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रेवाड़ी: एक से नहीं बन रही बात, और इलेक्ट्रिक ट्रेनों की मांग

रेवाड़ी से दिल्ली के बीच चलने वाली इलेक्ट्रिक ट्रेन यात्रियों का समय बचाती है, लेकिन ऐसी ट्रेनों की संख्या ना के बराबर है. जिस वजह से यात्रियों को पुरानी ट्रेनों में ही सफर करना पड़ रहा है.

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Published : May 20, 2019, 10:16 PM IST

धीमी पड़ी इलेक्ट्रिक ट्रेन की रफ्तार !

रेवाड़ी: एशिया के सबसे बड़े रेलवे स्टेशनों में शुमार रेवाड़ी रेलवे जंक्शन की अपनी एक अलग पहचान है. इसी पहचान को बरकरार रखने के लिए 30 जनवरी को केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने रेवाड़ी से दिल्ली के बीच पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रेवाड़ी से दिल्ली के लिये रवाना किया था.

इलेक्ट्रिक ट्रेन के चलने से यात्रियों में खुशी की लहर थी, क्योंकि इस ट्रेन से यात्री 40 मिनट तक बचा रहे थे, लेकिन और इलेक्ट्रिक ट्रेन की कमी के चलते लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यात्रियों की माने तो रेवाड़ी-दिल्ली के बीच पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन चलने से उन्हें काफी राहत मिली है, लेकिन यह सुविधा कुछ ट्रेनों में ही है. बाकी सभी में आज भी वही पुराना डीजल इंजन ही काम कर रहा है.

यात्रियों ने की इलेक्ट्रिक ट्रेनों की संख्या बढ़ाने की मांग

इलेक्ट्रिक ट्रेन की सुविधा सुचारू न होने की वजह से यात्रियों को परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं. यात्रियों ने जल्द दूसरी इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने की भी मांग की है.

रेवाड़ी: एशिया के सबसे बड़े रेलवे स्टेशनों में शुमार रेवाड़ी रेलवे जंक्शन की अपनी एक अलग पहचान है. इसी पहचान को बरकरार रखने के लिए 30 जनवरी को केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने रेवाड़ी से दिल्ली के बीच पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रेवाड़ी से दिल्ली के लिये रवाना किया था.

इलेक्ट्रिक ट्रेन के चलने से यात्रियों में खुशी की लहर थी, क्योंकि इस ट्रेन से यात्री 40 मिनट तक बचा रहे थे, लेकिन और इलेक्ट्रिक ट्रेन की कमी के चलते लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यात्रियों की माने तो रेवाड़ी-दिल्ली के बीच पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन चलने से उन्हें काफी राहत मिली है, लेकिन यह सुविधा कुछ ट्रेनों में ही है. बाकी सभी में आज भी वही पुराना डीजल इंजन ही काम कर रहा है.

यात्रियों ने की इलेक्ट्रिक ट्रेनों की संख्या बढ़ाने की मांग

इलेक्ट्रिक ट्रेन की सुविधा सुचारू न होने की वजह से यात्रियों को परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं. यात्रियों ने जल्द दूसरी इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने की भी मांग की है.

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इलैक्ट्रिक ट्रेन टांय टांय फिश...
5 माह में ही दम तोड़ गई योजना, यात्री परेशान
30 जनवरी को केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने पहली इलैक्ट्रिक ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर दिल्ली के लिये रवाना किया था रवाना
रेवाडी, 20 मई।
एंकर: एशिया के सबसे बड़े रेलवे स्टेशनों में शुमार रहे रेवाडी रेलवे जंक्शन की अपनी एक अलग पहचान है और इसी पहचान को बरकरार रखने के लिए गत 30 जनवरी को केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने रेवाडी से दिल्ली के बीच यात्रा करने वाले लाखों यात्रियों की चिर परिचित मांग को मद्देनजर रखते हुए पहली इलैक्ट्रिक ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रेवाडी से दिल्ली के लिये रवाना किया था।
इस इलेक्ट्रिक ट्रेन के चलने से लोगों में विशेषकर लाखों दैनिक यात्रियों को काफी खुशी थी कि अब उनका 40 मिनट का समय बचेगा। वहीं नौकरी पेशा लोग भी समय पर अपने कार्य क्षेत्रों तक पहुंच पायेंगे, लेकिन यह सुविधा सुचारू न हो पाने के कारण वही पुरानी परेशानियां लोगों के सामने पेश आने लगी है। अधिकारी इस पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
आपको बता दें कि दिसम्बर 2018 में दिल्ली रेवाडी के बीच 500 करोड़ की लागत से विधुतीकरण का कार्य पूरा होने के बाद 30 जनवरी को केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने रेवाडी जंक्शन को वाई फाई और कोच डिसप्ले सुविधा युक्त करने के बाद रेवाडी दिल्ली के बीच चलने वाली पहली इलैक्ट्रिक ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर दिल्ली के लिए रवाना किया था, लेकिन आज करीब 5 महीने बीत जाने के बावजूद यह सुविधा मात्र दो ट्रेनों में ही दी गई। जबकि रेवाडी दिल्ली के बीच प्रतिदिन दर्जनभर ट्रेने चलती हैं और एक लाख से अधिक दैनिक यात्री व नौकरी पेशा लोग सफर करते हैं।
इन यात्रियों की माने तो रेवाडी दिल्ली के बीच पहली इलैक्ट्रिक ट्रेन चलने से उन्हें काफी राहत मिली थी, लेकिन यह सुविधा कुछ ट्रेनों को ही मिली। बाकी सभी मे आज भी वही पुराना डीजल इंजन ही काम कर रहा है। यह सुविधा सुचारू न होने के कारण इन्हें वही पुरानी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। उनकी रेल मंत्रालय से मांग है कि इस सुविधा को सुचारू किया जाए, ताकि लोग समय पर अपना सफर पूरा कर सकें।
बाइट 1 से 5: सभी यात्री
इस संदर्भ में जब हमने स्टेशन अधीक्षक से बात करनी चाही तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से साफ इंकार कर दिया।
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