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पानीपत: बढ़ते प्रदूषण के बाद बंद फैक्ट्री कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन, फैक्ट्री खोलने की मांगी इजाज़त - Traders protest in Panipat

पानीपत में सरकार द्वारा फैक्ट्रियों को बंद कराए जाने के कारण नाराज व्यापारियों ने सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया. व्यापारियों ने कहा कि अगर सरकार ने जल्द से जल्द फैक्ट्रियों को खोलने का निर्देश नहीं दिया तो वे अपने परिवार और श्रमिकों के साथ मिलकर जोरदार प्रदर्शन करेंगे.

पानीपत में व्यापारियों ने किया प्रदर्शन
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Published : Nov 11, 2019, 6:44 PM IST

पानीपत: प्रदेश में बढ़ते प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए सरकार द्वारा फैक्ट्रियों को बंद कराए जाने के खिलाफ नाराज व्यापारियों और कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर कर जोरदार प्रदर्शन किया.

व्यापारियों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द से जल्द फैक्ट्रियों को खोलने का आदेश नहीं जारी किया गया तो वे पूरे परिवार और श्रमिकों के साथ सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे. प्रदर्शन के बाद व्यापारियों ने उपायुक्त से मिलकर ज्ञापन सौंपा और सरकार से इस मामले में जल्द समाधान करने की मांग की.

पानीपत में व्यापारियों ने किया प्रदर्शन

फैक्ट्रियां बंद होने के कारण हो रहा घाटा: व्यापारी
व्यापारियों ने कहा कि पिछले 17 दिनों से उनकी फैक्ट्रियों पर ताला लटका है, जिसके कारण उन्हें काफी घाटे का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रदूषण के कारण फैक्ट्रियों को बंद कराया लेकिन प्रदूषण कम नहीं हुआ. व्यापारियों ने कहा कि इससे यह पता चलता है कि प्रदूषण फैक्ट्रियों के कारण नहीं है.

इस संबंध में डायर्स एसोसिएशन के प्रधान भीम सिंह राणा ने कहा कि पानीपत में प्रदूषण का स्तर बढ़ने पर ईपीसीए के निर्देश पर 25 अक्टूबर से फैक्ट्रियां बंद हैं. उन्होंने कहा कि फैक्ट्रियों के बंद हुए 17 दिन हो गए हैं, लेकिन प्रदूषण में कोई कमी नहीं आई, इसका अर्थ है कि ये प्रदूषण फैक्ट्रियों के कारण नहीं है.

उन्होंने कहा कि फैक्ट्रियों के बंद होने के कारण हमें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि हमें हर दिन करोड़ों का घाटा हो रहा है. वहीं मजदुरों को अपना चूल्हा चलाने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि आज हमने उपायुक्त से मिलकर अपनी समस्या से अवगत कराया है और उन्हें इस संबंध में ज्ञापन सौंपा है.

व्यापारियों ने सरकार पर लगाया भेदभाव का आरोप
व्यापारियों ने सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार द्वारा केवल पानीपत के उद्योग धंधों को ही बंद करवाया गया है, जबकि सोनीपत और करनाल के उद्योग सुचारु रूप से चालू हैं.

व्यापारियों का कहना है कि करनाल सीएम सिटी है, इसलिए करनाल के उद्योग बंद नहीं करवाए गए और जबकि सोनीपत दिल्ली के नजदीक होते हुए भी वहां के फैक्ट्रियां चालू हैं. सरकार ने सिर्फ पानीपत के ही व्यापारियों को टारगेट कर रही है और उनके साथ भेदभाव कर रही है. गुस्साए व्यापारियों ने सरकार और प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगो को नहीं माना गया तो वे अपने परिवारों के सात सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करेंगे.

गौरतलब है कि पानीपत में प्रदूषण का स्तर बढ़ने पर ईपीसीए के निर्देश पर 25 अक्टूबर से फैक्ट्रियां बंद है. पानीपत में इस समय छोटी- बड़ी फैक्ट्रियों की संख्या करीब 12 हजार है जिसमें करीब 5 लाख श्रमिक काम करते हैं. फैक्ट्रियों के बंद होने के कारण व्यापारियों से ज्यादा परेशानी श्रमिक वर्ग को हो रही है. फैक्ट्रियों के बंद होने के कारण कारोबार प्रभावित हो रहा है.

इसे भी पढ़ें: चरखी दादरी: बाजरे की अवैध खरीद के खिलाफ भाकियू का विरोध प्रदर्शन, सरकार को दिया अल्टीमेटम

पानीपत: प्रदेश में बढ़ते प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए सरकार द्वारा फैक्ट्रियों को बंद कराए जाने के खिलाफ नाराज व्यापारियों और कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर कर जोरदार प्रदर्शन किया.

व्यापारियों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द से जल्द फैक्ट्रियों को खोलने का आदेश नहीं जारी किया गया तो वे पूरे परिवार और श्रमिकों के साथ सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे. प्रदर्शन के बाद व्यापारियों ने उपायुक्त से मिलकर ज्ञापन सौंपा और सरकार से इस मामले में जल्द समाधान करने की मांग की.

पानीपत में व्यापारियों ने किया प्रदर्शन

फैक्ट्रियां बंद होने के कारण हो रहा घाटा: व्यापारी
व्यापारियों ने कहा कि पिछले 17 दिनों से उनकी फैक्ट्रियों पर ताला लटका है, जिसके कारण उन्हें काफी घाटे का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रदूषण के कारण फैक्ट्रियों को बंद कराया लेकिन प्रदूषण कम नहीं हुआ. व्यापारियों ने कहा कि इससे यह पता चलता है कि प्रदूषण फैक्ट्रियों के कारण नहीं है.

इस संबंध में डायर्स एसोसिएशन के प्रधान भीम सिंह राणा ने कहा कि पानीपत में प्रदूषण का स्तर बढ़ने पर ईपीसीए के निर्देश पर 25 अक्टूबर से फैक्ट्रियां बंद हैं. उन्होंने कहा कि फैक्ट्रियों के बंद हुए 17 दिन हो गए हैं, लेकिन प्रदूषण में कोई कमी नहीं आई, इसका अर्थ है कि ये प्रदूषण फैक्ट्रियों के कारण नहीं है.

उन्होंने कहा कि फैक्ट्रियों के बंद होने के कारण हमें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि हमें हर दिन करोड़ों का घाटा हो रहा है. वहीं मजदुरों को अपना चूल्हा चलाने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि आज हमने उपायुक्त से मिलकर अपनी समस्या से अवगत कराया है और उन्हें इस संबंध में ज्ञापन सौंपा है.

व्यापारियों ने सरकार पर लगाया भेदभाव का आरोप
व्यापारियों ने सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार द्वारा केवल पानीपत के उद्योग धंधों को ही बंद करवाया गया है, जबकि सोनीपत और करनाल के उद्योग सुचारु रूप से चालू हैं.

व्यापारियों का कहना है कि करनाल सीएम सिटी है, इसलिए करनाल के उद्योग बंद नहीं करवाए गए और जबकि सोनीपत दिल्ली के नजदीक होते हुए भी वहां के फैक्ट्रियां चालू हैं. सरकार ने सिर्फ पानीपत के ही व्यापारियों को टारगेट कर रही है और उनके साथ भेदभाव कर रही है. गुस्साए व्यापारियों ने सरकार और प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगो को नहीं माना गया तो वे अपने परिवारों के सात सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करेंगे.

गौरतलब है कि पानीपत में प्रदूषण का स्तर बढ़ने पर ईपीसीए के निर्देश पर 25 अक्टूबर से फैक्ट्रियां बंद है. पानीपत में इस समय छोटी- बड़ी फैक्ट्रियों की संख्या करीब 12 हजार है जिसमें करीब 5 लाख श्रमिक काम करते हैं. फैक्ट्रियों के बंद होने के कारण व्यापारियों से ज्यादा परेशानी श्रमिक वर्ग को हो रही है. फैक्ट्रियों के बंद होने के कारण कारोबार प्रभावित हो रहा है.

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Intro:
जल्द मांग नहीं मानी तो परिवार सहित किया जायेगा प्रदर्शन ,

एंकर -पानीपत की औद्योगिक नगरी में पिछले 17 दिन से लगा हे ताला ,जिससे नाराज व्यापारी व् कर्मचारी आज सड़को पर उतरे और नाराजगी जाहिर की हे की पिछले 17 दिनों से फैक्ट्रियां बंद होने के बाद भी उन्हें ही प्रदूषण जिम्मेवार ठहराया ,इससे भारी प्रेसनियो का सामना करना पड़ रहा हे ,हर दिन करोडो का घाटा हो रहा हे वंही मजदुर को अपना चूल्हा चलाने में काफी दिक्क्तों का सामना करना पड़ रहा हे ,व्यापारियों ने आज उपायुक्त के माध्यम से सरकार को ज्ञापन सौंपकर उनका समाधान का की मांग की,व्यपारियो ने कहा अगर आज उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वे कल आप[ने परिवार और श्रमिकों के परिवार के साथ मिलकर करेंगे जोरदार प्रदर्शन ।

Body:वीओ -- पानीपत में प्रदूषण का स्तर बढ़ने पर ईपीसीए के निर्देश पर 25 अक्टूबर से बंद है इंडस्ट्री, आज 42 एसाेसिएशन विरोध में उत्तरी सड़कों पर, फिर से आए आदेश और समय तक के लिए इंडस्ट्री बंद करवा दी है से व्यापारी नाराज ,5 लाख श्रमिक काम करते हैं पानीपत की इन इंडस्ट्रियाें में छाेटी , बड़ी इंडस्ट्रियाें की संख्या करीब 12 हजार है। इनमें करीब 5 लाख श्रमिक काम करते हैं। इंडस्ट्रियाें के बंद हाेने से उद्यमियाें से ज्यादा परेशानी श्रमिक वर्ग काे हाे रही है। वह बेराेजगार बैठी है। काराेबार हाे रहा है प्रभावित।

वीओ--वही व्यपारियो ने सरकार पर भेदभाव का आरोप लगते हुए कहा की केवल सरकार द्वारा पानीपत के उधोग ही उधोग बंद करवाए गए है जबकि सोनीपत और करनाल के उधोग सुचारु रूप से चालू है ,व्यपारियो का कहना है की करनाल सीएम सिटी है इसलिए करनाल के उधोग बंद नहीं करवाए गए ,और जबकि सोनीपत भी दिल्ली के नजदीक है वह के उधोग भी चालू है सिर्फ सरकार द्वारा पानीपत के ही व्यपारियो को टारगेट कर रही है ,और उनके साथ भेदभाव कर रही है ,गुस्साए व्यपारियो ने सरकार व् प्रशाशन को चेतावनी देते हुए कहा अगर आज उनकी मांगो को नहीं माना गया तो वो कल अपने परिवार और श्रमिकों के परिवार के साथ मिलकर जोरदार प्रदर्शन करेंगे।

वीओ - डायर्स एसाेसिएशन के प्रधान भीम सिंह राणा ने कहा कि इस विराेध प्रदर्शन में सभी औद्योगिक और व्यापारिक संगठन समर्थन दे रहे हैं। इस कारण आज बाजाराें काे सांकेतिक रूप से बंद रखा जाएगा। ये एसाेसिएशन देंगी समर्थन,उग्राखेड़ी एसाे,कुटानी रोड एसाे,सनौली रोड एसाे,संयुक्त व्यापार मंडल, एसडी काॅलेज रोड एसाे,अमर भवन चौक एसाे, बरसत रोड एसाे,ट्रांसपाेर्ट एसाे, डाई केमिकल एसाे, पॉलिस्टर एसाेसिएश।

Conclusion:बाइट--भीम राणा ,प्रधान डायर्स एसाेसिएशन
बाइट--अविनाश गर्ग , कम्बल व्यपारी
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