रेवाड़ी: हरियाणा में कांग्रेस को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं. बीते दिनों कुरुक्षेत्र के शाहबाद मारकंडा के पूर्व विधायक और कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल धंतौड़ी ने कांग्रेस पार्टी को छोड़ दिया था. वहीं अब कांग्रेस के एक और कद्दावर नेताओं में शुमार रामेश्वर दयाल ने भी पार्टी छोड़ दी है. बता दें कि रामेश्वर दयाल रेवाड़ी जिले की बावल विधानसभा सीट से विधायक रहे (Ex-MLA Rameshwar Dayal resigns) हैं. हालांकि इस्तीफा देने की वजह उन्होंने परिवारिक कारण बताया है. पार्टी छोड़ने की सूचना प्रदेशाध्यक्ष उदयभान को भी भेज दी है.
2009 में इनेलो के टिकट पर बने थे विधायक: बता दें कि हरियाणा रोडवेज से रिटायर्ड होने के बाद वह सक्रिय राजनीति में आए और रामपुरा हाउस के साथ जुड़कर बावल एरिया (Rameshwar Dayal resigns from Bawal assembly) में अपनी पकड़ मजबूत की. 2009 में इनेलो को तत्कालीन प्रदेश उपाध्यक्ष राव अजीत सिंह की सिफारिश पर उन्हें बावल विधानसभा से इनेलो की टिकट मिली थी. इस चुनाव में शानदार जीत दर्ज कर रामेश्वर दयाल पहली बार विधायक बने. उस वक्त चौटाला परिवार की सरकार भले ही नहीं बनी, लेकिन पांच साल तक वह चौटाला परिवार और रामपुरा हाउस के साथ मिलकर बावल क्षेत्र के विकास की आवाज उठाते रहे.
रामेश्वर दयाल की खास बात यह है कि विधायक बनने से पहले उन्हें बहुत कम ही लोग जानते थे, लेकिन रामपुरा हाउस की सिफारिश पर रातों रात वह ना केवल नेता बने बल्कि विधायक भी बन गए. पूर्व एमएलए रामेश्वर दयाल पिछले 5 साल से कांग्रेस से जुड़े हुए थे. उन्हें रामपुरा हाउस का खास समर्थक माना जाता है. वे केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह के भाई राव अजीत सिंह और उनके बेटे कांग्रेसी नेता राव अर्जुन के साथ कई कार्यक्रमों में शामिल होते रहे हैं.
2016 में कांग्रेस पार्टी का थामा दामन: रामेश्वर दयाल ने सन 2016 में कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया था. इस बीच केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह के भतीजे राव अर्जुन सिंह भी कांग्रेस ज्वॉइन कर चुके थे. काफी समय तक वह कांग्रेस के हर एक कार्यक्रम में नजर आने लगे, लेकिन पिछले कुछ सालों से पार्टी में उनकी सक्रियता न के बराबर रही. इस बीच अब रामेश्वर दयाल ने पार्टी छोड़ने की घोषणा कर दी है. रामेश्वर ने किसी भी अन्य दल में जाने की बात को सिरे से नकार दिया है. उनका कहना है कि घरेलू वजह से वह राजनीति से दूर हो रहे हैं. उनका किसी से कोई मनमुटाव नहीं है. भविष्य में वह क्या निर्णय लेंगे इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता.
बता दें कि आगामी दिनों हरियाणा में आदमपुर उपचुनाव (Adampur by-election in Haryana) होने हैं. वहीं कांग्रेस के कद्दावर नेता लगातार पार्टी से अलविदा लेने में लगे हुए हैं. भारत को एक करने के लिए राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा पर निकले हैं लेकिन पार्टी में हो सरहे बिखराव को वो कैसे संभालेंगे ये एक बड़ा सवाल बना हुआ है.
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