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जलमग्न हुई पानीपत के किसानों की हजारों एकड़ फसल, 'धरती पुत्रों' ने सरकार से की ये मांग

ईटीवी भारत की टीम यमुना नदी की तलहटी पर बसे गांवो का जायजा लेने पहुंची. इस दौरान हमने देखा कि किसान अपनी बर्बाद फसलों को देखकर कितने हैरान और परेशान हैं.

जलमग्न हुई पानीपत के किसानों की हजारों एकड़ फसल
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Published : Aug 22, 2019, 1:04 PM IST

पानीपतः तीन दिन तक उफान के बाद बुधवार को यमुना का जलस्तर कम होने लगा है. हथिनीकुंड बैराज से डिस्चार्ज किए जा रहे पानी की मात्रा कम होने से यमुना का जलस्तर करीब डेढ़ मीटर घट गया है. यमुना नदी का जल स्तर तो कम हो गया लेकिन ये पानी आस-पास रहने वाले किसानों के लिए मुसीबत खड़ी कर रहा है.

जलमग्न हुई पानीपत के किसानों की हजारों एकड़ फसल

किसानों की फसलें बर्बाद
यमुना किनारे बसे गांवों की लगभग 20 हजार एकड़ फसल पानी में डूब कर खराब हो गई. जिसके चलते किसान परेशान हैं और सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं. यमुना का पानी पानीपत के किसानों के लिए मुसीबत लेकर आया है. पानीपत में यमुना के आस-पास लगते गांवों में लगभग 20 हजार एकड़ जमीन में खड़ी फसल बर्बाद हो चुकी हैं. किसानों का कहना है कि लाखों रुपये की लागत से बड़ी मेहनत करके फसल उगाई थी, लेकिन सारी की सारी मेहनत पर पानी फिर गया.

किसान कर रहे ये मांग
किसानों ने बताया कि उनका जीवन अपनी खेती पर ही निर्भर होता है और इसी से उनके परिवार का गुजारा चलता है. पूरे साल किसान खेत में मेहनत करके फसल उगाता है, लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनकी सारी मेहनत पर पानी फिर जाएगा. किसानों ने मांग की है कि जल्द ही उनकी बर्बाद फसलों का उनको मुआवजा मुहैया करवाया जाए जिससे किसानों को सामान्य जीवन जीने में किसी भी समस्या का सामना ना करना पड़ा.

पिछले काफी समय से उफान पर यमुना
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से यमुना के निकटवर्ती पहाड़ी और मैदानी क्षेत्र में अच्छी बारिश होने से यमुना उफान पर थी. प्रदेश की तरफ यमुना से सटे करीब 17 गांव हैं, अब तक इनकी करीब 4 हजार एकड़ फसलों में पानी घुस चुका है और सारी फसल भी बर्बाद हो चुकी है. पानीपत के किसान भी इसी समस्या से परेशान हैं.

पानीपतः तीन दिन तक उफान के बाद बुधवार को यमुना का जलस्तर कम होने लगा है. हथिनीकुंड बैराज से डिस्चार्ज किए जा रहे पानी की मात्रा कम होने से यमुना का जलस्तर करीब डेढ़ मीटर घट गया है. यमुना नदी का जल स्तर तो कम हो गया लेकिन ये पानी आस-पास रहने वाले किसानों के लिए मुसीबत खड़ी कर रहा है.

जलमग्न हुई पानीपत के किसानों की हजारों एकड़ फसल

किसानों की फसलें बर्बाद
यमुना किनारे बसे गांवों की लगभग 20 हजार एकड़ फसल पानी में डूब कर खराब हो गई. जिसके चलते किसान परेशान हैं और सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं. यमुना का पानी पानीपत के किसानों के लिए मुसीबत लेकर आया है. पानीपत में यमुना के आस-पास लगते गांवों में लगभग 20 हजार एकड़ जमीन में खड़ी फसल बर्बाद हो चुकी हैं. किसानों का कहना है कि लाखों रुपये की लागत से बड़ी मेहनत करके फसल उगाई थी, लेकिन सारी की सारी मेहनत पर पानी फिर गया.

किसान कर रहे ये मांग
किसानों ने बताया कि उनका जीवन अपनी खेती पर ही निर्भर होता है और इसी से उनके परिवार का गुजारा चलता है. पूरे साल किसान खेत में मेहनत करके फसल उगाता है, लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनकी सारी मेहनत पर पानी फिर जाएगा. किसानों ने मांग की है कि जल्द ही उनकी बर्बाद फसलों का उनको मुआवजा मुहैया करवाया जाए जिससे किसानों को सामान्य जीवन जीने में किसी भी समस्या का सामना ना करना पड़ा.

पिछले काफी समय से उफान पर यमुना
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से यमुना के निकटवर्ती पहाड़ी और मैदानी क्षेत्र में अच्छी बारिश होने से यमुना उफान पर थी. प्रदेश की तरफ यमुना से सटे करीब 17 गांव हैं, अब तक इनकी करीब 4 हजार एकड़ फसलों में पानी घुस चुका है और सारी फसल भी बर्बाद हो चुकी है. पानीपत के किसान भी इसी समस्या से परेशान हैं.

Intro:एंकर-- यमुना नदी का जल स्तर तो कम हुआ लेकिन यमुना का पानी आस पास रहने वाले किसानों के लिए मुसीबते खड़ी कर रहा है । यमुना के आस पास बसे गाँवो की लगभग 20 हजार एकड़ फसल पानी मे डूब कर खराब हो गई । जिसके चलते किसान परेशान है और सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे है ।



Body:वीओ - यमुना का पानी पानीपत के किसानों के लिए मुसीबते लेकर आया । पानीपत में यमुना के आस पास लगते गाँवो में लगभग 20 हजार एकड़ भूमि में खड़ी फसल हुई बर्बाद । किसानों का कहना लाखो रुपये की लागत से बड़ी मेहनत करके फसल उगाई थी । किसान ज्यादातर अपनी खेती पर ही निर्भर होता है जिससे उसके परिवार का गुजारा चलता है । पूरा साल किसान खेत मे मेहनत करके फसल उगाता है लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनकी सारी मेहनत पर पानी फिर जाएगा । ऐसा ही हुआ पानीपत के किसानों के साथ । ईटीवी भारत की टीम पहुची यमुना नदी की तलहटी पर बसे गाँवो का जायजा लेने और जानी किसानों की पीड़ा । किसानों की मांग प्रसाशन व सरकार जल्द से जल्द उनकी जमीन की गिरदावरी करवा कर उन्हें मुआवजा दे ।


Conclusion:बाइट - किसान
वन टू वन - अनिल कुमार
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