रेवाड़ी: चुनावी सरगर्मियां आय दिन तेज होती जा रही हैं. बड़े-बड़े नेता गांव के गलियारों में धूल फांकते नजर आ रहे हैं. कभी हेमा मालिनी किसानों के साथ गेहूं काटती नजर आ रहीं हैं तो कभी जयप्रदा किसानों के खेतों में गेहूं काटती नजर आ रहीं. इसी कड़ी में आज पीएम मोदी के आगे दावेदारी पेश करने वाले पूर्व सैनिक तेज बहादुर भी खेतों में गेहूं काटते नजर आए.
तेज बहादुर का कहना है कि वो गेहूं राजनीतिक स्टंट के लिए खेत नहीं काट रहे है. वे किसान के बेटे हैं. तेज बहादुर का कहना है कि 2014 में जब मोदी सरकार बनी तब उन्होंने भ्रष्टाचार मिटाने की बात कही. जिससे प्रभावित होकर मैंने भी सेना में पनप रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई थी. मोदी सरकार ने भ्रष्टाचारके खिलाफ आवाज उठाने की सजा मुझे नौकरी से बर्खास्त करके दी.
अब बच्चे पालने के लिए मैं अपनी जमीन पर खेती कर रहा हूं. कुछ लोग मतदाताओं को लुभाने के लिए खेतों में जाकर फसल कटाई का ड्रामा रच रहे हैं, लेकिन एक किसान का बेटा हूं. यह मैं दिखावे के लिए नहीं अपने परिवार को पालने के लिए कर रहा हूं.
उन्होंने बताया कि कुछ पार्टियां मेरे सपोर्ट में आ रही हैं. आप पार्टी भी मदद का आश्वासन दे रही है. मैं मोदी जी से कहना चाहता हूं कि अगर वह सैनिकों का सम्मान करते है तो वाराणसी की सीट छोड़ दे. उन्होंने फेसबुक पर लोगों से मदद के साथ चुनाव खर्च के लिए फंड जुटाने को लेकर अपना अकाउंट नंबर भी शेयर किया है.