पानीपत: बराना गांव में 8 साल के बच्चे का अपहरण और उसकी हत्या (raunak murder case panipat) के मामले में भले ही आरोपी पुलिस की गिरफ्त में हों, लेकिन रौनक की हत्या को लेकर ग्रामीणों में खासा रोष देखा जा रहा है. रौनक के परिजन और ग्रामीण पुलिस की कार्रवाई से असंतुष्ट नजर आ रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे अपराधियों को मौके पर ही गोली मार देनी चाहिए, या फिर फांसी की सजा दी जानी चाहिए.
ग्रामीणों का कहना है आरोपियों को जेल में डालने से क्या होगा? वहां उन्हें रोटियां भी मिलेंगी और कुछ दिन बाद ये लोग बाहर भी आ जाएंगे. ऐसे लोगों को पालने का कोई फायदा नहीं है. ऐसे लोगों को जीने का कोई अधिकार नहीं है. इसलिए इन लोगों को समाज से हटा देना ही सबसे बड़ा न्याय होगा. ग्रामीणों ने करनाल के इंद्री में हुए जस हत्याकांड का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि अगर जस हत्याकांड के आरोपियों को फांसी या गोली मारने जैसी सख्त सजा दी जाती, तो शायद रौनक हत्याकांड नहीं होता.
ग्रामीणों ने बताया कि आरोपियों ने मासूम रौनक का योजनाबद्ध तरीके से अपहरण किया और 15 लाख रुपये लेने की साजिश रची. ग्रामीणों ने बताया कि आरोपी रौनक को घर से आम खिलाने के बहाने घर से खेत में लेकर गए थे. जब रौनक आम खाकर घर की तरफ जाने लगा तो उन्होंने वहीं उसको रोक लिया. आरोपी पहले ही घर से बोरी लेकर आए थे. जब रौनक घर जाने के लिए जिद्द करने लगा तो आरोपियों ने रौनक की जमकर पिटाई की.
इसके बाद रौनक को जिंदा ही बोरी में डाल लिया. जब रौनक बोरी के अंदर से चिल्लाने लगा तो आरोपियों ने रौनक का गला दबा दिया. जिससे रौनक की मौत हो गई. इसके बाद आरोपियों ने रौनक के बोरी में बंद शव को घर से करीब 100 मीटर दूर तालाब में फेंक दिया. पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी विनोद समेत 2 को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने दोनों को कोर्ट में पेश कर एक दिन की पुलिस रिमांड पर लिया. जिसमें दोनों ने रौनक की हत्या की वारदात को कबूला है.