रेवाड़ी: दीपोत्सव का पर्व आज देशभर में बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. पर्यावरण को दूषित होने से बचाने का प्रयास भी जिला प्रशासन द्वारा पटाखा बेचने वालों को लाइसेंस ना देकर किया जा रहा है. यहां तक की ग्रीन पटाखों को बेचने और इनका प्रयोग करने पर भी जोर दिया गया है, लेकिन तस्वीर इसके बिलकुल उल्ट दिखाई पड़ रही है.
दरअसल दुकानदार खुले में सरेआम पटाखे बेचकर प्रशासन के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. रेलवे लाइनों के साथ लगा पटाखा बाजार देखकर एक बार फिर वही 2018 में अमृतसर वाला दहशरा याद आता है, जिसमें प्रशासन की लापरवाही के चलते निर्दोष लोगों की जान चली गई थी.
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पुलिस प्रशासन भी इस बारे में कुछ ठोस कदम नहीं उठा रहा है. जब इस मामले पर एक पुलिस अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि बाजार लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. अब ये कार्रवाई कब और कैसे होगी ये कोई नहीं जानता.
इतना बड़ा हादसा होने के बाद भी हमारी सरकारें, रेलवे और प्रशासन सीख ना लेकर लोगों को मौत का बाजार लगाने से रोक नहीं पाया. अब देखना होगा की इस दिवाली पर कोई हादसा ना हो और प्रशासन समय रहते इस पर ध्यान दे, ताकि इस तरह के हादसों से बचा जा सके और लोग दीपों के इस पर्व दीपावली को ठीक अच्छे से मना सकें.