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कोरोना क्राइसिस: इंसानों के साथ-साथ बेजुबानों पर भी भोजन का संकट - haryana

कोरोना वायरस के कहर से पूरा देश कराह रहा है. वायरस के प्रकोप से बचने के लिए सरकार ने लॉकडाउन किया है. ऐसे में इंसान तो इंसान जानवरों का जीवन भी प्रभावित हो रहा है. बाजारों में घूमने वाले बेसहारा पशुओं को भी अब भूख की मार से दो चार होना पड़ रहा है.

imals facing food problem in rewari
जानवरों के सामने भी खड़ा हुआ खाने-पीने का संकट
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Published : Mar 31, 2020, 11:13 AM IST

रेवाड़ी: सड़को पर घूमने वाले बेसहारा बेजुबानों की मदद के लिए कई सामाजिक संगठन सामने आए हैं. जिले में भूखे गोवंशो को कुछ समाजिक संगठन के लोग अब पीपीता खिला रहे हैं, जिससे उनकी भूख सके. हालाकि भूखे गोवंशों की अभी तक जिला प्रशासन द्वारा अभी तक सुध नहीं ली गई.

गोवंशों के लिए मसीहा बना शख्स

लॉकडाउन की वजह से ज्यादातर दफ्तर, दुकानें, होटल बंद हैं और लोग अपने घरों में कैद होने के लिए मजबूर हैं. ऐसे में सड़क पर रहने वाले पशु-पक्षियों और जानवरों की जान भी मुश्किल में आ गई है. इन्हें भी खाना और पानी नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में गोवंशों के लिए मसीहा बनकर सामने आए शख्स ने लोगों से अपील की है कि ऐसी आपदा में सभी को एक-दूसरे की मदद के लिए आगे आना चाहिए कोई भी व्यक्ति या पशु भूख से ना मरे.

क्लिक कर देखें रिपोर्ट.

इन्सान, बेजुबां सब त्रस्त

लॉकडाउन की वजह से लोग अपने घरों में रहने के लिए मजबूर हैं और इन जानवरों के सामने भी खाने का बड़ा संकट खड़ा है. दफ्तर, दुकान जाते समय में लोग इन जानवरों के सामने रोटी, बिस्कुट देते थे और इनका पेट भर जाता था. लेकिन लॉकडाउन के बाद स्थिति पूरी तरह से बदल गई है.

21 दिनों तक सब बंद

बता दें कि राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान देश वासियों को कोरोना वायरस को प्रकोप से बचाने के 21 दिनों तक पूरे देश में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया . इस दौरान पीएम मोदी ने यह भी बताया कि लॉकडाउन का मतलब सब कुछ बंद यह कर्फ्यू जैसा ही है लेकिन इसमें आपको जरूरी सामान मिलता रहेगा. ऐसे में इस लॉकडाउन में सबसे ज्यादा दिक्कत मजदूरों को और बेजुबानों को हो रही है.

रेवाड़ी: सड़को पर घूमने वाले बेसहारा बेजुबानों की मदद के लिए कई सामाजिक संगठन सामने आए हैं. जिले में भूखे गोवंशो को कुछ समाजिक संगठन के लोग अब पीपीता खिला रहे हैं, जिससे उनकी भूख सके. हालाकि भूखे गोवंशों की अभी तक जिला प्रशासन द्वारा अभी तक सुध नहीं ली गई.

गोवंशों के लिए मसीहा बना शख्स

लॉकडाउन की वजह से ज्यादातर दफ्तर, दुकानें, होटल बंद हैं और लोग अपने घरों में कैद होने के लिए मजबूर हैं. ऐसे में सड़क पर रहने वाले पशु-पक्षियों और जानवरों की जान भी मुश्किल में आ गई है. इन्हें भी खाना और पानी नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में गोवंशों के लिए मसीहा बनकर सामने आए शख्स ने लोगों से अपील की है कि ऐसी आपदा में सभी को एक-दूसरे की मदद के लिए आगे आना चाहिए कोई भी व्यक्ति या पशु भूख से ना मरे.

क्लिक कर देखें रिपोर्ट.

इन्सान, बेजुबां सब त्रस्त

लॉकडाउन की वजह से लोग अपने घरों में रहने के लिए मजबूर हैं और इन जानवरों के सामने भी खाने का बड़ा संकट खड़ा है. दफ्तर, दुकान जाते समय में लोग इन जानवरों के सामने रोटी, बिस्कुट देते थे और इनका पेट भर जाता था. लेकिन लॉकडाउन के बाद स्थिति पूरी तरह से बदल गई है.

21 दिनों तक सब बंद

बता दें कि राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान देश वासियों को कोरोना वायरस को प्रकोप से बचाने के 21 दिनों तक पूरे देश में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया . इस दौरान पीएम मोदी ने यह भी बताया कि लॉकडाउन का मतलब सब कुछ बंद यह कर्फ्यू जैसा ही है लेकिन इसमें आपको जरूरी सामान मिलता रहेगा. ऐसे में इस लॉकडाउन में सबसे ज्यादा दिक्कत मजदूरों को और बेजुबानों को हो रही है.

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