पानीपत: हरियाणा पुलिस की कार्रवाई सवालों के घेरे में आ गई है. पुलिस पर गंभीर आरोप लगे हैं कि डीएसपी हेडक्वाटर कार्यालय के नाम की मुहर का गलत प्रयोग किया गया. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि डीए राजेश कुमार, रिंकू शर्मा नाम के आदमी ने इन मुहर का प्रयोग किया.
पैसे लेनदेन का मामला
बता दें कि मामला पैसे के लेनदेन से जुड़ा है. शिकायतकर्ता अश्विनी शर्मा ने 1 जुलाई को पानीपत के पुलिस अधीक्षक सुमित कुमार को डीए राजेश कुमार, रिंकू शर्मा एलेक्स सैमसंग अब्दुल कादिर और दयानंद जाधव जो कि मुंबई पुलिस में कार्यरत हैं. उनके खिलाफ शिकायत दी थी. सुमित ने शिकायत डीएसपी सतीश गौतम को दी.
शिकायतकर्ता को 4 दिन रखा हिरासत में
पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार न कर उल्टा अश्विनी को ही हिरासत में ले लिया. उसको चार दिन हिरासत में रखा. उसके बाद शिकायतकर्ता से 60 लाख रुपये और करोड़ के चेक लेकर छोड़ा. बाद में आरोपी को चेक कैश कराने के लिए दबाव बनाया, जिसकी शिकायत अश्विनी ने डीएसपी सतीश गौतम को दी.
डीएसपी सतीश गौतम का आरोपी रिंकू और उसके साथी के साथ मिले होने का आरोप
शिकायतकर्ता अश्विनी ने डीएसपी सतीश गौतम का आरोपी रिंकू और उसके साथी के साथ मिले होने का आरोप लगाया है, जिसकी वजह से सतीश गौतम ने अश्विनी की शिकायत दर्ज नहीं की थी.
अश्विनी ऐसा आरोप भी लगाया है कि डीए राजेश कुमार, रिंकू शर्मा ने मुंबई के व्यापारियों के खिलाफ यहां शिकायत की जिस पर डीएसपी की मुहर लगी हुई है. रिंकू ने फोन कर अश्विनी को फोन कर धमकी भी दी और कहा कि वो डीएसपी की मुहर लगाता है.