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पानीपत: सवालों के घेरे में प्रशासन, डीएसपी की मुहर का हो रहा गलत प्रयोग - panipat news

पानीपत के एक युवक से पैसे लेनदेन का मामला सामने आया है. युवक ने पुलिस को शिकायत की, पुलिस ने शिकायतकर्ता को ही डरा धमकाकर 4 दिन तक हिरासत में रखा. युवक ने आरोपियों पर डीएसपी की मुहर का प्रयोग करने का आरोप लगाया है.

अश्विनी शर्मा, शिकायतकर्ता
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Published : Aug 13, 2019, 10:23 PM IST

पानीपत: हरियाणा पुलिस की कार्रवाई सवालों के घेरे में आ गई है. पुलिस पर गंभीर आरोप लगे हैं कि डीएसपी हेडक्वाटर कार्यालय के नाम की मुहर का गलत प्रयोग किया गया. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि डीए राजेश कुमार, रिंकू शर्मा नाम के आदमी ने इन मुहर का प्रयोग किया.

अश्विनी शर्मा, शिकायतकर्ता

पैसे लेनदेन का मामला

बता दें कि मामला पैसे के लेनदेन से जुड़ा है. शिकायतकर्ता अश्विनी शर्मा ने 1 जुलाई को पानीपत के पुलिस अधीक्षक सुमित कुमार को डीए राजेश कुमार, रिंकू शर्मा एलेक्स सैमसंग अब्दुल कादिर और दयानंद जाधव जो कि मुंबई पुलिस में कार्यरत हैं. उनके खिलाफ शिकायत दी थी. सुमित ने शिकायत डीएसपी सतीश गौतम को दी.

शिकायतकर्ता को 4 दिन रखा हिरासत में

पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार न कर उल्टा अश्विनी को ही हिरासत में ले लिया. उसको चार दिन हिरासत में रखा. उसके बाद शिकायतकर्ता से 60 लाख रुपये और करोड़ के चेक लेकर छोड़ा. बाद में आरोपी को चेक कैश कराने के लिए दबाव बनाया, जिसकी शिकायत अश्विनी ने डीएसपी सतीश गौतम को दी.

डीएसपी सतीश गौतम का आरोपी रिंकू और उसके साथी के साथ मिले होने का आरोप

शिकायतकर्ता अश्विनी ने डीएसपी सतीश गौतम का आरोपी रिंकू और उसके साथी के साथ मिले होने का आरोप लगाया है, जिसकी वजह से सतीश गौतम ने अश्विनी की शिकायत दर्ज नहीं की थी.

अश्विनी ऐसा आरोप भी लगाया है कि डीए राजेश कुमार, रिंकू शर्मा ने मुंबई के व्यापारियों के खिलाफ यहां शिकायत की जिस पर डीएसपी की मुहर लगी हुई है. रिंकू ने फोन कर अश्विनी को फोन कर धमकी भी दी और कहा कि वो डीएसपी की मुहर लगाता है.

पानीपत: हरियाणा पुलिस की कार्रवाई सवालों के घेरे में आ गई है. पुलिस पर गंभीर आरोप लगे हैं कि डीएसपी हेडक्वाटर कार्यालय के नाम की मुहर का गलत प्रयोग किया गया. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि डीए राजेश कुमार, रिंकू शर्मा नाम के आदमी ने इन मुहर का प्रयोग किया.

अश्विनी शर्मा, शिकायतकर्ता

पैसे लेनदेन का मामला

बता दें कि मामला पैसे के लेनदेन से जुड़ा है. शिकायतकर्ता अश्विनी शर्मा ने 1 जुलाई को पानीपत के पुलिस अधीक्षक सुमित कुमार को डीए राजेश कुमार, रिंकू शर्मा एलेक्स सैमसंग अब्दुल कादिर और दयानंद जाधव जो कि मुंबई पुलिस में कार्यरत हैं. उनके खिलाफ शिकायत दी थी. सुमित ने शिकायत डीएसपी सतीश गौतम को दी.

शिकायतकर्ता को 4 दिन रखा हिरासत में

पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार न कर उल्टा अश्विनी को ही हिरासत में ले लिया. उसको चार दिन हिरासत में रखा. उसके बाद शिकायतकर्ता से 60 लाख रुपये और करोड़ के चेक लेकर छोड़ा. बाद में आरोपी को चेक कैश कराने के लिए दबाव बनाया, जिसकी शिकायत अश्विनी ने डीएसपी सतीश गौतम को दी.

डीएसपी सतीश गौतम का आरोपी रिंकू और उसके साथी के साथ मिले होने का आरोप

शिकायतकर्ता अश्विनी ने डीएसपी सतीश गौतम का आरोपी रिंकू और उसके साथी के साथ मिले होने का आरोप लगाया है, जिसकी वजह से सतीश गौतम ने अश्विनी की शिकायत दर्ज नहीं की थी.

अश्विनी ऐसा आरोप भी लगाया है कि डीए राजेश कुमार, रिंकू शर्मा ने मुंबई के व्यापारियों के खिलाफ यहां शिकायत की जिस पर डीएसपी की मुहर लगी हुई है. रिंकू ने फोन कर अश्विनी को फोन कर धमकी भी दी और कहा कि वो डीएसपी की मुहर लगाता है.

Intro:एंकर -पानीपत पुलिस की कार्यवाही एक बार फिर संदेह के दायरे में आ रही है । इस बार पुलिस पर गंभीर आरोप लगे हैं कि पानीपत डीएसपी हैडक्वाटर कार्यलय के नाम की मोहर का गलत प्रयोग किया गया ।पानीपत निवासी अश्वनी शर्मा ने एक प्रेस वार्ता में आरोप लगाते हुए कहा कि सीएम विंडो और पुलिस महानिदेशक समेत अनेक अधिकारियों को भेजे गए पत्र में आरोप लगाए हैं कि 2011 में पानीपत डीए यानी जिला अटार्नी और रिंकू शर्मा ने झूठे मामले दर्ज करवाए गए मुझे गिरफ्तार करवाया था। डीएसपी सतीश गौतम द्वारा केस वापस लेने के लिए का दबाव भी डाला गया।
पुलिस अधीक्षक ने इस पुरे मामले की जाँच डीएसपी हैडक्वाटर सतीश वत्स को दे दी हैं।

Body:वीओ - अश्विनी शर्मा ने बताया कि 1 जुलाई को पानीपत के पुलिस अधीक्षक सुमित कुमार को डीए राजेश कुमार ,रिंकू शर्मा एलेक्स सैमसंग अब्दुल कादिर और दयानंद जाधव जोकि मुंबई पुलिस में कार्यरत हैं उनके खिलाफ शिकायत दी थी। अश्विनी शर्मा ने बताया कि सभी ने मुझे झूठी साजिश के तहत गिरफ्तार किया और मुंबई पुलिस ने 4 दिन तक मुझे हिरासत में रखने के बाद 60 लाख रूपये और ढाई करोड़ के चेक देने के बाद मुझे छोड़ा गया। इसके बाद मुझ पर ढाई करोड के चेक कैश करवाने का भी जवाब डाला गया था। इस पुरे मामले की जाँच पुलिस अधीक्षक ने पानीपत के डीएसपी सिटी सतीश गौतम की थी। लेकिन डीएसपी सतीश गौतम ने फैसले करने का दवाब डाला और शिकायत की कॉपी डीए राजेश व् रिंकू शर्मा को दे दी। उन्होंने कहा कि 4 मई के जो मैंने चेक दिए थे उन्होंने वो सभी चेक 17 जुलाई को दिल्ली बैंक में लगाए थे। लेकिन अभी तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है और हमे जान से मारने की धमकी मिल रही हैं। अश्वनी शर्मा ने बताया की मुंबई के कुछ व्यापरियों के साथ भी उन्होंने ऐसा ही किया था।
वीओ - इस पुरे मामले में जैमपि जोकि गाड़ियों का काम करता हैं उसने कहा की मुझे समालखा 10 लाख रूपये लेने के लिए भेजा गया था।

वीओ - इस पूरे मामले की जांच कर रहे डीएसपी हेडक्वार्टर सतीश वत्स ने बताया हर रोज हजारो शिकायत आती हे कौन सी शिकायत आई हैं मुझे पता नहीं हैं लेकिन कोई शिकायत आई हैं जांचपूरे होने के बाद आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
सवाल यह उठता हैं की एक डीएसपी की जाँच क्या दूसरा डीएसपी कर सकता हैं क्योकि इस बार आरोप डीएसपी पर लगे हैं जबकि जाँच कर रहे डीएसपी हेडक्वार्टर सतीश वत्स कहते हैं की हर रोज हजारो शिकायत आती हैं।

Conclusion:बाइट - अश्वनी शर्मा शिकायतकर्ता
बाइट - जैमपि अश्वनी शर्मा का साथी
बाइट - सतीश वत्स डीएसपी हेडक्वार्टर
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