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4 साल पहले 17 करोड़ की लागत से तैयार हुआ था रेवाड़ी का ये कॉलेज, आज है जर्जर हालत में - बुरी हालत में महिला महाविद्यालय ढालियावास

राजकीय महाविद्यालय के लिए सरकार की तरफ से करीब 17 करोड़ रुपए का बजट पारित किया गया था. लोक निर्माण विभाग की ओर से महाविद्यालय का भवन तैयार किया गया है. सिर्फ चार साल के अंदर ही भवन की हालत जर्जर हो गई है.

women's college of dhaliawas village rewari
जर्जर हालत में राजकीय महिला महाविद्यालय
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Published : Jan 17, 2020, 2:37 PM IST

रेवाड़ी: महज 4 साल पहले जिस कॉलेज का भवन हैंड ओवर हुआ था, उसकी हालत आज ऐसी हो गई है मानो वो 50 साल पुराना भवन हो. दरअसल, हम बात कर रहे हैं रेवाड़ी के ढालियावास गांव स्थित राजकीय महिला महाविद्यालय की. जिसके भवन की हालत बेहद खराब हो गई है.

हैरान करने वाली बात ये है कि इस भवन के निर्माण पर 17 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे. ऐसे में कहीं ना कहीं निर्माण में बड़े स्तर पर लापरवाही बरती गई है. कॉलेज में बनी प्रयोगशाला में नल तक काम नहीं कर रहे हैं. प्रयोगशाला में लोक निर्माण विभाग की ओर से अलमारियों तब नहीं लगाई गई.

जर्जर हालत में भवन

बता दें कि राजकीय महाविद्यालय के लिए सरकार की तरफ से करीब 17 करोड़ रुपए का बजट पारित किया गया था. लोक निर्माण विभाग की ओर से महाविद्यालय का भवन तैयार किया गया है. महाविद्यालय का भवन लंबी जद्दोजहद के बाद साल 2016 में महाविद्यालय को हैंड ओवर कर दिया गया था. पिछले साल 4 साल से महाविद्यालय में साढ़े 3 हजार से ज्यादा छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं.

भवन निर्माण में इतनी कोताही बरती गई है कि कक्षाएं हो या बहार की बिल्डिंग सभी जगह प्लास्टर झड़ने लगा हैं. इतना ही नहीं कई जगहों से तो छज्जों का हिस्सा भी टूट कर गिरने लगा है. प्राचार्य ने इसकी शिकायत लोक निर्माण के अधिकारियों से लेकर जिला उपायुक्त तक की है, लेकिन इस पर अभी तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया है.

ये भी पढ़िए: अपनी सीट से गायब दिखे अंबाला छावनी के पटवारी, लोग चक्कर काटकर हुए परेशान

कॉलेज में बरसाती पानी की निकासी के लिए बनाया गया वाटर हार्वेस्ट सिस्टम भी ठीक नहीं है. उसके मेनहोल खुले पड़े हैं, जिसमें कभी भी हादसा हो सकता है.

रेवाड़ी: महज 4 साल पहले जिस कॉलेज का भवन हैंड ओवर हुआ था, उसकी हालत आज ऐसी हो गई है मानो वो 50 साल पुराना भवन हो. दरअसल, हम बात कर रहे हैं रेवाड़ी के ढालियावास गांव स्थित राजकीय महिला महाविद्यालय की. जिसके भवन की हालत बेहद खराब हो गई है.

हैरान करने वाली बात ये है कि इस भवन के निर्माण पर 17 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे. ऐसे में कहीं ना कहीं निर्माण में बड़े स्तर पर लापरवाही बरती गई है. कॉलेज में बनी प्रयोगशाला में नल तक काम नहीं कर रहे हैं. प्रयोगशाला में लोक निर्माण विभाग की ओर से अलमारियों तब नहीं लगाई गई.

जर्जर हालत में भवन

बता दें कि राजकीय महाविद्यालय के लिए सरकार की तरफ से करीब 17 करोड़ रुपए का बजट पारित किया गया था. लोक निर्माण विभाग की ओर से महाविद्यालय का भवन तैयार किया गया है. महाविद्यालय का भवन लंबी जद्दोजहद के बाद साल 2016 में महाविद्यालय को हैंड ओवर कर दिया गया था. पिछले साल 4 साल से महाविद्यालय में साढ़े 3 हजार से ज्यादा छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं.

भवन निर्माण में इतनी कोताही बरती गई है कि कक्षाएं हो या बहार की बिल्डिंग सभी जगह प्लास्टर झड़ने लगा हैं. इतना ही नहीं कई जगहों से तो छज्जों का हिस्सा भी टूट कर गिरने लगा है. प्राचार्य ने इसकी शिकायत लोक निर्माण के अधिकारियों से लेकर जिला उपायुक्त तक की है, लेकिन इस पर अभी तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया है.

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कॉलेज में बरसाती पानी की निकासी के लिए बनाया गया वाटर हार्वेस्ट सिस्टम भी ठीक नहीं है. उसके मेनहोल खुले पड़े हैं, जिसमें कभी भी हादसा हो सकता है.

Intro:कॉलेज का 15 करोड़ का भवन 4 साल में हुआ जर्जर हाल
वर्ष 2016 में भवन को किया गया था हैंड ओवर
प्लास्टर झड़ने के साथ-साथ छजों का हिस्सा भी टूटकर गिरने लगा
रेवाड़ी, 17 जनवरी।


Body:महज 4 साल पहले जिस कॉलेज का भवन हैंड ओवर हुआ था उसकी हालत ऐसी हो गई जैसे वह 50 साल पुराना भवन हो। यहां बात रेवाड़ी के गांव ढालियावास स्थित सेक्टर-18 स्थित राजकीय महिला महाविद्यालय की हो रही है। जिसके भवन की हालत बेहद खराब हो गई है। हैरान करने वाली बात यह है कि इस भवन के निर्माण पर ₹15 करोड़ खर्च किए गए थे। ऐसे में कहीं ना कहीं निर्माण में बड़े स्तर पर लापरवाही बरती गई है। कालेज में बनी प्रयोगशाला में नल तक काम नहीं कर रहे हैं। प्रयोगशाला में लोक निर्माण विभाग की ओर से अलमारियों तो बनाई ही नहीं गई तथा यहां की नल भी उपयोगी नहीं है। राजकीय महाविद्यालय के लिए सरकार की तरफ से करीब 17 करोड रुपए का बजट पारित किया गया था। लोक निर्माण विभाग द्वारा महाविद्यालय का भवन तैयार किया गया है। महाविद्यालय का भवन लंबी जद्दोजहद के बाद वर्ष 2016 में महाविद्यालय को हैंड ओवर कर दिया गया था। पिछले साल 4 साल से महाविद्यालय में साढ़े 3 हजार से अधिक छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। महज 4 साल हुए हैं महाविद्यालय में कक्षा लगते हुए। लेकिन इसके भवन की हालत को देखकर कोई नहीं कह सकता कि कुछ साल पूर्व ही यह भवन बनकर तैयार हुआ है। भवन निर्माण में इतनी कोताही बरती गई है कि कक्षाएं हो या बहार की बिल्डिंग सभी जगह प्लास्टर झड़ने लगा है। इतना ही नहीं कई जगहों से तो छज्जों का हिस्सा भी टूट कर गिरने लगा है। प्राचार्य ने इसकी शिकायत लोक निर्माण के अधिकारियों से लेकर जिला उपायुक्त तक की है। लेकिन इस पर अभी तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया है। कालेज में बरसाती पानी की निकासी के लिए बनाया गया वाटर हार्वेस्ट सिस्टम भी ठीक नहीं है। उसके मैनहोल खुले पड़े हैं जिसमें कभी भी हादसा हो सकता है। उच्च शिक्षा निदेशालय द्वारा लोक निर्माण विभाग को 17 करोड का बजट दिया गया था। इसमें से पूरा बजट लगाया ही नहीं गया। बताया जा रहा है कि लगभग एक करोड़ 80 लाख का बजट लोक निर्माण विभाग के पास बचा हुआ है। इस बजट का सदुपयोग किया जाए तो कई निर्माण कार्य कराए जा सकते हैं। लेकिन इतना तो तय है कि इस भवन निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया था। अगर प्रशासन इसकी जांच कराए तो कॉलेज निर्माण में घटिया सामग्री का गोलमाल करने वाले दोषियों को सजा दिलाई जा सकती है। अब देखना होगा कि क्या विभाग संबंधित ठेकेदार पर कोई कार्रवाई करता है या इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।
बाइट--,राजेश यादव, प्राचार्य, राजकीय महिला महाविद्यालय ढालियावास।


Conclusion:अब देखना होगा कि विभाग अब शिकायत के बाद कोई संज्ञान लेता है या फिर छात्राओं को असुविधाओं के बीच ही मज़बूरी में शिक्षा ग्रहण करना पड़ेगा।
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