पानीपत: प्रदेश में बढ़ते प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए सरकार द्वारा फैक्ट्रियों को बंद कराए जाने के खिलाफ नाराज व्यापारियों और कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर कर जोरदार प्रदर्शन किया.
व्यापारियों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द से जल्द फैक्ट्रियों को खोलने का आदेश नहीं जारी किया गया तो वे पूरे परिवार और श्रमिकों के साथ सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे. प्रदर्शन के बाद व्यापारियों ने उपायुक्त से मिलकर ज्ञापन सौंपा और सरकार से इस मामले में जल्द समाधान करने की मांग की.
फैक्ट्रियां बंद होने के कारण हो रहा घाटा: व्यापारी
व्यापारियों ने कहा कि पिछले 17 दिनों से उनकी फैक्ट्रियों पर ताला लटका है, जिसके कारण उन्हें काफी घाटे का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रदूषण के कारण फैक्ट्रियों को बंद कराया लेकिन प्रदूषण कम नहीं हुआ. व्यापारियों ने कहा कि इससे यह पता चलता है कि प्रदूषण फैक्ट्रियों के कारण नहीं है.
इस संबंध में डायर्स एसोसिएशन के प्रधान भीम सिंह राणा ने कहा कि पानीपत में प्रदूषण का स्तर बढ़ने पर ईपीसीए के निर्देश पर 25 अक्टूबर से फैक्ट्रियां बंद हैं. उन्होंने कहा कि फैक्ट्रियों के बंद हुए 17 दिन हो गए हैं, लेकिन प्रदूषण में कोई कमी नहीं आई, इसका अर्थ है कि ये प्रदूषण फैक्ट्रियों के कारण नहीं है.
उन्होंने कहा कि फैक्ट्रियों के बंद होने के कारण हमें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि हमें हर दिन करोड़ों का घाटा हो रहा है. वहीं मजदुरों को अपना चूल्हा चलाने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि आज हमने उपायुक्त से मिलकर अपनी समस्या से अवगत कराया है और उन्हें इस संबंध में ज्ञापन सौंपा है.
व्यापारियों ने सरकार पर लगाया भेदभाव का आरोप
व्यापारियों ने सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार द्वारा केवल पानीपत के उद्योग धंधों को ही बंद करवाया गया है, जबकि सोनीपत और करनाल के उद्योग सुचारु रूप से चालू हैं.
व्यापारियों का कहना है कि करनाल सीएम सिटी है, इसलिए करनाल के उद्योग बंद नहीं करवाए गए और जबकि सोनीपत दिल्ली के नजदीक होते हुए भी वहां के फैक्ट्रियां चालू हैं. सरकार ने सिर्फ पानीपत के ही व्यापारियों को टारगेट कर रही है और उनके साथ भेदभाव कर रही है. गुस्साए व्यापारियों ने सरकार और प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगो को नहीं माना गया तो वे अपने परिवारों के सात सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करेंगे.
गौरतलब है कि पानीपत में प्रदूषण का स्तर बढ़ने पर ईपीसीए के निर्देश पर 25 अक्टूबर से फैक्ट्रियां बंद है. पानीपत में इस समय छोटी- बड़ी फैक्ट्रियों की संख्या करीब 12 हजार है जिसमें करीब 5 लाख श्रमिक काम करते हैं. फैक्ट्रियों के बंद होने के कारण व्यापारियों से ज्यादा परेशानी श्रमिक वर्ग को हो रही है. फैक्ट्रियों के बंद होने के कारण कारोबार प्रभावित हो रहा है.
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