पानीपतः हरियाणा में भाजपा सरकार द्वारा वर्ष 2015 में लागू किया गया गौवंश संरक्षण एवं गौ संवर्धन कानून प्रदेश वासियों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है. आरटीआई में डीजीपी कार्यालय द्वारा दी गई सूचना मुताबिक पिछले 2 सालों (वर्ष 2018-19) में गाय-सांड के हमलों और दुर्घटनाओं में प्रदेश में 241 व्यक्ति जान से हाथ धो बैठे हैं. वहीं गौशालाओं में बड़ी संख्या में गौवंश भी मर रहे हैं. प्रदेश को आवारा पशु मुक्त करने का अभियान दो बार विफल हो चुका है. लेकिन सरकार बेखबर है.
आवारा पशुओं के हमले में मारे गए लोगों का जिलेवार ब्यौराः-
जिला | मरने वालों की संख्या | जिला | मरने वालों की संख्या |
फतेहाबाद | 40 | झज्जर | 10 |
अंबाला | 36 | करनाल | 9 |
कैथल | 23 | रेवाड़ी | 7 |
सिरसा | 23 | यमुनानगर | 7 |
हिसार | 19 | कुरूक्षेत्र | 4 |
पंचकूला | 16 | चरखी दादरी | 3 |
सोनीपत | 14 | फरीदाबाद | 2 |
भिवानी | 13 | पलवल | 2 |
गुरूग्राम, जींद, नूंह, नारनौल में आवारा पशु किसी की मौत का कारण नहीं बने हैं.
दिव्यांग हुए लोगों की गिनती नहीं
आरटीआई कार्यकर्ता का कहना है कि मात्र 2 वर्ष में 241 लोगों के मरने का आंकड़ा तो दर्ज पुलिस रिकॉर्ड का है. जबकि असलियत में यह संख्या हजारों में है. वहीं आवारा पशुओं से दुर्घटना के कारण दिव्यांग हुए लोगों की तो गिनती ही नहीं.
गौशालाओं में मर रहे गौवंश
आरटीआई कार्यकर्ता ने बताया कि गौसेवा आयोग का वार्षिक बजट 45 लाख से बढक़र 30 करोड़ हो चुका है. सरकार ने प्रदेश में 18 पुलिस इंस्पेक्टरों सहित कुल 332 पुलिसकर्मियों को गऊ रक्षा दस्ते में लगा रखा है. लेकिन गौशाओं में बड़ी संख्या में गौ श की मौत हो रही है.
2017-18 में सिरसा जिले में 10,772 गौवंश की मौत
साल 2017-18 में अकेले सिरसा जिले की गौशालाओं में कुल 10,772 गौवंश की मौत हो चुकी है. प्रदेश की कुल गौशालाओं में अब तक करीब 4 लाख गौवंश हैं. करीब 1.50 लाख आवारा गौवंश सड़कों पर है. प्रदेश सरकार ने जिलास्तर पर एडीसी की अध्यक्षता में प्रदेश को आवारा पशु मुक्त कराने के लिए कमेटियां गठित कर रखी हैं.
प्रदेश के आवारा पशु मुक्त करने का अभियान फेल
पहले 15 अगस्त 2018 और फिर 26 जनवरी 2019 तक दो बार प्रदेश को आवारा पशु मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया. लेकिन दोनों बार अभियान बुरी तरह विफल रहा.
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