पानीपत: समालखा विधानसभा क्षेत्र में बड़ा घोटाला (scam in samalkha municipality) सामने आया है. आरटीआई से खुलासा हुआ है कि सीएम फ्लाइंग टीम ने अपनी जांच में समालखा नगर पालिका की तत्कालीन प्रधान निधि मित्तल समेत 8 पालिका अधिकारियों को रेलवे पार्क निर्माण की जांच में 24 लाख 86 हजार 421 रुपये के गबन का दोषी पाया है.
जांच रिपोर्ट पर शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त निदेशक एवं चीफ विजिलेंस ऑफिसर ने जिला पालिका आयुक्त आरके सिंह से 9 अगस्त 2021 को टिप्पणी सहित जांच रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन पिछले आठ महीने से जिला पालिका आयुक्त एवं कमिश्नर नगर निगम पानीपत आरके सिंह ने इस जांच रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल रखा है. जिला पालिका आयुक्त ने 15 फरवरी 2022 के रिमाइंडर पत्र का भी कोई जवाब चीफ विजिलेंस कमिश्नर को नहीं दिया.
ये खुलासा करते हुए आरटीआई एक्टिविस्ट एवं समालखा बचाओ संघर्ष मोर्चा संयोजक पीपी कपूर ने किया. उन्होंने सीएम फ्लाइंग टीम की जांच में गबन की दोषी पाई गई पूर्व पालिका प्रधान निधि मित्तल सहित सभी आठ अधिकारियों पर मामला दर्ज करके गिरफ्तारी करने की अपील की. पीपी कपूर ने गबन राशि ब्याज समेत वसूल करने की मांग भी की है. पीपी कपूर ने कहा कि नगर पालिका भ्रष्टाचार का गढ़ बन चुकी है.
आरटीआई से मिली जांच रिपोर्ट में बताया गया कि समालखा नगर पालिका ने रेलवे विभाग की भूमि पर पार्क निर्माण कार्य का ठेका 5 जून 2018 को ऑनलाइन टेंडर के आधार पर 15 लाख 94 हजार रुपये में ठेकेदार सतिंदर मलिक को दिया था. घपले की शिकायत की जांच के दौरान वास्तविक खर्च का मूल्यांकन गुणवता नियंत्रण मंडल करनाल के एसडीओ सुरेंद्र पाल से करवाया तो 24 लाख 86 हजार 421 रुपये की पेमेंट नियमों विरुद्ध ठेकेदार ने की थी. इसी तरह जांच में ये भी पाया गया कि बिहोली रोड़ पर निर्माणाधीन पंजाबी धर्मशाला के निर्माण में भी 11,114 रुपये का फालतू भुगतान ठेकेदार सतिंदर मलिक को करके सरकारी धन का गबन किया गया.
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