनजीवन पर पड़ रहा है.

मनुष्य इससे होने वाली बीमारियों को कुछ हद तक दवाइयों के जरिये दूर कर लेते हैं, लेकिन आसमान में उड़ते परिंदों और बेजुबान पशुओं को सांस लेने में परेशानी हो रही है. जिसका समाधान नहीं किसी को नहीं पता. जिसके चलते सभी जनजीवन धीरे-धीरे दम तोड़ रहे है.

'घर से मिलती है प्लास्टिक इस्तेमाल ना करने की प्ररेणा'

छात्रा नंदनी का कहना है कि इसके लिए मुझे मेरे घर से ही प्रेरणा मिली है. क्योंकि मेरे घर में प्लास्टिक का प्रयोग नहीं किया जाता है. मेरी नानी जी हमेशा बाजार जाते समय अपने साथ कपड़े का थैला ही लेकर जाती है.

घर पर कपड़े सिलाई करने के बाद बचे शेष कपड़ों से मैनें थैले बनाना शुरू किया. लेकिन वो कपड़ा बहुत सारे थैले बनाने के लिए पर्याप्त नहीं होता था. इस कमी को पूरा करने के लिए मैं अपनी जेब खर्ची वाली गुल्ल्क की मदद लेती हूं ताकि अधिक से अधिक लोगों को इस मुहिम से जोड़ सकूं.

दो वर्षों में बनाए कई थैले

नंदनी ने बताया कि इस काम में मेरा छोटे भाई हर्ष भी कटिंग से लेकर थैले सिलाई करने तक मेरी मदद करता है. अब दोनों भाई-बहन स्कूल से लौटने के बाद बाकी बच्चों की तरह खेलते नहीं बल्कि कपड़े से थैले बनाते हैं. नंदनी दो वर्षों में हजारों थैले बनाकर लोगों को भेट कर रही हैं. साथ ही पर्यावरण के लिए जागरूकता पैदा करने में जुटी हुई है.

मिसाल कायम कर सकें

2 अक्टूबर को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सिंगल पॉलिथीन बैन को लेकर भी नंदनी ने एक हजार 150 थैले बनाने में लगी हुई है. नंदनी 2 अक्टूबर को गांधी जी की 150वीं जयंती पर इन्हें जिला उपायुक्त यशेंद्र सिंह को भेंट करेंगी.

नंदनी और उसका छोटा भाई हर्ष इस काम में दिन-रात जुटे हुए है. ताकि वो गांधी जी की 150वीं जयंती पर देश की जनता को वातावरण को शुद्ध बनाने का संदेश देने के साथ सिंगल पॉलिथीन बैन के लिए जागरूक कर एक मिसाल कायम कर सकें.

ये भी पढे़- नूंह को पॉलीथिन मुक्त बनाने के लिए जिला उपायुक्त ने चलाया विशेष अभियान

Intro:नवरात्रा स्पेशल:
जागरूकता की मिशाल बनी रेवाड़ी की बेटी नंदनी..
12वीं की छात्रा कर रही है लोगों को पॉलीथीन का त्याग करने के लिए प्रेरित...
रेवाड़ी, 28 सितंबर।
Body:एक और सरकार जहां विज्ञापनों के माध्यम से लोगों को जागरूक करने में लाखों रूपये खर्च कर रहीं है वहीं हरियाणा के रेवाड़ी की रहने वाली यह बेटी पॉलीथीन का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए स्वयं कपड़े के थैले बनाकर लोगों तक पहुंचा रही है।
रेवाड़ी जिले के विकास नगर निवासी 17 वर्षीय नंदनी 12वीं कक्षा की छात्रा है, और वह पिछले दो वर्षों से लोगों को अपने हाथों से कपड़े के थैले बनाकर भेंट कर रहीं है। नंदनी का कहना है कि प्लास्टिक से पर्यावरण दूषित हो रहा है, जिसका असर जनजीवन पर पड़ रहा है। मनुष्य इससे होने वाली बिमारियों को कुछ हद तक दवाइयों के जरिये दूर कर लेते है लेकिन आसमान में उड़ते परिंदों व बेजुबान पशुओं को सांस लेने में हो रही परेशानी का समाधान नहीं पता जिसके चलते वह धीरे-धीरे दम तोड़ रहें है। छात्रा नंदनी का कहना है कि इसके लिए मुझे मेरे घर से ही प्रेरणा मिली क्योंकि मेरे घर में प्लास्टिक का प्रयोग नहीं किया जाता, और मेरी नानी जी हमेशा बाजार जाते समय अपने साथ कपड़े का थैला ही लेकर जाती है। घर पर कपड़े सिलाई करने के बाद बचे शेष कपड़ों से मैने थैले बनाना शुरू किया। लेकिन वह कपड़ा बहुत सारे थैले बनाने के लिए पर्याप्त नहीं होता था। इस कमी को पूरा करने के लिए मैं अपनी जेब खर्ची वाली गुल्ल्क की मदद लेती हूँ ताकि अधिक से अधिक लोगों को इस मुहीम से जोड़ सकूं। इस कार्य में मेरा छोटे भाई हर्ष भी कटिंग से लेकर थैले सिलाई करने तक मेरा सहयोग करता है। अब दोनों भाई-बहन स्कूल से लौटने के बाद बाकी बच्चो की तरह खेलते नहीं बल्कि कपड़े से थैले बनाते है। नंदनी दो वर्षों में हजारों थैले बनाकर लोगों को भेट कर पर्यावरण के लिए जागरूक करने जुटी हुई है। 2 अक्टूबर को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सिंगल पॉलीथीन बैन को लेकर भी नंदनी ने एक हजार 150 थैले बनाने में लगी हुई है। नंदनी 2 अक्टूबर को गाँधी जी की 150वीं जयंती पर इन्हे जिला उपायुक्त यशेंद्र सिंह को भेंट करेंगी। नंदनी व उसका छोटा भाई हर्ष इस कार्य में दिन-रात जुटे हुए है ताकि वह गाँधी जी की 150वीं जयंती पर देश की जनता को वातावरण को शुद्ध बनाने का संदेश देने के साथ सिंगल पॉलीथीन बैन के लिए जागरूक कर एक मिशाल कायम कर सकें।
बाइट--हर्ष, नंदनी का छोटा भाई।
बाइट--नंदनी, जागरूक छात्रा।Conclusion:अब देखना होगा की इस बेटी की जागरूकता क्या रंग लाती है 
Last Updated : Sep 30, 2019, 10:27 AM IST
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