रेवाड़ीः ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर से संबंधित आशा वर्कर्स ने आज अपनी लंबित पड़ी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया. आशा वर्कर्स ने रेवाड़ी के राव तुलाराम पार्क से प्रदर्शन और नारेबाजी करते हुए नागरिक अस्पताल पहुंची. जहां उन्होंने सीएमओ को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नाम अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा.
रेवाड़ी के नाईवाली चौक स्थित राव तुलाराम पार्क में आशा वर्कर्स की रणनीति बैठक आयोजित की गई. बैठक को एआईयूसीटीयूसी के राज्य प्रधान राजेंद्र सिंह ने संबोधित किया. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार आशा कार्यकर्ताओं सहित सभी स्कीम वर्करों का शोषण और भेदभाव कर रही है.
'नाम मात्र सैलरी में 24 घंटे काम'
उन्होंने कहा कि वर्कर्स को नाम मात्र का मेहनताना देकर उनसे 24 घंटे काम करवाया जाता है. प्रत्येक स्वास्थ्य स्कीम को आशा कार्यकर्ता ही लागू करती है, लेकिन उनकी अनदेखी की जा रही है. इस मौके पर जिला प्रधान कामरेड बलराम यूनियन की महासचिव सुषमा यादव सचिव संतोष यादव राजेश देवी तारा देवी पूनम देवी कविता आदि उपस्थित थे.
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आशा वर्कर्स की मुख्य मांगें कुछ इस प्रकार हैः
- एक्टिविटी के काटे गए 50% पैसे सरकार लागू करें
- सभी आशा वर्कर्स का परिवार समेत हेल्थ कार्ड बनाया जाए. ताकि बीमार होने पर फ्री में इलाज कराया जा सके.
- केंद्र व राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि का भुगतान हर महीने 10 तारीख तक एक साथ हो.
- 21 जुलाई 2018 के पत्र को पूर्ण रूप से लागू किया जाए
- सभी सेंटरों पर आशा को अलमारी और बैठने के लिए कुर्सी दी जाए.
- आशा फैसिलिटेटर और आशा कोऑर्डिनेटर के खाली पड़े पदों को भर्ती किया जाए
- आशा वर्क फैसिलिटेटर को विजिट करने का किराया भत्ता दिया जाए
- आशा वर्कर को गर्भवती महिलाओं या किसी पेशेंट के साथ पीएचसी-सीएचसी जाने का किराया भत्ता दिया जाए.
- हरियाणा सरकार द्वारा एएमसी विजिट पर बढ़ाए गए 100 रुपये को तीन भागों में ना बांटा जाए.
- आशा वर्करों को सभी पांच कार्यों के रजिस्टर अलग-अलग छपवा कर दिया जाए.
सरकार का आदेश व्यवहारिक नहीं- राजबाला
यूनियन की प्रधान राजबाला ने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं के लिए सेंटर्स पर हाजिरी लगाने का सरकार का आदेश व्यवहारिक नहीं है. आशाओं का कार्यक्षेत्र उनके अपने गांव व शहरों के मोहल्लों में होता है. सेंटर कार्यस्थल से दो-तीन किलोमीटर दूर होने से उनके रुपयों व समय की बर्बादी होती है. राजबाला ने कहा कि सेंटर पर जाने के लिए आशा कार्यकर्ताओं के पास अपने साधन भी नहीं है. ऐसे में उन्हें पैदल जाना पड़ता है जो सुरक्षा की दृष्टि से भी ठीक नहीं है.
आशा वर्कर्स की चेतावनी
जिला सह सचिव आशा वर्कर यूनियन मेनका ने कहा कि उनकी मांग है कि सरकार जल्द से जल्द उनकी सारी मांगे मानें ताकि आशा वर्कर अच्छे से काम कर सकें. हमारा ये आंदोलन अपने अधिकारों के लिए है. अगर सरकार हमारी बात नहीं मानती तो चाहे उसके लिए 1 साल हो जाए या 1 महीना हो जाए तब तक हम ऐसे ही अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे रहेंगे.