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पानीपत में बारिश ने खोली प्रशासन के दावों की पोल, चौक-चौराहे और सड़कें जलमग्न

हरियाणा में मानसूनी बारिश के पहले दौर ने किसानों और आम लोगों को खुश तो कर दिया लेकिन बरसाती पानी के भराव ने शहर में लोगों को परेशान कर दिया. पानीपत में भारी बारिश के कारण कई क्षेत्रों में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई है. मानसून सीजन में शुरुआती दौर की बारिश ने प्रशासन के तैयारियों की पोल खोलकर रख दी है. (Waterlogging in panipat)

Waterlogging in panipat
पानीपत में बारिश
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Published : Jun 30, 2023, 7:18 AM IST

Updated : Jun 30, 2023, 2:27 PM IST

पानीपत में लगातार तीन दिनों की बारिश से नेसनल हाइवे-44 पर भी पानी भर गया

पानीपत: मानसून के पहले दौर में तीन दिन की बारिश ने पानीपत प्रशासन के दावों की पोल खोल कर रख दी है. हर जगह जलभराव से लोगों को बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. पिछले 3 दिन से लगातार हो रही बारिश के बाद पानीपत की सड़कें और नाले एक समान हो गए हैं. राहगीरों को यह भी नहीं पता लग रहा कि नाला कहां है और सड़कें कहां हैं. जहां एक तरफ मानसून की बारिश किसानों के लिए वरदान साबित हुई है, वहीं आमजन को लगातार बारिश और अव्यवस्थाओं के कारण बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: हरियाणा में आफत की बारिश, जलभराव के बाद युवक ने सड़क पर चलाई जुगाड़ की नाव, देखें वीडियो

पानीपत में जलभराव से लोग परेशान: सड़कों पर जलभराव की समस्या से लोग जूझ रहे हैं. लोगों का कहना है कि, जब मानसून सर पर आ जाता है तब प्रशासन सफाई के लिए नालों की तरफ रुख करता है. इस बार मानसून जल्द आ गया और शहर के नाले साफ ही नहीं हुए, जिसके चलते जगह-जगह जलभराव है. सबसे ज्यादा पानीपत का इंसार बाजार, संजय चौक, अमर भवन चौक, स्काईलार्क जलभराव से प्रभावित है. नेशनल हाईवे-44 पर हल्की सी बारिश से जलभराव और जाम की स्थिति बन जाती है.

Waterlogging in panipat
कहां अधिक है जलभराव की समस्या.

ये भी पढ़ें: Road Accident In Panipat: बाइक सवार मां-बेटे को कार ने पीछे से मारी टक्कर, दोनों की मौत

बारिश ने खोली प्रशासन के दावों की पोल: कुछ जगह पर तो प्रशासन ने बरसात शुरू होने के बाद यानी कि चलती बरसात में ही सफाई का काम शुरू किया है. बाबरपुर गंदे नाले की सफाई गुरुवार से शुरू की गई है, जो ड्रेन नंबर 2 में मिलता है. ड्रेन नंबर एक की हालात बद से बदतर है.

मानसून समय से पहले आ गया और नालों की सफाई का कार्य अभी चल रहा है. अधिकारियों के साथ मीटिंग कर उन प्वाइंट पर चर्चा की गई है, जहां ज्यादा जलभराव की समस्या है. जल्दी यहां जलभराव की समस्या को दूर कर दिया जाएगा. - वीरेंद्र दहिया, पानीपत जिला उपायुक्त

कहां अधिक है जलभराव की समस्या: तहसील कैंप में सबसे ज्यादा जलभराव की समस्या है. कच्चा कैंप में भी जलभराव की समस्या से लोग दो-चार हे रहे हैं. सेक्टर 11-12 में जलभराव की समस्या पैदा हो गई है. जिसके कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इन क्षेत्रों में गलियों में भी पानी भरने से स्थानीय लोग परेशान हैं. ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया में भी यही हालात हैं. ऊझा सड़क निर्माण कार्य अधर में है, जिसके कारण जगह-जगह जलभराव हो रहा है. शहर के सबसे पॉश इलाकों में से एक गीता कॉलोनी में भी जलभराव की समस्या पैदा हो गई. इसके अलावा किशनपुरा में भी हल्की बारिश में ही जलभराव की समस्या पैदा हो जाती है.

अगले 2 दिन भारी बारिश की संभावना: मौसम विभाग के अनुसार, अगले 2 दिनों में भी बारिश की संभावना है. हरियाणा के पानीपत, सोनीपत, गुरुग्राम, फरीदाबाद और करनाल जिले में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई है. बुधवार को हुई बारिश का पानी अभी सड़कों से उतरा नहीं था कि गुरुवार को सुबह से ही बारिश होने लगी. बारिश के कारण पानीपत के अधिकांश इलाकों में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई.

पानीपत में लगातार तीन दिनों की बारिश से नेसनल हाइवे-44 पर भी पानी भर गया

पानीपत: मानसून के पहले दौर में तीन दिन की बारिश ने पानीपत प्रशासन के दावों की पोल खोल कर रख दी है. हर जगह जलभराव से लोगों को बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. पिछले 3 दिन से लगातार हो रही बारिश के बाद पानीपत की सड़कें और नाले एक समान हो गए हैं. राहगीरों को यह भी नहीं पता लग रहा कि नाला कहां है और सड़कें कहां हैं. जहां एक तरफ मानसून की बारिश किसानों के लिए वरदान साबित हुई है, वहीं आमजन को लगातार बारिश और अव्यवस्थाओं के कारण बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

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पानीपत में जलभराव से लोग परेशान: सड़कों पर जलभराव की समस्या से लोग जूझ रहे हैं. लोगों का कहना है कि, जब मानसून सर पर आ जाता है तब प्रशासन सफाई के लिए नालों की तरफ रुख करता है. इस बार मानसून जल्द आ गया और शहर के नाले साफ ही नहीं हुए, जिसके चलते जगह-जगह जलभराव है. सबसे ज्यादा पानीपत का इंसार बाजार, संजय चौक, अमर भवन चौक, स्काईलार्क जलभराव से प्रभावित है. नेशनल हाईवे-44 पर हल्की सी बारिश से जलभराव और जाम की स्थिति बन जाती है.

Waterlogging in panipat
कहां अधिक है जलभराव की समस्या.

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बारिश ने खोली प्रशासन के दावों की पोल: कुछ जगह पर तो प्रशासन ने बरसात शुरू होने के बाद यानी कि चलती बरसात में ही सफाई का काम शुरू किया है. बाबरपुर गंदे नाले की सफाई गुरुवार से शुरू की गई है, जो ड्रेन नंबर 2 में मिलता है. ड्रेन नंबर एक की हालात बद से बदतर है.

मानसून समय से पहले आ गया और नालों की सफाई का कार्य अभी चल रहा है. अधिकारियों के साथ मीटिंग कर उन प्वाइंट पर चर्चा की गई है, जहां ज्यादा जलभराव की समस्या है. जल्दी यहां जलभराव की समस्या को दूर कर दिया जाएगा. - वीरेंद्र दहिया, पानीपत जिला उपायुक्त

कहां अधिक है जलभराव की समस्या: तहसील कैंप में सबसे ज्यादा जलभराव की समस्या है. कच्चा कैंप में भी जलभराव की समस्या से लोग दो-चार हे रहे हैं. सेक्टर 11-12 में जलभराव की समस्या पैदा हो गई है. जिसके कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इन क्षेत्रों में गलियों में भी पानी भरने से स्थानीय लोग परेशान हैं. ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया में भी यही हालात हैं. ऊझा सड़क निर्माण कार्य अधर में है, जिसके कारण जगह-जगह जलभराव हो रहा है. शहर के सबसे पॉश इलाकों में से एक गीता कॉलोनी में भी जलभराव की समस्या पैदा हो गई. इसके अलावा किशनपुरा में भी हल्की बारिश में ही जलभराव की समस्या पैदा हो जाती है.

अगले 2 दिन भारी बारिश की संभावना: मौसम विभाग के अनुसार, अगले 2 दिनों में भी बारिश की संभावना है. हरियाणा के पानीपत, सोनीपत, गुरुग्राम, फरीदाबाद और करनाल जिले में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई है. बुधवार को हुई बारिश का पानी अभी सड़कों से उतरा नहीं था कि गुरुवार को सुबह से ही बारिश होने लगी. बारिश के कारण पानीपत के अधिकांश इलाकों में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई.

Last Updated : Jun 30, 2023, 2:27 PM IST
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