पानीपत: संसद संजय भाटिया ने दिल्ली में हुई हिंसा की कड़े शब्दों में निंदा की है. संजय भाटिया ने दिल्ली में हुए बवाल पर टिप्पणी करते हुए कहा कि संविधान की मान्यता के पर्व पर देश की राजधानी के दृश्य लोकतंत्र की गरिमा को चोट पहुंचाने वाले हैं. याद रखिए देश का सम्मान है तो आप हैं.
हिंसा लोकतंत्र की जड़ों में दीमक के समान है. जो लोग मर्यादा के बाहर जा रहे हैं वे अपने आंदोलन और अपनी मांग की वैधता और संघर्ष को ख़त्म कर रहे हैं. उन्होंने दिल्ली किसान आंदोलन में हुई हिंसा की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि अब वो नेता कहां है जो इस ट्रैक्टर मार्च की जिम्मेदारी उठा रहे थे.
संजय भाटिया ने कहा कि ट्रैक्टर मार्च का रूट भी ग़ायब, ज़िम्मेदारी लेने वाले, किसान संगठनों के नेता भी ग़ायब, कौन कर रहा है किसानों के नाम हिंसा, ज़िम्मेवार कौन? क़ानूनों में सुधार की गारंटी व डेढ़ साल तक रोकने के जीत के बाद भी कौन दहला रहा है. गणतंत्र दिवस पर अपनी ही राजधानी को और किस मक़सद से. सांसद संजय भाटिया ने कहा कि देश का लाल क़िला देश के सम्मान का प्रतीक है और इस पर देश के प्रधानमंत्री को ही झंडा फहराने का अधिकार है.
ये भी पढ़ें- ट्रैक्टर मार्च का रूट भी गायब और जिम्मेदारी लेने वाले किसान नेता भी गायब- ओपी धनखड़
सांसद संजय भाटिया ने कहा कि पुलिस ने शर्तों के साथ किसानों को ट्रैक्टर परेड निकालने की इजाजत दी थी. किसानों ने खुद भी कुछ नियम तय किए थे, लेकिन ट्रैक्टर मार्च आगे बढ़ा तो प्रदर्शनकारियों ने सभी नियम-कायदे ताक पर रख दिए गए. गौरतलब है कि दिल्ली बॉर्डर पर जमे किसानों ने आज ट्रैक्टर निकाली. इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच जमकर झड़प हुई. कई प्रदर्शनकारी किसान जगह-जगह बैरिकेडिंग तोड़ते हुए दिल्ली के अंदर घुस गए और तोड़फोड़ की.